News-रीको द्वारा धोइंदा औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक भूखंडों की होगी ई-नीलामी
राजसमंद। राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) द्वारा राजसमंद जिले के धोइंदा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित 22 औद्योगिक भूखंडों की ई-नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। ये भूखंड 500 वर्ग मीटर से लेकर 4497 वर्ग मीटर तक के आकार में उपलब्ध हैं।
रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक श्री राधा किशन गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि यह ई-नीलामी दिनांक 7 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुकी है। 22 अप्रैल सायं 6:00 बजे तक रीको की वेबसाइट www.riico.co.in या एसएसओ के माध्यम से पंजीकरण एवं अमानत राशि का ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं। पंजीकृत उद्यमी 23 अप्रैल 2025 प्रातः 10 बजे से 25 अप्रैल 2025 सायं 5:00 बजे तक ई-नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
इस बार नीलामी प्रक्रिया के नियमों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। भूखंड आवंटन के बाद, उद्यमी को दो वर्षों के भीतर उद्योग को उत्पादन में लाना अनिवार्य होगा। इस दौरान, निर्माण क्षेत्रफल भूखंड के कुल क्षेत्रफल का कम से कम 30% होना चाहिए। साथ ही, उद्यमी रिक्त भूखंड को नहीं बेच सकेंगे तथा केवल उत्पादन प्रारंभ होने के पांच वर्षों के बाद ही अपने उद्योग को बेचने की अनुमति होगी।
News-मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 51 हजार रुपए तक की आर्थिक सहायता का लाभ उठाएं :कलक्टर
राजसमंद 8 अप्रैल। राज्य सरकार निर्धन एवं जरूरतमंद वर्ग के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। राज्य सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह सहायता प्रदान की जाती है। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक दीपेन्द्र सिंह को इस योजना में समस्त पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं ताकि अंतिम छोर तक इस योजना का लाभ पहुँच सके। साथ ही कलक्टर ने आमजन से भी अपील की है कि पात्र व्यक्ति योजना में पंजीयन करवा कर लाभ अवश्य प्राप्त करें।
समाज कल्याण उप निदेशक सिंह ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की कन्याओं के विवाह हेतु सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत पात्रता एवं लाभार्थियों से संबंधित विभाग द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। योजना के अंतर्गत केवल राजस्थान के मूल निवासियों को ही सहायता प्रदान की जा रही है। योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक वर्ग के बीपीएल परिवारों की कन्याओं के विवाह पर अधिकतम 51 हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। इसी तरह शेष सभी वर्गों के बीपीएल परिवारों, अंत्योदय परिवार, आस्था कार्ड धारी परिवार, आर्थिक दृष्टि से कमजोर विधवा महिलाओं, विशेष योग्यजन व्यक्तियों की कन्याओं, पालनहार योजना में लाभान्वित कन्याओं एवं स्वयं महिला खिलाड़ी के विवाह पर अधिकतम 41 हजार रुपए की सहायता दी जा रही है।
योजना के तहत विवाह योग्य कन्या के पिता, माता या संरक्षक ही आवेदन करने के पात्र हैं। योजना केवल 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की अधिकतम दो कन्या संतानों के विवाह हेतु लागू होगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक वर्ग के बीपीएल परिवारों की कन्याओं के विवाह के लिए विशेष सहायता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, शेष सभी वर्गों के बीपीएल परिवार, अंत्योदय परिवार, आस्था कार्डधारी परिवार, आर्थिक रूप से कमजोर विधवा महिलाओं, विशेष योग्यजन व्यक्तियों और पालनहार योजना से जुड़े लाभार्थी भी इस सहायता का लाभ उठा सकते हैं।
