केंद्र सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर (पीसी), अल्ट्रा स्माल फॉर्म फैक्टर (यूएसएफएफ) कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर गुरूवार को अंकुश लगा दिया। यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। किसी उत्पाद के आयात को अंकुश की श्रेणी में डालने का मतलब है की उनके आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी। माना जा रहा है की सरकार के इस कदम का मकसद भारत में इन सामान के निर्माण को बढ़ावा देना है। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत कंपनियों को देश में इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
डायरेक्ट जनरल ऑफ फॉरन ट्रेड (DGFT) की ओर से गुरूवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक शोध एवं विकास ,परीक्षण बेंचमार्किंग, मूल्यांकन,मरम्मत और उत्पाद विकास के उदेश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छुट रहेगी। सूक्ष्म कंप्यूटर, बड़े कंप्यूटर और कुछ डाटा प्रोसेसिंग मशीनों को भी अंकुश की श्रेणी में रखा गया है। लाइसेंस होने पर ही इन उत्पादों के आयात की अनुमति दी जाएगी।
बढ़ सकते है दाम
इस फैसले से लोकल मैन्युफैक्चरर्स और ऐसी विदेशी कंपनियों को फायदा होगा, जो देश में लगातार प्रोडक्शन कर लोकल सप्लाई को बढ़ावा दे रही है और दुसरे देशों को एक्सपोर्ट कर रही है।
भारत को दुनिया का नया आइटी हब कहा जाता है। यहाँ इलेक्ट्रॉनिक सामान की बड़ी डिमांड है। इलेक्ट्रॉनिक सामान के आयात पर अंकुश से कुछ समय के लिए बाज़ार पर असर पड सकता है। इनके दाम बढ़ सकते है।
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