साल 2023 से उदयपुर वासियों की उम्मीदें

साल 2023 से उदयपुर वासियों की उम्मीदें

चुनावी वर्ष में चुनावी झुमले, झूठे वादे और अनर्गल बयानबाज़ी में जनता का मनोरंजन भी खूब होने वाला है 

 
hope from 2023

साल 2022 बीत गया और नया वर्ष 2023 शुरू हो चूका है।  आइये एक नज़र डालते है नए साल में उदयपुरवासियों की वह उम्मीदे और आशाएँ जिन्हे वह इसी साल पूरा होते देखना चाहते है। बीते साल में उदयपुरवासियों ने बहुत कुछ मंज़र देखे है जिनमे से कुछ मंज़र वह दुबारा देखना चाहते है तो कुछ मंज़र ऐसे भी देखे है जिन्हे कोई भी दुबारा देखना नहीं चाहता। 

चूँकि वर्ष 2023 चुनावी वर्ष है तो इस वर्ष बड़े बड़े नेताओं की यात्रा भी खूब होगी और चुनावी झुमले भी खूब उछलेंगे जिनसे जनता का भरपूर मनोरंजन होगा।  वहीँ चुनाव में टिकटों की मारामारी, आपसी खींचतान, नफरती और विवादास्पद बयान भी देखने सुनने को मिलेंगे, वहीँ कुछ नेताओ की आदतन उटपटांग बयानबाज़ी से भी जनता मनोरंजित होगी।   

उदयपुर अहमदाबाद ब्रोडगेज़ पर और अधिक ट्रेन 

16 साल के इंतज़ार के बाद उदयपुर अहमदाबाद रुट पर रेलसेवा शुरू हुई। वर्तमान में इस ट्रेक पर एक ही रेलगाड़ी का संचालन हो रहा है। अब जनता इस ट्रेक पर और अधिक ट्रेन संचालित होने का इंतज़ार कर रही है. खासकर जयपुर असारवा वाया उदयपुर ट्रेन ताकि राजधानी रेल के ज़रिये जयपुर और अहमदबाद आने जाने की सुविधा और बढ़ सके। यह उम्मीद इसी वर्ष पूरी होने की पूरी सम्भावना है। हालाँकि जनता इस ट्रेक के ज़रिये मुंबई वाया अहमदबाद और उदयपुर से वाया अहमदाबाद दक्षिण भारत से जुड़ने की भी बेसब्री से इंतज़ार कर रही है। 

लेकसिटी से इंटरनेशनल फ्लाइट  

पर्यटन नगरी और झीलों का शहर लेकसिटी के पयर्टन उद्योग को चार चाँद लगाने की दृष्टि से उदयपुर के महाराणा प्रताप हवाई अड्डे से वर्तमान में घरेलु उड़ानों को ही संचालित किया जा रहा है। लेकसिटी के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट का इंतज़ार ने सिर्फ लेकसिटी के पर्यटन जगत को बल्कि मेवाड़ वागड़ से खाड़ी देशो में कार्यरत अप्रवासियों को भी बेसब्री से इंतज़ार है। यदि लेकसिटी से इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू हो जाए तो न सिर्फ पर्यटन और व्यापर जगत बल्कि अप्रवासी भी लाभन्वित होंगे। 

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट 

देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए उदयपुर का भी चयन किया गया था।  इस प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू हो गया है।  लेकिन तीन साल से अभी भी काम ही चल रहा है। अभी तक तो जनता स्मार्ट सिटी कार्य के चलते शहर को गड्डे से ही दो चार हो रही है। शहर की जनता भी बेसब्री से जैसे तैसे इस प्रोजेक्ट को पूरा होते देखना चाहती है। ऐसे ही शहर में अनेक स्थानों पर फ्लाईओवर, अंडर ब्रिज चौड़ी सड़को का सपना देख रही है देखते है शहर का यह सपना इस वर्ष भी पूरा होता है या नहीं । 

