दिवाली का गिफ्ट या उपचुनावों की मार

दिवाली का गिफ्ट या उपचुनावों की मार

केंद्र ने पेट्रोल डीज़ल पर घटाई एक्साइज ड्यूटी

 
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भाजपा के विरुद्ध पेट्रोल डीज़ल और महंगाई बना था मुद्दा, आने वाले साल में यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल में होने है विधानसभा चुनाव

केंद्र की मोदी सरकार ने दिवाली पर आग लगाती पेट्रोल डीज़ल की कीमतों पर एक्साइज ड्यूटी कम की है। जिन्हे सत्ता समर्थक दिवाली का गिफ्ट करार दे रही है हालाँकि हाल ही में सम्पन्न हुए उपचुनावों में भाजपा की राजस्थान, हिमाचल और हरियाणा जैसे हिंदी पट्टी क्षेत्र में दुर्गति भी एक कारण हो सकता है। राजस्थान के वल्लभनगर में जहाँ भाजपा की ज़मानत ज़ब्त हो गई वहीँ धरियावद में पार्टी तीसरे नबंर पर पहुँच गई। हिमाचल और हरियाणा में सत्तासीन होते हुए भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

क्या रहे उपचुनाव के नतीजे 

हाल ही में सम्पन्न हुए दो लोकसभा और 31 विधानसभा सीटों के चुनावो की बात की जाए तो दोनो लोकसभा सीटों पर भाजपा की हार हुई है। हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की जीत हुई जबकि केंद्र शासित दादरा और नगर हवेली सीट पर शिवसेना की जीत हुई। (महाराष्ट्र के बाहर शिवसेना की किसी लोकसभा सीट पर यह पहली जीत है)। जबकि 31 विधानसभा सीटों में से भाजपा के खाते में 7 सीट आई जिनमे 3 आसाम, 2 मध्यप्रदेश, 1 कर्नाटक तथा 1 तेलंगाना से जीत मिली।  जबकि कांग्रेस को 8 सीटे मिली जिनमे से 3 हिमाचल प्रदेश, 2 राजस्थान, 1-1 मध्यप्रदेश महाराष्ट्र और कर्नाटक से मिली है।  हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक में भाजपा की ही सरकार है। वहीँ 16 सीटों पर हरियाणा में विपक्ष (आईएनएलडी को 1) को छोड़कर बिहार (जेडीयू को 2), पश्चिम बंगाल (तृणमूल को 4) और आंध्रप्रदेश (वाईएसआर कांग्रेस को 1) और नार्थ ईस्ट में सत्तासीन क्षेत्रीय दलों (9) को सफलता मिली है।

केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी कम कर वैट घटाने की गेंद राज्य सरकार के पाले में डाल दी है 

उल्लेखनीय है की इन उपचुनावों में मुख्य मुद्दा पेट्रोल डीज़ल की बढ़ती कीमते और बेलगाम महंगाई थी। ऐसे में दोनों मुद्दों पर आँख मूंदकर बैठी केंद्र सरकार की नींद टूटी और दिवाली के मौके पर पेट्रोल पर 10 रूपये और डीज़ल पर 5 रूपये की एक्साइज ड्यूटी कम कर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गई है, हालाँकि यह कोशिश कम है लेकिन अब केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी घटाकर पेट्रोल डीज़ल पर वैट घटाने की गेंद राज्यों के पाले में डाल दी है। अब देखना होगा कौनसा राज्य कितना वैट कम करता है जिससे पेट्रोल डीज़ल और महंगाई से त्रस्त जनता को राहत मिल सके। 

अगले साल यूपी, पंजाब, गुजरात समेत कई राज्यों में होने वाले है चुनाव 

आने वाले साल 2022 की शुरुआत में फ़रवरी/मार्च में यूपी,पंजाब, उत्तराखंड, गोवा में चुनाव होने है जबकि साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव होने है।  इन सभी राज्यों में पंजाब को छोड़कर भाजपा की सरकार है। कांग्रेस के पास खोने के लिए केवल पंजाब है। जहाँ कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के मतभेद के चलते चरणजीत सिंह चन्नी को सत्ता मिली है। यहाँ कांग्रेस की आपसी सिर फुटौवल और कैप्टन की बनाई नयी पार्टी कांग्रेस को बड़ा झटका दे सकती है। पंजाब में कृषि आंदोलन के चलते अकाली दल से तलाक होने के बाद भाजपा पहले ही बैकफुट पर है । यहाँ भाजपा और कैप्टन अमरिंदर की मेहनत का फायदा अकाली दल से ज़्यादा केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को मिलने की पूरी संभावना है। 

उत्तरप्रदेश में योगी ज़रूर मज़बूत है लेकिन महंगाई, बढ़ती पेट्रोल डीज़ल की कीमते, किसानो, ब्राह्मणो, दलितों और अल्पसंख्यको की नाराज़गी और यह सभी एकजुट होते है तो भाजपा की मुश्किलें बढ़ेगी, हालाँकि बिखरे विपक्ष और ओवैसी की मौजूदगी से फायदा भाजपा को मिलने की संभावना है। उत्तराखंड में तो भाजपा को एक साल में ही तीन तीन मुख्यमंत्रियों को बदलना पड़ा है तो गुजरात में भी हाल ही में मुख्यमंत्री बदले गए है। उपचुनाव के नतीजे हिमाचल प्रदेश की आगामी विधानसभा की तस्वीर दर्शा रहे है। ऐसे में भाजपा शासित खासकर चुनावी राज्यों में पेट्रोल डीज़ल पर वैट कम होने की पूरी पूरी सम्भावना है। इसके चलते अन्य राज्यों को भी जहाँ फिलहाल चुनाव नहीं है वहां भी पेट्रोल डीज़ल पर वैट घटाने का दबाव पड़ेगा। कुल मिलाकर भविष्य में पेट्रोल डीज़ल की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है। 

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