17 अक्टूबर 2024। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से विधानसभा उपचुनाव-2024 की घोषणा के साथ ही चौरासी विधानसभा सीट पर उपचुनाव का बिगुल बज चूका है। इस सीट पर 13 नवंबर को चुनाव होना है। कल 18 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होते ही चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित इस आदिवासी बाहुल्य सीट पर पिछले दो चुनावो से BAP का डंका बज रहा है। भारत आदिवासी पार्टी के प्रमुख राजकुमार रोत के जबरदस्त प्रभाव वाली सीट पर आगामी उपचुनाव में BAP के साथ ही खुद राजकुमार रोत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद इस सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है।
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से भाजपा में आए कद्दावर नेता महेंद्र जीत सिंह मालवीय को बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट पर 2 लाख 47 हज़ार 54 वोटो से पटखनी देने वाले BAP के राजकुमार रोत ने इसी के इसी सीट से अपनी राजनीती शुरू की थी। 2018 में भारत ट्राइबल पार्टी (BTP) से विधायक चुने जाने वाले राजकुमार रोत सबसे कम उम्र के विधायक बने थे। जबकि 2023 में BTP से अलग होकर नयी पार्टी भारत आदिवासी पार्टी (BAP) बनाने वाले राजकुमार रोत फिर से चौरासी के विधायक चुने गए।
84 फीसदी से अधिक आदिवासी मतदाताओं वाली इस सीट पर आगामी उपचुनाव में निश्चित रूप से BAP का पलड़ा भारी है हालाँकि राजकुमार रोत इस सीट से प्रत्यक्ष चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन BAP के उम्मीदवार को जिताने का पूरा दारोमदार राजकुमार रोत के कंधो पर ही है। अब देखना यह है की BAP पार्टी यहाँ से किसे उम्मीदवार बनाती है। मैदान में प्रत्यक्ष रूप से राजकुमार रोत के नहीं होने का फायदा BJP या Congress कितना उठा पाती है। यह तो 20 नवंबर को ही पता चलेगा।
आइये जानते है चौरासी विधानसभा का पुराना इतिहास
1967 से अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट पर 13 बार विधानसभा चुनाव हो चुके है। जिसमे 7 बार Congress, 3 बार BJP, 1 बार जनता पार्टी (JP) जबकि 1-1 बार BTP और BAP जीत चुकी है। कांग्रेस के शंकर लाल अहारी सर्वाधिक चार बार (1985, 1993, 1998, 2008) में इस सीट से विधायक रह चुके है। BJP के सुशील कटारा दो बार (2003 और 2013) में इस सीट से विधायक रह चुके है वहीँ 1977 में जनता पार्टी (JP) के हीरालाल, 1980 में Congress में गोविन्द आमलिया, 1990 में BJP के जीवा राम कटारा भी यहाँ से विधायक रह चुके जबकि 2018 और 2023 में राजुकमार रोत क्रमशः BTP और BAP की टिकट पर जीत कर विधायक निर्वाचित हो चुके है।
क्या है चौरासी सीट पर जातियों का समीकरण
डूंगरपुर ज़िले की चौरासी सीट पर 84.72% मतदाता अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) है जबकि 11.60% मतदाता अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय से है। वहीँ 2.89% मतदाता अनुसूचित जाति के है। सवर्ण मतदाता यहाँ क़रीब 1 फीसदी है। आदिवासी युवाओ में BAP और राजकुमार रोत का बढ़ता प्रभाव, निश्चित ही दोनों पार्टियों (BJP, Congress) पर भारी पड़ता है।
चूँकि राजुकमार रोत यहाँ से प्रत्यक्ष उम्मीदवार नहीं होंगे ऐसे में BJP और Congress यहाँ से पूरा दमखम लगाएंगी। लोकसभा चुनावो में BAP और Congress का गठबंधन था लेकिन विधानसभा उपचुनावों में गठबंधन कायम रहेगा इसकी उम्मीद कम ही है। क्यूंकि कल 18 अक्टूबर को चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले तक दोनों पार्टी (BAP और Congress) के गठबंधन की कोई सूचना नहीं है हालाँकि गठबंधन की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता है। अगर गठबंधन नहीं होता है BJP के लिए राहत है। वहीँ गठबंधन न होने की सूरत में Congress के लिए तो राह कठीन ही है, BAP के लिए यह प्रतिष्ठा का प्रश्न है। ऐसे में BAP और राजकुमार रोत इस सीट पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
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