उदयपुर 19 जून। कलेक्टर ताराचंद मीणा की अध्यक्षता में साेमवार काे झीलों की स्वच्छता व संरक्षण के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई। इसमें कलेक्टर ने फिर कहा कि झीलों में स्पीड बोट को लेकर कोई टेंडर नहीं होगा। उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशानुसार सोलर या बैट्री युक्त नावों का संचालन ही किया जाएगा और निविदा की शर्ताें में नावों में स्पीड बोट का संचालन नहीं करने की शर्त को प्राथमिकता से जोड़ते हुए संबंधित को पाबंद कराए।
कलक्टर साहब ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि झीलों के रखरखाव व संरक्षण को देखते हुए सिर्फ इको फ्रेंडली बोट को लेकर ही टेंडर हो। तथा यह सुनिश्चित हो कि झीलों को प्रदूषित करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।
इस मौके पर कलक्टर ने झीलों की स्वच्छता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि हम सभी का दायित्व है कि झीलें साफ-सुथरी, सुरक्षित व प्रदूषण रहित रहे। कलक्टर मीणा ने बताया कि झीलों के पानी की गुणवत्ता की जानकारी आमजन को देने व इस पर चौबीसों घंटे निगरानी के लिए 2 करोड़ के प्रोजेक्ट पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल व नगर निगम द्वारा कार्यवाही जारी है।
इस दौरान निगम द्वारा झीलों की सफाई को लेकर किये जा रहे प्रयासों की जानकारी लेने पर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत ने बताया कि पिछोला झील में निगम द्वारा डीवीडिंग मशीन के माध्यम से नियमित सफाई करवाई जा रही है वहीं काई (शैवाल) के उचित निस्तारण के मत्स्य विभाग को निर्धारित राशि उपलब्ध करवाते हुए शैवाल का निस्तारण करवाया जा रहा है।
अफसरों को दिए झीलों के किनारे पौधारोपण के निर्देश
झीलों के समीप वातावरण को शुद्ध एवं प्रदूषण मुक्त बनाये रखने के लिए कलक्टर ने झील किनारे पूर्व में लगाए गए व नष्ट हो चुके पौधों के स्थान पर नए व स्थानीय आबोहवा के अनुकूल पौधे लगाने के निर्देश दिए। इस संबंध में उन्होंने यूआईटी को निर्देश दिए कि फतहसागर की पाल पर जुलाई के पहले सप्ताह में गुणवत्ता से युक्त पौधे लगाना सुनिश्चित करें और इन पौधों का उचित रखरखाव रखते हुए झीलों के समीप हरियाली बनाए रखने के लिए प्रभावी प्रयास करें।
ट्रैफिक प्लान कार्यवाही के प्रजेंटेशन देने के निर्देश :
बैठक के दौरान कलक्टर मीणा ने शहर के लिए तैयार किए गए ट्रैफिक प्लान की समीक्षा की और कहा कि इसके तहत ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान व ट्रैफिक के प्रेशर को कम करने के लिए 50 से 60 प्रतिशत कार्यवाही की जा चुकी है। उन्होंने अब तक की गई कार्यवाही और भावी कार्ययोजना के बारे में विभागीय अधिकारियों को यातायात सलाहकार समिति की बैठक में प्रस्तुतीकरण देने के भी निर्देश दिए।
प्रत्येक तीन माह में हो बैठक :
झील स्वच्छता समिति की बैठक नियमित न होने पर कलक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए प्रत्येक तीन माह में इस बैठक के आयोजन के निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि बैठक नियमित न कराने की स्थिति में संबंधित का दायित्व तय किया जाएगा। बैठक में मौजूद संबंधित विभागीय अधिकारियों को झील संरक्षण के लिए प्रभावी प्रयास करते हुए सौंपे गये दायित्वों को भलीभांति निर्वहन करने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला परिषद सीईओ सलोनी खेमका, निगम आयुक्त वासुदेव मालावत, ट्रैफिक डिप्टी एसपी कुशाल चौरड़िया सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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