अब खनन पट्टाधारियों को ऑनलाईन देनी होगी सूचना

अब खनन पट्टाधारियों को ऑनलाईन देनी होगी सूचना

प्रारूप 17 में वार्षिक विवरणी की ऑनलाईन अभिस्वीकृति रसीद को प्रथम दृष्टया स्वनिर्धारक का साक्ष्य माना जायेगा और कोई पृथक आदेश वहां के अलावा अपेक्षित नहीं होगा।

 
अब खनन पट्टाधारियों को ऑनलाईन देनी होगी सूचना
खननपट्टाधारी को मासिक आंकडे ऑनलाईन विवरणी में अगले माह की 15 तारीख तक और प्रारूप 16 में ऑनलाईन वार्षिक विवरणी में वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तारीख से तीन माह के भीतर देने होंगे।  

उदयपुर, 16 दिसंबर 2020 । राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली के अनुसार खननपट्टाधारी को मासिक आंकडे ऑनलाईन विवरणी में अगले माह की 15 तारीख तक और प्रारूप 16 में ऑनलाईन वार्षिक विवरणी में वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तारीख से तीन माह के भीतर देने होंगे।  

खनिज अभियंता जिनेश हुमड़ ने बताया कि इस कार्य के लिए खान विभाग द्वारा मासिक व वार्षिक विवरणी ऑनलाईन प्रस्तुत करने की व्यवस्था विभागीय ऑनलाईन पोर्टल पर कर दी गई है और समस्त खनि अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था में समस्त खननपट्टाधारी मासिक विवरणी विभागीय ऑनलाईन पोर्टल पर भर सकेगा साथ ही खननपट्टाधारी द्वारा भरे जाने वाले मासिक विवरणी के आधार पर वार्षिक विवरणी को भी विभागीय पोर्टल पर ऑनलाईन ही सबमिट किया जा सकेगा तथा उसकी अभिस्वीकृति प्रारूप -17 में दी जायेगी।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त ऐसे प्रत्येक खननपट्टाधारी के लिए जिसने मासिक एवं वार्षिक विवरणी विहित समय के भीतर फाइल की है और जो अवैध खनन एवं निर्गमन में शामिल नहीं है और संबंधित क्षेत्र की अधिशुल्क या स्थिर भाटक की दर या राशि के बारे में कोई विवाद नहीं है, को यह समझा जायेगा कि वार्षिक विवरणी के आधार पर उसका निर्धारण हो गया है। प्रत्येक वर्ष न्यूनतम 10 प्रतिशत विवरणी हाथ से पूर्णतः संविक्षिप्त तथा निर्धारित की जावेगी।

उन्होंने बताया कि प्रारूप 17 में वार्षिक विवरणी की ऑनलाईन अभिस्वीकृति रसीद को प्रथम दृष्टया स्वनिर्धारक का साक्ष्य माना जायेगा और कोई पृथक आदेश वहां के अलावा अपेक्षित नहीं होगा। खननपट्टाधारी अधिशुल्क जमा करने या विवरणियां प्रस्तुत करने में विफलता पर निर्धारण नियम 47 के अन्तर्गत किया जा सकेगा।

हुमड़ ने बताया कि खननपट्टाधारी ऑनलाईन मासिक या वार्षिक विवरणी दिए गए समय के भीतर देने में विफल रहता है तो उसे अधिकतम 50,000 रुपये व प्रत्येक दिन के लिए 500 रुपये की दर से विलम्ब फीस के देनी होगी।

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