हाईकोर्ट बेंच 

मेवाड़ वागड़ की जनता के इस दीर्घकालीन सपने को हकीकत में बदलना फिलहाल संभव नहीं लग रहा है। प्रदेश के सत्ता पर काबिज़ दोनों ही बड़ी पार्टिया इस मुद्दे को चुनावो के समय जनता को झुनझुना तो थमा देती है लेकिन जनता के हाथ अभी भी हाईकोर्ट बेंच से खाली है।  इस को लेकर बड़े बड़े आंदोलन भी हो चुके है लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है कारण की मेवाड़ के वर्तमान नेतृत्व में दोनों ही पार्टी के कागज़ी शेर इस मुद्दे पर दहाड़ने की ताकत खो चुके है। चूँकि यह वर्ष चुनावी वर्ष है तो वादे तो होंगे लेकिन पूरा होना लगभग नामुमकिन है। 

आयड़ नदी के वेनिस बनाने का दिवास्वप्न 

चुनाव के समय क्षेत्र के नेता द्वारा दिखाये गए इस दिवास्वप्न पर खर्च तो करोडो का हो चूका है लेकिन आयड़ नदी वेनिस बनना तो दूर अब तो वह नदी भी नहीं रही। इस नदी में पानी में बरसात के मौसम में ही नज़र आता है वह भी तब जब झीलों के केचमेंट में अच्छी बरसात हो। वर्ष पर्यन्त तो इस नदी में शहर का सीवरेज ही बहता नज़र आता है। अब सीवरेज के किनारे रिवर फ्रंट का सपना तो हमारे महान नेता ही दिखा सकते है। चुनाव दर चुनाव यह सपना उदयपूरवासियो को दिखाया अब इस चुनावी वर्ष में फिर एक बार यह सपना दिखाया जाएगा। 

गुलाब बाग़ टॉय ट्रैन 

बचपन से उदयपुर के गुलाबबाग में टॉय ट्रैन हुआ करती थी नाम था 'अरावली एक्सप्रेस' जिनमे बैठकर 80-90 के दशक के बच्चे बड़े चाव से सवारी किया करते थे। फिर नगर निगम की कारगुजारियों से इस ट्रेक पर चलती ट्रैन बंद हो गई।  एक बार फिर नगर निगम ने इस टॉय ट्रैन को नए सिरे से चलाने के पहले से बिछी हुई पटरिया उखाड़ डाली और नयी पटरियां बिछाने के लिए सैंकड़ो हरे पेड़ो की बलि भी चढ़ा दी लेकिन ट्रेक है कि बिछने का नाम नहीं ले रही है। और तो और इसी गुलाब बाग़ मसाला पार्क और न जाने कौन कौन से सपने नगर निगम ने दिखा डाले। हां गुलाबबाग में बर्ड पार्क ज़रूर शुरू हो गया लेकिन टॉय ट्रैन अभी कागज़ो में अटकी पड़ी है। 

नगर निगम को नेता विपक्ष का यूआईटी को चेयरमैन का इंतज़ार 

नगर निगम में विपक्ष में बैठी पार्टी लगभग चार साल बाद भी अपना नेता नहीं चुन पाई। जब भी पार्टी के कर्णधार उदयपुर आते है उदयपुर का मीडिया जगत यह सवाल उन पर दाग देता है और जवाब मिलता है जल्द ही आपको निगम में नेता प्रतिपक्ष देखने को मिलेगा लेकिन अभी तक नगर निगम को नेता प्रतिपक्ष का इंतज़ार है। अब चुनावी वर्ष में इस दिशा में निगम में विपक्ष में बैठी कांग्रेस कुछ करेंगी इसकी सम्भावना क्षीण ही है।   

इसी प्रकार प्रदेश में 2018 में सरकार बदलने के बाद जनता को सत्ता पक्ष के स्थानीय नेता को यूआईटी के नए चेयरमैन के पद का इंतज़ार है। लेकिन एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति में लगता नहीं की चुनाव से पहले उदयपुर को यूआईटी का नया चेयरमैन मिलेगा।  

देश की सबसे बड़ी गोल्ड लूट के आरोपियों की गिरफ्तारी का इंतज़ार 

अगस्त माह में हुई मण्णपुरम फाइनेंस कम्पनी में देश की सबसे बड़ी गोल्ड लूट की घटना के छह माह बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। हालाँकि इस घटना का खुलासा तो हो गया लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। इसी प्रकार सुंदरवास हत्याकांड में बिहार निवासी हत्यारे पर पुलिस और कानून के लम्बे हाथ नहीं पहुँच पाए है। 

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