उन विधवा महिलाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु भी अनुदान दिया जाएगा जिनकी वार्षिक आय 50,000 रुपये से अधिक नहीं है तथा परिवार में 25 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई कमाने वाला सदस्य नहीं है। यदि किसी विवाह योग्य कन्या के माता-पिता दोनों का देहांत हो चुका है, तो उसकी देखभाल करने वाली विधवा संरक्षक महिला द्वारा आवेदन किया जा सकता है। जिन कन्या संतानों को पूर्व में सहयोग योजना अथवा विधवा पुत्री विवाह सहायता योजना के तहत अनुदान राशि प्राप्त हो चुकी है, उन्हें भी इस नवीन योजना में अधिकतम संतानों की गिनती में सम्मिलित माना जाएगा।
यह योजना राजस्थान सरकार की ओर से समाज के कमजोर वर्गों को संबल प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे योग्य कन्याओं के विवाह में आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जा सके। पात्र व्यक्ति योजना का लाभ उठाने के लिए ई मित्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं या पुरानी कलेक्टरी स्थित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।
News-प्रशासन का 'परिंडा अभियान', कलेक्ट्रेट से हुआ आगाज़
राजसमंद, 8 अप्रैल। गर्मी के मौसम में भीषण ताप और जल संकट का सबसे अधिक प्रभाव न केवल इंसानों पर, बल्कि निरीह पक्षियों पर भी पड़ता है। पक्षियों को पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है, लेकिन ग्रीष्म ऋतु में जल स्रोतों में पानी की कमी के कारण उन्हें पीने के लिए स्वच्छ जल मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में परिंडे (जल पात्र) पक्षियों के लिए जीवनरक्षक सिद्ध होते हैं। ये न केवल उन्हें प्यास बुझाने का जरिया देते हैं, बल्कि गर्मी के दौरान उनके शरीर के ताप को संतुलित रखने में भी मदद करते हैं।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने अब 'परिंडा अभियान' शुरू किया है। मंगलवार को जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने कलेक्ट्रेट में परिंडे बांधकर और उनमें पक्षियों के लिए जल भरकर अभियान की शुरुआत की। एडीएम नरेश बुनकर, सीईओ बृजमोहन बैरवा सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस दौरान सभी कार्मिकों और कलेक्ट्रेट पहुँचे आम नागरिकों को भी परिंडे वितरित किए गए। ये परिंडे जिले के प्रख्यात पक्षीप्रेमी कृष्ण गोपाल गुर्जर द्वारा बनाए गए थे। वर्षों से गुर्जर द्वारा किए जा रहे इस पावन कार्य के लिए कलक्टर ने उपरना ओढ़ाकर उनका सम्मान भी किया।
प्रशासन की अपील: सभी लगाएं परिंडे
जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने जिले के सभी निवासियों से यह अपील की है कि अपने-अपने घरों या जहां भी संभव हो, पक्षियों के लिए परिंडे अवश्य लगाएं और उनमें नियमित रूप से जल भी भरें।
कलक्टर ने कहा कि परिंडे लगाने से न केवल पक्षियों की प्यास बुझाई जा सकती है, बल्कि यह मानवीय करुणा और पर्यावरण के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी का प्रतीक भी बन जाता है। घर की छत, बालकनी, पेड़ों या खुले स्थानों पर परिंडे लगाकर उन्हें प्रतिदिन ताज़ा जल देना एक सरल प्रयास है।
अब तक वितरित कर चुके हज़ारों परिंडे:
जिले के नाथद्वारा निवासी और राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भोपा की भागल के अध्यापक कृष्ण गोपाल गुर्जर ने जिला कलक्टर को बताया कि वे 27 वर्षों से यह कार्य कर रहे हैं और अब तक 72 हज़ार से अधिक परिंडे, पक्षी दाना स्टैंड, मिट्टी-लकड़ी से निर्मित घोंसले, पानी के कुंड आदि भामाशाहों के सहयोग से वितरित कर चुके हैं। इस कार्य में उनके सहयोगी अध्यापक जितेंद्र गुर्जर, करौली भी मदद करते हैं। कलेक्ट्रेट में अभियान शुभारंभ के दौरान सहयोगी देवांगभाई (मुंबई), आशीष भाई संघवी (मुंबई), सीडीईओ मुकुट बिहारी शर्मा, डीईओ प्रारंभिक राजेन्द्र गग्गड़, डीईओ माध्यमिक नूतन प्रकाश जोशी आदि उपस्थित रहे।
