MLSU की चम्पा बाग की भूमि पर कोर्ट के स्टे के बावजूद बस चुकी है यहाँ पर कालोनियां और बन रहे है मकान

MLSU की चम्पा बाग की भूमि पर कोर्ट के स्टे के बावजूद बस चुकी है यहाँ पर कालोनियां और बन रहे है मकान 

चम्पा बाग की भूमि को लेकर कुलपति ने सरकार और राज्यपाल को दी जानकारी

 
MLSU की चम्पा बाग की भूमि पर कोर्ट के स्टे के बावजूद बस चुकी है यहाँ पर कालोनियां और बन रहे है मकान
कहा दायर करेंगे अवमानना याचिका

उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अमेरिका सिंह चंपा बाग स्थित विश्वविद्यालय की 14.59 हैक्टेयर बेशकीमती जमीन के मालिकाना हक को लेकर बेहद गम्भीर है। उन्होंने शुक्रवार को उक्त स्थान का दौरा किया एवम न्यायालय के स्टे के बावजूद वहां चल रहे निर्माण कार्यों के बारे में राज्य सरकार एवं राज्यपाल को पूरे मामले से अवगत करवाया।

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ कुंजन आचार्य ने बताया कि चंपाबाग की बेशकीमती जमीन विश्वविद्यालय के नाम आवंटित है लेकिन कानूनी लड़ाई के चलते अभी तक कोई निर्णय नहीं ही पाया है। राज्य सरकार से 1994 में सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने 20 लाख रुपए में यह जमीन आवंटित करवाई थी। इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई थी। लेकिन इसी दौरान एक पक्ष ने न्यायालय की डबल बेंच से इस पर स्टे प्राप्त कर लिया था। उसके बाद से ही यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

कुलपति ने शुक्रवार को विवि के भू सम्पति अधिकारी राकेश जैन के साथ इस स्थान को देखा तो पाया कि कोर्ट के स्टे के बावजूद यहां पर कालोनियां बस चुकी है और मकान बन रहे हैं। स्टे के बावजूद निर्माण सम्बंधित सारी अनुमतियां भी जारी हुई है। कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह ने जब इस जमीन से संबंधित समस्त दस्तावेज को देखा तो पता चला कि इन निर्माण कार्यो को लेकर विश्वविद्यालय ने प्रशासन को कई बार सूचित किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

कुलपति प्रो सिंह ने पूरे मामले से आज सरकार एवं राज्यपाल को अवगत करवाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि स्टे के बावजूद यहां हो रहे निर्माण कार्यो से न्यायालय की अवमानना भी हुई है इसलिए विश्वविद्यालय की ओर से न्यायालय में शीघ्र ही एक अवमानना याचिका दायर की जाएगी।
 

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