उदयपुर, 5 सितंबर 2024। वर्तमान में मौसमी बीमारियों को प्रकोप चल रहा हैं। प्रतिवर्ष मानसून के दौरान एवं बाद में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया एवं मच्छर जनित बीमारियों को प्रकोप रहता है । मच्छरों के पनपने का मुख्य साधन रूका हुआ पानी है, जिसमें मच्छर अंडे देता है। इन अण्डों से लार्वा निकलते हैं तथा कुल सात दिनों में ये लार्वा मच्छर बन जाते हैं। उन्होंने कहा है कि लोग अपने घरों के आसपास के खाली भूखंडों में कचरा नहीं फेंके, जहां पर पानी जमा हो रहा हैं उन पात्रों को खाली कर दें। मलेरिया, डेंगू आदि को रोकने के लिये मच्छरों के प्रजनन को रोका जाना अति आवश्यक है। ये बातें गुरुवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ .शंकर लाल बामनिया ने सूचना केंद्र में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही।
घरों में जमा पानी से पनपते हैं डेंगू पनपाने वाले मच्छर
डॉ. बामनिया ने कहा कि मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिये जहां पानी जमा होता हैं तथा जिन पात्रों में पानी जमा हो रहा हैं उन पात्रों को अतिशीघ्र खाली किया जाना आवश्यक हैं। मच्छरों के लार्वा जो कि सामान्य भाषा में हम पानी के कीड़े कहते हैं, इन कीड़ों वाले जमा पानी को तुरन्त खाली कर दिया जाये तो मच्छरों के प्रजनन को काफी हद तक रोका जा सकता है एवं बीमारियों से बचा जा सकता हैं। उक्त कार्य को करने के लिये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा स्थानीय प्रशासन मुस्तैद है परंतु इसके अलावा आमजन के सहयोग की भी महत्ती भूमिका होती है। आमजन द्वारा यदि अपने घर में तथा आसपास जहां पर घरेलू अथवा बरसाती पानी जमा हो रहा हैं उसे उसी समय खाली कर दिया जाये तो उक्त बीमारियों के रोकथाम में काफी मदद मिलेगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा है अभियान
डॉ. बामनिया ने बताया कि इन दिनों चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सघन अभियान “स्वास्थ्य दल - आपके द्वार“ कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं जिसमें विभाग की आशा सहयोगिनी, एएनएम एवं एलएचवी के साथ ही चिकित्सा अधिकारी द्वारा भी घर-घर सर्वे किया जा रहा हैं। बुखार के रोगियों की ब्लड स्लाइड लेकर जांच करवायी जा रही हैं, साथ की मच्छरों के पनपने के स्थान पर एन्टी लार्वा एवं एन्टी एडल्ट गतिविधियां संपादित की जा रही हैं। उक्त समस्त कार्यवाही की प्रभावी मॉनिटरिंग एवं भौतिक सत्यापन जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा की जा रही हैं।
12 सेक्टर में 30 टीमें कर रही हैं काम
डॉ. बामनिया ने बताया कि वर्तमान में उदयपुर शहर क्षेत्र में मेडिकल टीमों तथा नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में विशेष अभियान के तहत् सर्वे कार्य किया जा रहा हैं। नगर निगम क्षेत्र में सभी वार्डों में फॉगिंग भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि शहर के 12 सेक्टर में 30 से ज्यादा टीमें सर्वें व लोगों से समझाइश का कार्य कर रही है। इस कार्य में शहर के 24 नर्सिंग कॉलेज का सहयोग भी लिया जा रहा है।
घरों में ही पनप रहे हैं मच्छर
डॉ बामनिया ने कहा कि फील्ड सर्वे के दौरान कुछ समस्यों सामने आती हैं जब घर मालिक अपने घर के आसपास साफ-सफाई तो रखते हैं परंतु घर के अंदर कई पात्रों में पानी जमा रहता है जो कि मच्छरों के पनपने का मुख्य साधन हैं। जैसे घर की छतों पर पड़े कबाड़, परिंडे, पोर्च में रखें हुए गमले, फ्रीज की ट्रे, बंद कुलर, नारियल का खोल, टिन, कनस्तर, डब्बे आदि में कई दिनों से पानी भरा हुआ होता है जिसकी जानकारी घर मालिक को नहीं होती हैं। उन्होंने आमजन से अनुरोध किया कि उक्त पात्र जिनमें पानी जमा हैं को तुरंत खाली कर देवे। जमा पानी को जमीन पर उड़ेल कर पात्रों को रगड़ कर अच्छी तरह से साफ कर लेवें।
शहर के कुछ इलाकों में डेंगू के प्रकरण ज्यादा, आमजन से सहयोग की अपील
इसी क्रम में डॉ बामनिया ने बताया कि उदयपुर शहर के कुछ क्षेत्रों में डेंगू के प्रकरण अधिक रिपोर्ट किये गये हैं। ये प्रकरण मुख्यतया रामपुरा, हर्षनगर, मल्लातलाई, मादड़ी इन्डस्ट्रियल एरिया, टेकरी, सेक्टर-14, पुलिस लाईन आदि क्षेत्रों में प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा प्रभावी रोकथाम कार्यवाही की जा रही हैं। विभाग द्वारा डेंगू पॉजिटिव पाये गये प्रकरणों के घरों के आसपास 600 मीटर दायरे में पायरेथ्रम कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा हैं एवं गन्दे पानी में एमएलओ तथा साफ पानी में टेमिफोस डाला जा रहा हैं।
नियंत्रण कक्ष को सूचित करें : डॉ. जैन
इस मौके पर डिप्टी सीएमएचओ डॉ. अंकित जैन ने कहा कि डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए जिला मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। किसी भी प्रकार की समस्या अथवा सूचना के लिए जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर 6367304312 .पर सूचना दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि किसी सदस्य को बुखार के लक्षण हो तो तुरंत स्वास्थ्य कार्मिक को सूचित करें ताकि उसका समय पर उपचार किया जा सकें अथवा नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाने की व्यवस्था की जा सकें।
गौरतलब हैं कि डेंगू के वायरस का मुख्य वाहक एडिज एजिप्टी नामक मच्छर होता हैं जो कि साफ पानी में अण्डे देता हैं, यह मच्छर दिन में ही काटता हैं ऐसे में पुरे आस्तीन के कपड़े पहनने, घरों में मच्छर जाली लगाने ,बच्चों का विशेष ध्यान रखने तथा अपने क्षेत्र में फोगिंग के दौरान खाने पीने की चीजों को ढंक कर रखने की सलाह दी जाती है। डेंगू के लक्षण जी मिचलाना, तेज बुखार आना, उल्टी होना, आँखों, पीछे दर्द, सिद दर्द आदि होने पर या किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी होने पर तुरन्त चिकित्सक को दिखाएं।
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