उदयपुर, 12 फरवरी। ज़िला कलक्टर नमित मेहता बुधवार को जिले के आदिवासी बहुल झाड़ोल और फलासिया क्षेत्र के मैराथन दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने राजकीय कार्यालयों, छात्रावास, मनरेगा कार्यों आदि का औचक निरीक्षण किया।
ज़िला कलक्टर मेहता बुधवार सुबह सर्किट हाउस से रवाना होकर करीब 11 बजे झाडोल स्थित उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने उपखंड अधिकारी कपिल कोठारी से क्षेत्र के बारे में जानकारी ली। साथ ही प्रत्येक सेक्शन में जाकर कार्मिकों से संवाद किया। पंचायत पुनर्गठन कार्य में नियोजित कार्मिकों से पूरे प्रक्रिया के बारे में पूछताछ की। निरीक्षण के दौरान कार्यालय की सफाई व्यवस्था तथा फाइलिंग को देखकर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कार्मिकों को सबकुछ सुव्यवस्थित कर फोटोग्राफ्स भिजवाने के लिए पाबंद किया। बाद में उन्होंने उपखंड अधिकारी व विकास अधिकारी को भी क्षेत्र में संचालित कार्यालयों का अवलोकन कर सफाई आदि सुनिश्चित कराने के लिए पाबंद किया।
मेट को ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश
ज़िला कलक्टर ने ग्राम पंचायत मगवास में नदी के किनारे निर्मित कचरा संग्रहण केंद्र का भी अवलोकन किया। इस दौरान केंद्र के बाहर मनरेगा के तहत समलतीकरण कार्य चल रहा था। ज़िला कलक्टर ने कार्यस्थल का निरीक्षण किया। मेट नानालाल से कार्यस्थल पर नियोजित श्रमिकों, उनकी टॉस्क, मैजरमेंट आदि के बारे में पूछताछ की, तो वह संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया। इस पर कलक्टर ने मेट को तत्काल प्रभाव से ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश विकास अधिकारी को दिए।
खेल मैदान विकास के लिए बनाएं प्रस्ताव
ज़िला कलक्टर ने ग्राम पंचायत मगवास में स्थित स्कूल के खेल मैदान का भी अवलोकन किया। उन्होंने पाली जिले में खेलो पाली मुहिम के तहत तैयार कराए गए खेल स्टेडियमों का उदाहरण देते हुए खेल मैदान विकास के प्रस्ताव तैयार कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत मुख्यालय के सबसे बड़े स्कूल के खेल मैदान को विकसित किया जा सकता है।
जनजाति छात्रावास का निरीक्षण
ज़िला कलक्टर ने फलासिया में संचालित जनजाति आश्रम छात्रावास का भी आकस्मिक निरीक्षण किया। अधिकारियों ने अवगत कराया कि छात्रावास भवन नया बनाने के लिए पुराने भवन को डिस्मेंटल किया जा रहा है, इसलिए छात्रावास फिलहाल सीएचसी के धर्मशाला भवन में संचालित हो रहा है। कलक्टर ने भवन का अवलोकन किया। इसमें भवन छात्र नामांकन के अनुपात में छोटा पाया गया। उन्होंने टीएडी उपायुक्त रागिनी डामोर से दूरभाष पर बात कर छात्रावास के लिए अन्यत्र उपयुक्त भवन तलाश कर बच्चों को वहां शिफ्ट कराने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने छात्रावास के रसोई घर में पहुंच कर खाद्य सामग्री भी देखी।
शासन-प्रशासन स्तर से हर संभव मदद का दिया आश्वासन
ज़िला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि झाडोल-फलासिया क्षेत्र उदयपुर जिले का सुदूरवर्ती एवं जनजाति बहुल क्षेत्र हैं। यहां कई तरह की चुनौतियां भी हैं, लेकिन अधिकारी उन चुनौतियों और अभावों को काम करने के अवसरों की अधिकता मान कर पूर्ण मनोयोग से कार्य करें। राज्य सरकार जनजाति क्षेत्र में हर संभव सुविधाओं के विस्तार के लिए कटिबद्ध है। प्रशासन स्तर पर भी समस्याओं के समाधान के लिए पूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं।
ज़िला कलक्टर बुधवार को उदयपुर जिले के सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल झाड़ोल और फलासिया में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। जिला कलक्टर ने कहा कि अधिकारियों को सबसे पहले स्वयं इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि यह पिछड़ा क्षे़त्र है। सकारात्मक ऊर्जा के साथ काम करते हुए केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाएं, ताकि वे भी मुख्य धारा में आ सकें। ज़िला कलक्टर ने क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा, पेयजल, बिजली, शिक्षा आदि बुनियादी सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। प्रत्येक विभागीय अधिकारी से योजनाओं एवं विकास कार्यों, मुख्यमंत्री बजट घोषणाओं की प्रगति का फीडबैक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने उपखंड अधिकारी कपिल कोठारी को हर सप्ताह विभागीय समीक्षा बैठक लेने, फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा, संपर्क पोर्टल पर लंबित प्रकरणों को समय पर निस्तारित कराने, क्षेत्र के राजकीय विभागों, छात्रावासों, अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों आदि का समय-समय पर निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने पीएम आवास सर्वे, फॉर्मर रजिस्ट्री अभियान, फसलों की गिरदावरी आदि की भी समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में फलासिया तहसीलदार रमेशचंद्र वढेरा, झाड़ोल नायब तहसीलदार सुरेश सामर, झाड़ोल विकास अधिकारी जितेंद्रसिंह राजावत, सहायक वन संरक्षक घनश्याम कुमावत, पुलिस उपाधीक्षक नेत्रपालसिंह सहित सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।
हैंडपंप का सर्वे कराएं
झाड़ोल बैठक में ज़िला कलक्टर ने क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति की स्थिति की जानकारी ली। पीएचईडी के सहायक अभियंता ने अवगत कराया कि कुछ गांवों में मानसी वाकल परियोजना से जलापूर्ति हो रही है। शेष गांव हैंडपंपों पर आधारित हैं। हाल ही जलजीवन मिशन में लगभग सभी गांव कवर किए जा रहे हैं, कार्य प्रगति पर है। इस पर जिला कलक्टर ने 24 घंटे में क्षेत्र के सभी हैंडपंप का सर्वे कराने तथा बंद पड़े हैंडपंप को अगले 72 घंटो में दुरूस्त कराकर रिपोर्ट देने के लिए पाबंद किया।
ताकि बंद न हो किसी पात्र की पेंशन
ज़िलाकलक्टर ने पेंशन एवं पालनहार सत्यापन कार्य की प्रगति रिपोर्ट की भी समीक्षा की। इसमें पेंशन सत्यापन में 20 प्रतिशत से अधिक पेण्डेंसी पाए जाने पर उपखंड अधिकारी व विकास अधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्र है। लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। साधन सुविधाएं भी कम है। सिर्फ सत्यापन नहीं होने से किसी पात्र व्यक्ति की पेंशन बंद हो जाए यह ठीक नहीं है। अधिकारी स्वयं मोनिटरिंग करते हुए पेंशन सत्यापन पूर्ण कराएं।
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