कंट्रोल रूम का कॉल रिसीव नहीं करने पर थमाए चार्जशीट


कंट्रोल रूम का कॉल रिसीव नहीं करने पर थमाए चार्जशीट

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक

 
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उदयपुर, 27 मई। आगामी वर्षा ऋतु में संभावित बाढ़ एवं अतिवृष्टि से उत्पन्न होने वाली स्थितियों से निपटने की पूर्व तैयारियों को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक मंगलवार को जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट मिनी सभागार में हुई।

कंट्रोल रूम का कॉल रिसीव नहीं करने पर थमाए चार्जशीट

बैठक में एडीएम राठौड़ ने बताया कि जिला स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित है। इसका दूरभाष नंबर 0294.2414620 तथा टोल फ्री नंबर 1077 है। इस पर जिले भर से शिकायतें व सूचनाएं प्राप्त होती हैं। कंट्रोल रूम की ओर से संबंधित विभाग को सूचना प्रेषित की जाती है, लेकिन कई विभागीय अधिकारी कंट्रोल रूम का कॉल रिसीव नहीं करते और करते भी हैं तो गैर जिम्मेदाराना जवाब देते हैं। 

इस पर जिला कलक्टर मेहता ने नाराजगी जताते हुए कंट्रोल रूम के कॉल को गंभीरता से लेने की हिदायत दी। साथ ही कॉल रिसीव नहीं करने वाले अधिकारियों को चार्जशीट थमाने के निर्देश एडीएम को दिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी विभागों को मानसून सत्र के मद्देनजर अपने विभागीय नियंत्रण कक्षों को एक्टिव करने तथा सूचनाओं का गुणवत्तापूर्ण आदान-प्रदान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

जिला कलक्टर मेहता ने युडीए व नगर निगम को शहर के सभी जल निकासी नालों की शत प्रतिशत सफाई कराने, आपात स्थिति के मद्देनजर अतिरिक्त मड पम्प, जेसीबी आदि संसाधनों तथा रेपिड रेस्पोंस टीम की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उदयपुर में मानसून के दौरान पेड़ व विद्युत पोल गिरने की घटनाएं अधिक होती हैं, ऐसे हालातों में व्यवस्थाएं त्वरित गति से बहाल करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाया जाए। उन्होंने जल भराव वाले क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार पहले से ही जल निकासी के लिए अस्थायी नाला खोदकर उसकी बेरिकेटिंग कराने के भी निर्देश दिए।

जल संसाधन विभाग को सभी विभागों से समन्वय करते हुए बाढ़ नियंत्रण की पूर्ण प्लानिंग कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने, बांध-तालाबों में रिसाव की स्थिति पर त्वरित सूचना संप्रेषण एवं तत्काल रिस्टोरेशन कार्यवाही की व्यवस्था राने के निर्देश दिए। चिकित्सा विभाग को जीवन रक्षक दवाओं तथा मोबाइल चिकित्सा टीमों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, पशु पालन विभाग को भी दवाओं के साथ पशु चिकित्सा टीमों को तैयार रखने के लिए निर्देशित किया। पीडब्ल्यूडी को आवश्यकतानुसार सड़कों की मरम्मत कराने, वर्षा के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों-पुलियाओं को अस्थायी रूप से तत्काल ठीक कराकर आवागमन बहाल करने के निर्देश दिए।

बैठक में नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, गिर्वा एसडीएम सोनिका कुमारी, युडीए सचिव हेमेंद्र नागर, जल संसाधन अधीक्षण अभियंता मनोज जैन, पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता राजीव अग्रवाल, पीएचईडी अधीक्षण अभियंता रविन्द्र चौधरी, अजमेर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता केआर मीणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

सभी डेंजर पाईंट पर हो बेरिकेटिंग

जिला कलक्टर ने नगर निगम और युडीए को अभियान चलाकर शहर में सभी नालों आदि के डेंजर पाईंट चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी स्थल जहां पूर्व में हादसे हुए हैं अथवा होने की संभावना हो, वहां पहले से ही जरूरी बेरिकेटिंग कराई जाए। साथ ही शहर सहित जिले भर में नदी-नालों और तालाबों पर चेतावनी बोर्ड लगवाने के भी निर्देश दिए।

झीलों पर तैनात रहे गोताखोर

जिला कलक्टर मेहता ने मानसून के दौर में झीलों में हादसों की संभावना के मद्देनजर सिविल डिफेंस को प्रत्येक झील पर एक या दो गोताखोर की ड्यूटी लगाने तथा मौके पर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्थान तय करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने मानसून के दौरान नदी-नालों वाले पिकनिक स्पॉट यथा नांदेश्वर चैनल सीसारमा आदि स्थलों को चिन्हित कर वहां आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

जर्जर भवनों को खाली कराना सुनिश्चित करें

जिला कलक्टर ने शहर सहित जिले भर में नगर निकायों को जर्जर भवन चिन्हित करने के निर्देश दिए। साथ ही मानसून के दौरान उन भवनों में कोई नहीं रहे यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी तरह की जनहानि की संभावना नहीं रहे।

संवेदनशील ट्रांसफर्मर की हो बेरिकेटिंग

जिला कलक्टर ने विद्युत निगम को मानसून के दौरान बिजली व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। वर्षा के दौरान प्रभावित होने वाली आपूर्ति को यथाशीघ्र बहाल करने के लिए टीमों को जरूरी संसाधनों के साथ तैनात रखने के लिए पाबंद किया। साथ ही उन्होंने जिला मुख्यालय सहित सभी बड़े कस्बों में संवेदनशील ट्रांसफर्मर का सर्वे कराकर उनकी स्थायी अथवा अस्थायी बेरिकेटिंग कराने के भी निर्देश दिए, ताकि पशु हानि की संभावना से भी बचा जा सके।

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