उदयपुर और सलुम्बर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र नीम हकीम चिकित्सक और अवैध क्लीनिक पर कारवाई करने के लिए स्वास्थय विभाग ने कमर कस ली है, लगातार मिल रही शिकायतो के मदेयनजर स्वास्थ्य विभाग जल्द पुलिस और विभाग के बीसी एमओ के सहयोग से कारवाई करने की रूप रेखा तैयार कर रहा है।
सीएमएचओ शंकर बामनिया से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में शिकायत मिलने पर विभाग झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध क्लीनिक पर कारवाई करता था, इस दौरान एक झोलाछाप पर कारवाई के बाद अन्य झोलाछाप या तो मौके से भाग खड़ा हो जाता था, या कुछ समय के लिए भूमिगत हो जाता था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग उदयपुर अब जिले के सभी बीसी एमओ और स्थानीय पुलिस के सहयोग से सघन अभियान शुरु करेगा।
इस आभियान में लगातार कारवाई की जाएंगी, जिसमे ड्रग इंस्पेक्टर का सहयोग लेकर पहले झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध क्लीनिक को चिन्हित किया जायेगा, और पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग लेकर कारवाई की जाएंगी।
आपको बता दे कि मीडिया में लगातार झोलाछाप चिकित्सको और अवैध क्लीनिक की खबर का प्रसारण किया जा रहा है, जिसके बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है।
मिडिया में झोला छाप चिकित्सको के साथ अवैध क्लिनिक और मेडीकल की आड़ में हो रहे आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ की खबर को प्रमुखता से दिखाया गया था, जिसमे उदयपुर के बलीचा, उमरडा, कलडवास, टीडी, पडूना, चनावदा, तितरडी, सराडा के ओडा, सुरखंड का खेड़ा, सिंघट वाडा, नाका बाजार, परसाद, अमरपुरा और सलूंबर, सेमारी के कई ग्रामीण क्षैत्र में चल रहे अवैध क्लीनिक की खबर उजागर की थी, अब देखना यह हे कि विभाग किस तरह ग्रामीण क्षैत्र में फल फूल रहे अवैध क्लीनिक और झोला छाप पर अंकुश लगा पाता है।
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