News-सड़क गुणवत्ता निरीक्षण हेतु सगुनी यात्रा पहुंची राजसमंद
राजसमंद। सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं निदेशालय तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, संवत् 2082 को शुरू हुई सड़क गुणवत्ता निरीक्षण (सगुनी) यात्रा गंगानगर से शुरू होकर सिरोही होती हुई मंगलवार को राजसमंद शहर पहुँची। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों के दोष निवारण अवधि में संवेदकों द्वारा किए जाने वाले रख-रखाव का मूल्यांकन पॉलीटेक्निक महाविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्रों द्वारा किया जाना है। यात्रा के दौरान पॉलीटेक्निक कॉलेज के प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया।
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सड़क सुरक्षा के विषय पर आयोजित बैठक में विद्यार्थियों को यातायात के नियमों के बारे में जानकारी दी गई। यह यात्रा सार्वजनिक निर्माण विभाग की गुण नियंत्रण इकाई के नेतृत्व में निकाली जा रही है। कार्यक्रम में सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (गुण नियंत्रण) जसवंत खत्री, अधीक्षण अभियंता मगनी राम, अधीक्षण अभियंता (गुण नियंत्रण) मुनीमचंद मीणा, अधिशासी अभियंता (गुण नियंत्रण), जयपुर वेद प्रकाश उपाध्याय, हीरा लाल सालवी, भानुप्रकाश, सहायक अभियंता अंजू धाकड़, तरुणा सहित अन्य अभियंता गण, पॉलीटेक्निक महाविद्यालय के प्राचार्य विवेक सक्सेना, प्रोफेसर रविकांत व्यास एवं अन्य प्रवक्ता उपस्थित रहे। यात्रा के दौरान राजसमंद जिले की दोष निवारण अवधि की सड़कों का मूल्यांकन निर्धारित चेक लिस्ट के अनुसार विद्यार्थियों द्वारा किया गया।
News-संपर्क पोर्टल की समीक्षा बैठक आयोजित
राजसमंद, 8 अप्रैल। भारतीय नववर्ष में जिला स्तरीय अधिकारियों की प्रथम मासिक समीक्षा बैठक मंगलवार को जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में बजट घोषणाओं से लेकर समस्त विभागीय योजनाओं, संपर्क पोर्टल, वर्ष 2025-26 के एक्शन प्लान, आगामी योजनाएं, नवाचार आदि पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में कलक्टर ने कहा कि अधिकारी हमेशा यह प्रयास करें कि उन योजनाओं में प्राथमिकता पर कार्य करें जहां किसी निर्धन और वंचित व्यक्ति का हित जुड़ा हुआ है। कलक्टर ने बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 में हुए नवाचारों को लेकर श्रम संबल के लिए श्रम विभाग, प्रोजेक्ट सक्षम सखी के लिए राजीविका, स्वच्छ राजसमंद स्वस्थ राजसमंद के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग तथा नगर निकायों, मिशन कुटुंब कवच के लिए एलडीएम, डीपीएम राजीविका सहित टीम को उत्कृष्ट प्रगति पर बधाई देते हुए सराहना की। विशेष तौर पर श्रम संबल के लिए कहा कि जहां वर्ष 2023-24 में महज 571 बच्चों को 53.06 लाख रुपये की छात्रवृत्ति मिली थी, वहीं अभियान के तहत हुए प्रयासों से 2024-25 में 6455 बच्चों को 6.07 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति स्वीकृत हो सकी। ऐसे ही स्वच्छ राजसमंद, स्वस्थ राजसमंद के लिए कहा कि पहली बार ग्रामीण क्षेत्र में वृहद स्तर पर सफाई अभियान चलाए जाकर हम सूरत बदल सके, यह जिला प्रशासन की उपलब्धि है। कलक्टर ने कहा कि आने वाले समय में भी सभी अधिकारी आपसी समन्वय से इसी तरह जनहित के कार्यों को सर्वोपरि रखें।
