उदयपुर के मनु सेवा संस्थान में हुए चोंकाने वाले खुलासे के बाद मंगलवार सुबह बाल कल्याण समिति व जिला प्रशासन की टीमें बालिका सुधार गृह पहुंची । बाल कल्याण समिति की अनुमति के बगैर बालिका सुधार गृह में संचालित हो रही अनैतिक गतिविधियों का खुलासा होने के बाद प्रशासन में हडक़ंप मच गया। सुबह से ही बाल कल्याण समिति कि टीमें और पूरा प्रशासनिक अधिकारी मामले कि जांच में ही लगे रहें।
इधर, मनु सेवा संस्थान के बालिका सुधार गृह से बालिकाओं को राजकीय गृह में शिफ्ट किया गया। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष ध्रुव कुमार कविया ने बताया कि मनु सेवा संस्थान में 16 बच्चियों के बयान लिए है।
संचालिका और अन्य सदस्यों से भी पूछताछ की। इसमें अनियमितताएं जरूर पाई गई है जैसे रजिस्टर में एंट्री नहीं की गई। जबकि पैसे लेना संचालिका ने स्वीकार किया है लेकिन उसका कहना है कि ये पैसे माता-पिता ने दिए थे।
दूसरी ओर बच्चियों का कहना है कि माता-पिता के साथ रविवार को कुछ लोग आए थे जिनको वो नहीं जानती है। अधिकारीयों के मुताबिक पूरे मामले में संचालिका गुणमाला चेलावत की भूमिका संदेह के घेरे में है इसलिए पुलिस को एफआईआर दर्ज कर जांच करने के लिए लिख दिया है।
पुलिस इस मामले में आगे की जांच करेगी। टीम ने सीसीटीवी खंगालकर बच्चियों को सरकारी गृह में शिफ्ट कर दिया है। वहां पर तीन स्तर पर बच्चियों की काउंसलिंग होगी। संभावना जताई जा रही है कि मनु सेवा संस्थान के बालिका सुधार गृह से बच्चियों का लगाव हो इसलिए वो बोल नहीं पा रही है। ऐसे में तीन अलग-अलग स्तर पर बच्चियों की काउंसलिंग कर इस मामले की जांच की जाएगी।
जानकारी के अनुसार बालिका सुधार गृह में नाबालिग लड़कियों से बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की बिना अनुमति के उनके मां-बाप भी नहीं मिल सकते हैं बावजूद इसके शहर के मनु सेवा संस्थान के बालिका सुधार गृह की संचालिका गुणमाला चेलावत 6 से 10 हजार रुपए लेकर पुरुषों को एंट्री दे रही थी।
वह लडक़ी को सगाई व शादी के लिए तैयार करने की भी गारंटी ले रही थी। इसका खुलासा गोगुंदा क्षेत्र की एक लडक़ी के गैर जाति के युवक के साथ भाग जाने के बाद हुआ। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने कार्रवाई की। नाबालिग लडक़ी को पुलिस ने डिटेन किया। लडक़ी ने अपने माता-पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया तो सीडब्ल्यूसी ने सितंबर में उसे गोवर्धन विलास सेक्टर-14 स्थित मनु सेवा संस्थान के बालिका सुधार गृह में भेज दिया। अनपढ़ माता-पिता उससे मिलने के लिए सुधार गृह गए तो संचालिका ने मिलाने के लिए रुपए मांगे। माता-पिता के अनुसार पहली बार 10 हजार रुपए, दो बार 6-6 हजार और एक बार 2300 रुपए की सामग्री ली। कई बार रुपए नहीं थे और कम रुपए देने चाहे तो संचालिका नहीं मानी।
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