उदयपुर 12 मार्च 2025 । सज्जनगढ़ सेंचुरी में आग को थमे चार दिन के बाद ही शहर का प्रतापनगर और देबारी वनखंड सुलग उठा। कल मंगलवार दोपहर में इन क्षेत्रो में आग सुलगी थी। वन विभाग के कर्मचारियों ने पेड़ों की टहनियों से आग पर काबू पा लिया हालाँकि 12 हेक्टेयर जंगल खाक हो गया। कर्मचारी चैन लेते इससे पहले ही देर रात वन क्षेत्र फिर धधक उठा। और इस बार की आग में 25 हेक्टेयर में पेड़-पौधे जल गए। कुल मिलाकर आग में 37 हेक्टेयर जंगल जल गया।
विभाग के कर्मचारियों के अनुसार मंगलवार दोपहर में प्रतापनगर की तरफ से गूगला मगरा पर आग लगी। करीब 2 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा। इसके बाद देबारी के मोटा मगरा में 10 हेक्टेयर जंगल राख हुआ। रात को फिर आग भड़की तो पेड़-पौधे खाक हुए। लपटें देर रात तक उठती रहीं और कर्मचारी भी जुटे रहे। सूखी घास और बांस के पेड़ ज्यादा होने से आग तेजी से फैली।
राहत की बात ये है कि इस वन क्षेत्र में वन्यजीव नहीं हैं। एक-दो मगरों पर दो-तीन तेंदुओं का मूवमेंट है, लेकिन आग के कारण अमूमन तेंदुए इलाका छोड़कर घने जंगल में चले जाते हैं। जिले में होली के आसपास वन क्षेत्रों में आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं। कई जगह मगरे जलाने की परंपरा है, जबकि कई बार बढ़ती गर्मी के बीच सूखी लकड़ियों में घर्षण से आग लग जाती है। सज्जनगढ़ सेंचुरी में लगी आग पांच दिन में बुझ पाई थी।
"ज़िला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा की जहां आग लगी हुई वो पूरी तरह से फारेस्ट डिपार्टमेंट के अंतर्गत आता हैं, साथ ही इन पहाड़ों पर कोई इंसान नहीं रहते जिस से किसी तरह किसी के जीवन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा हैं, डीएफओ अजय चितोड़ा मौके पर गए हैं वो इस्थिति पर नजर रखे हुए हैं। "
डीएफओ अजय चितोडा ने बताया की आग पर काबू पर लिया गया हैं, कोई जनहानि नहीं हुई हैं लेकिन आग को वजह से पहाड़ी पर रहने वाले जंगली जानवर थोड़े परेशान जरूर हुए होंगे लेकिन स्थिति नियंत्रण में हैं।
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