जनआधार कार्ड बनाने के लिए गहलोत सरकार ने अहम फैसला लिया है। राज्य में अब जन आधार कार्ड बनाने वाले के पास अगर राशन कार्ड नहीं है तो भी उनका आवेदन निरस्त नहीं किया जाएगा। राजस्थान जन आधार प्राधिकरण के महानिदेशक ने एक आदेश जारी कर राज्य के सभी जिलों के कलेक्टर्स को ये निर्देश दिए हैं।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा चिरंजीवी योजना सहित सरकार के तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आवेदकों नहीं मिल रहा था। इन शिकायतों को देखते हुए सरकार ने जनआधार में राशन की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया।
देश में जिस तरह यूनीक आईडी की तरह हर व्यक्ति का आधार कार्ड होता है। ठीक उसी तरह राजस्थान के मूल निवासियों या यहां 10 साल से ज्यादा समय तक रहने वाले परिवारों के लिए यह राज्य की यूनीक आईडी है। यह कार्ड व्यक्तिगत न बनकर पूरे परिवार का एक साथ बनता है। इसी कार्ड के जरिए राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य के लोगों को मिलता है।
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