उदयपुर 21 सितम्बर । शहर में नाइट बाजार को लेकर प्रशासन व नगर निगम अभी एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया और रोडवेज में फूड कॉर्नर के नाम पर नया खेल हो गया। यहां रोडवेज प्रबंधन मुख्य चौराहे पर स्थित बेशकीमती 7 हजार स्क्वायर फीट जमीन को महज 2.50 लाख रुपए प्रतिमाह में लीज पर देने की तैयारी कर रहा है। जबकि खुद वहां दुकानें किराए पर देकर 8 से 10 लाख का राजस्व कमा सकता है।
रोडवेज प्रबंधन ने इसको लेकर पूर्व में दो बार टेंडर कर निरस्त भी कर दिए और अब ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए उसकी अवधि 10 से 15 साल बढ़ाने के लिए राज्य मुख्यालय को फाइल भिजवा दी। इधर, प्रचार प्रसार के अभाव में इस जमीन को लीज पर देने की किसी को जानकारी भी नहीं है। रोडवेज के इस कारनामे का जब व्यापारियों को पता चला तो उन्होंने विरोध किया। उनका कहना है कि यह जमीन बेशकीमती होकर अच्छी लोकेशन पर हैं। सात हजार स्क्वायर फीट पर अगर रोडवेज महज 10 बड़ी दुकानें भी बनाए या केबिन रखे तब भी प्रतिमाह अच्छी कमाई कर सकता है।
ठेकेदार को देने पर उसके दुकानें बनाने या केबिन की संख्या भी तय नहीं है। वह जगह के हिसाब से कई दुकानें बनाकर किराया देकर अच्छी कमाई कर निकल जाएगा। रोडवेज प्रबंधन अगर इस जगह का प्रचार प्रसार कर बीओटी के आधार पर इसे दे तब भी ज्यादा कमाई कर लेगा।
उदयपुर आगार मुख्य प्रबंधक हेमंत शर्मा ने बताया की फूड कॉर्नर की सात हजार स्क्वायर फीट जमीन को ठेके पर दे रहे हैं। रोडवेज यहां दुकानें बनाने का पैसा खर्च नहीं कर सकता। ठेके पर देगा तो उसके खाते में सीधा 2.50 लाख रुपए आएंगे। अभी 10 से 15 साल का ठेका देने के लिए राज्य मुख्यालय फाइल भिजवाई है।
रोडवेज ने कैसे लगाई गणित
प्रतिमाह बढ़ते ही जाएंगें पर्यटक व शहरवासी
रोडवेज प्रबंधन इस फूड कॉर्नर को 24 घंटे खुले रखने की छूट दे रहा है। इस छूट से शहर में नाइट बाजार नहीं होने पर शहरवासियों के साथ ही पर्यटकों की भीड़ बढ़ेगी। उदयपुर से अहमदाबाद बॉडग्रेज होने से ट्रेनें भी काफी आएगी। निश्चित रूप से यह फूड कॉर्नर काफी कमाई देगा फिर भी रोडवेज इसे औने-पौने दामों में देने में तुला है।
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