उदयपुर 25 अप्रैल 2025। जहां एक और शादियों की धूम हैं वहीं दूसरी ओर इन शादियों की आड़ में नन्हे-मुन्ने बालक-बालिकाओं को भी बाल विवाह जैसे कुरीति के अंधेरे में धकलने की संभावनाएं भी बनी रहती हैं। जिले में बाल विवाह की रोकथाम को लेकर जिला कलक्टर के निर्देशन में टीमें सक्रिय हैं। इसी क्रम में टीम ने झाडोल फलासिया क्षेत्र में एक बाल विवाह रूकवाया।
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक के के चंद्रवंशी ने बताया कि गायत्री सेवा संस्थान के निदेशक एवं राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य डॉ शैलेंद्र पण्ड्या को फलासिया क्षेत्र में बाल विवाह की सूचना मिली। पण्ड्या ने विभाग को अवगत कराया। इस पर चाइल्ड हेल्पलाइन जिला समन्वयक नवनीत औदिच्य को कंट्रोल रूम एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से बाल विवाह रोकने के लिए निर्देशित किया।
चाइल्ड हेल्पलाइन टीम के मोईन मंसूरी द्वारा कंट्रोल रूम उदयपुर, झाडोल फलासिया थाना, फलासिया तहसीलदार एवं संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को टेलिफोनिक सूचना दी एवं जहां शादी हो रही थी उस गांव का क्षेत्र बताया। गायत्री सेवा संस्थान के फील्ड वर्कर राधा कुलम्बी भी मौके पर टीम के साथ पहुंची।
वहां शादी की तैयारी चल रही थी। बालिका के पिता नारायणसिंह, माता पुष्पा कुंवर और सगे-संबंधी मौजूद थे। टीम को देखते ही उनके चेहरों की हवाइयां उड़ गए। पहले तो वे शादी की बात से इनकार करते रहे, लेकिन प्राथमिक जांच में सामने आया कि बारात शनिवार को आने वाली है। प्रशासन से पहुंचे पटवारी दीपक कलासुआ, सरपंच मोती लाल और थाना प्रभारी सीता राम, ग्राम विकास अधिकारी अमृतलाल आदि ने उनको पाबन्द किया गया और बाल विवाह की कुरीति को रोकने के लिए भी आग्रह करते हुए दुष्परिणामों से भी अवगत करवाया।
चंद्रवंशी ने बताया कि उदयपुर जिले में काफी बाल विवाह की सूचना प्राप्त हो रही है जिसमें विभाग अपने त्वरित निर्णय लेते हुए इन शादियों को रोकने का प्रयास कर रहा है। गायत्री सेवा संस्थान द्वारा भी एक मुहिम चलाई गई है। किसी भी बाल विवाह की सूचना टोल फ्री नंबर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और 8003528050 पर दे सकते हैं सूचना सही प्राप्त होने पर गयात्री सेवा संस्थान उदयपुर द्वारा 11 रूपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। शादी रुकने के बाद भी अगर कोई परिवारजन चुपके से शादी करते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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