उदयपुर, 4 सितंबर 2020। जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने कहा है कि राज्य सरकार के दिशा- निर्देशानुसार 7 सितंबर से जिले में खुलने वाले विभिन्न धार्मिक स्थलों पर कोरोना से बचाव व सुरक्षा के समुचित इंतजाम किये जाए ताकि श्रद्धालुओं को इस महामारी से बचाया जा सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी स्थान पर निर्देशों की अवहेलना पाई गई तो संबंधित धार्मिक स्थान को तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया जाएगा।
कलक्टर देवड़ा ने यह बात शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित विभिन्न धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना गाइडलाइन की शर्तों के पालना के साथ धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति प्रदान की है तो ऐसे में सभी धर्मगुरुओं व प्रतिनिधियों का दायित्व बनता है कि इनकी पालना सुनिश्चित करते हुए धर्मस्थलों में भक्तों को प्रवेश दिया जाए।
पांच धार्मिक स्थानों का विजीट करेगी समिति:
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिले में जिन 5 स्थानों यथा एकलिंगजी, महाकालेश्वर, जगदीश मंदिर, केसरियाजी, मस्तानबाबा दरगाह आदि जहां पर अन्य राज्यों से लोग आते हैं उन स्थानों का अलग से प्रोटोकॉल तय किया जाएगा तथा इसके लिए गठित की गई समिति द्वारा ऑडिट करने एवं व्यवस्थाओं का जायजा लेने के बाद ही इन्हें खोला जाएगा।
कलक्टर ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सेनेटाइजर व सोशल डिस्टेंसिंग प्रमुख साधन है। मास्क एक ऐसा कवच है जो इस वायरस के संक्रमण से बचाता है। कलक्टर ने सभी प्रतिनिधियों से कहा कि हर धार्मिक स्थल पर एक समय में आने वाले लोगों की संख्या निर्धारित करते हुए प्रशासन को अवगत कराए तथा कोविड-19 के प्रावधानों की अनुपालना की जिम्मेदारी धार्मिक स्थलों की प्रबंधन समितियों द्वारा सुनिश्चित की जाए तथा थर्मल स्केनिंग, हेण्डवॉश व सेनिटाइजर की व्यवस्था की जाए। धार्मित स्थलों को बार-बार सेनेटाइज किया जाए।
उन्होंने धार्मिक स्थलों पर आने वाले सभी भक्तों से भी आह्वान किया है कि वे प्रवेश के दौरान मास्क का प्रयोग करें और मास्क को उचित ढंग से लगाए, जिसमे नाक-मुंह इत्यादि पूर्ण रूप से ढके हो। इसके साथ ही दर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंशिग की पूर्ण पालना सुनिश्चित की जाए। हर व्यक्ति को जागरूक होकर अपना बचाव स्वयं करना होगा।
कलक्टर ने यह स्पष्ट किया कि गृह विभाग की गाइडलाइन के अनुसार में मंदिर में फूलमाला व प्रसाद ले जाने व घंटी बजाने तथा पवित्र जल के छिड़काव पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। धार्मिक कार्यक्रम, जुलूस इत्यादि पर भी प्रतिबंध यथावात लगा रहेगा। वहीं धार्मिक स्थलों के बाहर फूल, प्रसाद आदि की दुकाने बंद रहेगी, जिसके लिए संबंधित एसडीएम को निर्देशित कर पालना करवाई जाएगी।
इसके साथ ही कोविड-19 की निर्धारित शर्तों एवं जागरूकता संदेश की तख्ती धार्मिक स्थलों के बाहर लगाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि विशेष दिवसों तथा आरती के दौरान मंदिरों में भीड न हो वरिष्ठजनों को घर पर ही रहने के लिए प्रेरित करें।
कलक्टर ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि सरकार व प्रशासन के निर्देशों की पालना नहीं होने पर उस धार्मिक स्थल को तत्काल बंद कर दिया जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि किसी धार्मिक स्थल पर कोई पॉजिटिव केस मिलता है वह स्थल 48 घंटे के लिए बंद रहेगा तथा संबंधित पुजारी 6 दिनों के घर पर ही रहेगा। ऐसे स्थल को सेनेटाइज करना होगा।
कलक्टर ने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा व चर्च में रहने वाले लोगों व उनके परिजनों के सेम्पल लेने के लिए सीएमएचओं को निर्देश दिए। सीएमएचओ ने सभी प्रतिनिधियों से कल ही नगर निगम में निर्धारित स्थल पर जांच कराने को कहा।
बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक कैलाश चन्द्र विश्नोई ने समस्त प्रतिनिधिों को राज्य सरकार के निर्देशों की अनुपालना के निर्देश दिए और कोविड सुरक्षा के मानक प्रावधानों की अनुपालना में सहयोग का आह्वान किया।
बैठक में मौजूद उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की और कहा कि सोशल डिस्टेंशिंग व मास्क ही इस बीमारी से बचने का उपाय है। उन्होंने धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के साथ आने वाले भक्तों को भी विशेष ध्यान रखने का आह्वान किया।
अतिरिक्त जिला कलक्टर संजय कुमार, देवस्थान विभाग की सहायक आयुक्त प्रियंका भट्ट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश खराडी सहित विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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