इसी तरह हरियालो राजस्थान अभियान की समीक्षा करते हुए कलक्टर ने कहा कि पौधे लगाने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि उन्हें देखभाल कर बड़ा किया जाए। सभी विभाग इस अभियान में अभी से जुट जाएं और तैयारी कर लें। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी साप्ताहिक बैठक में सभी विभाग अपने वर्ष भर की ऑफिस सामग्री जैसे फिनाइल, फाइल, फोल्डर, कवर आदि का अग्रिम ऑर्डर लेकर आएं, जिनकी आपूर्ति स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से कराकर महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान दिया जा सके। साथ ही इस वर्ष सभी विभागों की क्या कार्ययोजनाएं रहेंगी, यह भी बताएं। बैठक में एडीएम नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा, एडिशनल एसपी (महिला सेल) रजत, उपखंड अधिकारी बृजेश गुप्ता सहित समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
News-"फेंके नहीं, हमें दें" अभियान के तहत नवजात बालिका का पालना गृह में सुरक्षित परित्याग
राजसमंद। "फेंके नहीं, हमें दें" अभियान के अंतर्गत जिला मुख्यालय स्थित आर.के. राजकीय जिला चिकित्सालय के पालना गृह में रविवार शाम करीब 7 बजे एक नवजात बालिका का सुरक्षित परित्याग किया गया। नवजात बालिका को पालना गृह में छोड़ने के बाद उसकी देखरेख और स्वास्थ्य जांच की संपूर्ण व्यवस्था चिकित्सालय प्रशासन द्वारा की गई।
बालिका का नाम "सिया" रखा गया है। सोमवार को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सदस्य बहादुरसिंह, हरजेंद्र सिंह चौधरी, सीमा डागलिया, रेखा गुर्जर एवं बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक एवं राजकीय शिशु गृह अधीक्षक दीपेंद्रसिंह शेखावत, समन्वयक प्रकाशचंद्र सालवी ने चिकित्सालय पहुंच कर बालिका की स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ली।
प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश रजक के निर्देशन में डॉ. सारांश संबल, डॉ. सावन सोनी, डॉ. अभिषेक, डॉ. भरत कुमार एवं नर्सिंग स्टाफ द्वारा नवजात की विशेष देखभाल की जा रही है। इसमें सीनियर नर्सिंग ऑफिसर नानालाल कुमावत, प्रेमशंकर पुरबिया, नर्सिंग ऑफिसर नूतन रेगर, प्रेमलता रेगर, रेखा गाडरी, भावना आमेटा, लीला राठौड़, अदिति वर्मा, पुष्पा कुमावत, निशा माली एवं सुरक्षा गार्ड मीना सेन सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल ने बताया कि जिले में अनचाहे नवजात शिशुओं के सुरक्षित परित्याग हेतु आर.के. राजकीय जिला चिकित्सालय, गोवर्धन जिला चिकित्सालय नाथद्वारा एवं वेदांता ग्रुप व हिंदुस्तान जिंक के सहयोग से 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पालना गृह स्थापित किए गए हैं। ये केंद्र कांकरोली, रेलमगरा, दरिबा, गिलूण्ड, कुरज, सालोर, देलवाड़ा, खमनोर, झालों की मदार, केलवा, केलवाड़ा, चारभुजा, आमेट, छापली, देवगढ़ व भीम में संचालित हैं।
उन्होंने जनता से अपील की कि वे अनचाहे नवजात शिशुओं को कचरे, नदी, मंदिर या जंगल में न छोड़ें। सुरक्षित परित्याग के माध्यम से शिशु का जीवन बचाया जा सकता है और उसे केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण की प्रक्रिया द्वारा किसी परिवार का उजाला बनाया जा सकता है। शिशु को सुरक्षित रूप से अभ्यर्पित करने हेतु कोई भी परिजन अथवा रिश्तेदार बाल कल्याण समिति कार्यालय (ने.हा 8, देवथड़ी रोड के सामने) पर संपर्क कर सकता है। अभ्यर्पण करने वाले की पहचान पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जाती है। शिशु गृह समन्वयक प्रकाशचंद्र सालवी ने बताया कि ऐसे दंपत्ति जो संतान सुख से वंचित हैं, वे कारा पोर्टल पर पंजीकरण कर या राजकीय शिशु गृह (स्थान – गोराजी कालाजी मंदिर के पीछे, कलालवाटी) में संपर्क कर दत्तक ग्रहण प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
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