मेटल्स उत्पादन के साथ कला, संस्कृति और कलाकारों के सरंक्षण में भी हिन्दुस्तान ज़िंक का महत्वपूर्ण योगदान


मेटल्स उत्पादन के साथ कला, संस्कृति और कलाकारों के सरंक्षण में भी हिन्दुस्तान ज़िंक का महत्वपूर्ण योगदान

नुक्कड़ नाटक और ग्राम रोड शो के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता
 
HZL

उदयपुर 16 मई 2025। वेदांता समूह की कंपनी और दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत ज़िंक उत्पादक, हिन्दुस्तान ज़िंक लिमिटेड मेटल्स के उत्पादन के साथ साथ समावेशी और सतत विकास पहलों के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाते हुए भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। 

कंपनी मानती है कि कला और संस्कृति सामाजिक बदलाव के शक्तिशाली साधन हैं। इसलिए, हिन्दुस्तान ज़िंक लगातार अजरख ब्लॉक प्रिंटिंग और आदिवासी गवरी नृत्य से लेकर पखावज की मधुर ध्वनि तक, भारत की सदियों पुरानी कला रूपों को पुनर्जीवित करने और संरक्षित करने में निवेश कर रही है। ये प्रयास आजीविका निर्माण के साथ सांस्कृतिक संरक्षण के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा हैं, जिससे समुदायों को अपनी विरासत को जीवित रखते हुए विकास करने में मदद मिलती है।

कौशल का कुशलता से उपयोग

कारीगर नेटवर्क और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर, हिंदुस्तान ज़िंक ने अजमेर में एक ब्लॉक प्रिंटिंग इकाई स्थापित की है, जहाँ पारंपरिक तकनीकों में कुशल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित 18 महिलाओं को रोजगार मिला है। कंपनी ने हेरिटेज टेक्सटाइल आर्ट को और बढ़ावा देने के लिए अजरख प्रिंटिंग पहल भी शुरू की है। ये दोनों प्रयास हिंदुस्तान ज़िंक के घरेलू कपड़ों के ब्रांड उपाया में योगदान देतेे हैं, जो सस्टेनेबल आजीविका को सक्षम करते हुए पारंपरिक शिल्प कौशल के सरंक्षण का उदाहरण है। यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और ग्रामीण महिलाओं को कौशल, आय और उनके शिल्प पर गर्व के साथ सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सखी ब्लॉक प्रिंटिंग यूनिट की प्रशिक्षु शर्मिला कहती हैं “अपनी पारंपरिक कला को अपने हाथों से जीवंत करना मुझे गर्व से भर देता है। इस पहल का हिस्सा बनने से मुझे न केवल एक कौशल सीखने को मिला है, बल्कि मुझे अपने पैरों पर खड़े होने में भी मदद मिली है।”

कला और आर्थिक सशक्तिकरण का यह संयोजन न केवल भारत की रचनात्मक परंपराओं को सुरक्षित रखता है, बल्कि ग्रामीण समुदायों को सम्मानजनक और सस्टेनेबल आजीविका प्रदान कर उन्हें ऊपर उठाता है।

प्रदर्शन कलाओं का संरक्षण और संवर्धन

हिन्दुस्तान ज़िंक वेदांता उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल जैसे बडे़ आयोजनों के माध्यम से प्रदर्शन कलाओं को बढ़ावा दे रहा है। यह महोत्सव लोक, शास्त्रीय, रॉक और फ्यूजन सहित विभिन्न शैलियों में भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संगीतकारों का एक जीवंत संगम है। यह उत्सव न केवल राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ाता है बल्कि भूले हुए वाद्ययंत्रों और लुप्त होती संगीत परंपराओं को भी पुनर्जीवित करता है।

कला को समर्पित सृजन द स्पार्क संस्था भारतीय कला और संस्कृति को वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत करती है, जबकि स्मृतियाँ, तबला वादक पंडित चतुर लाल को श्रद्धांजलि, भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत की शास्त्रीय संगीत विरासत को संरक्षित करने में सहायक है।

2025 में, हिन्दुस्तान ज़िंक ने जावर, रामपुरा आगुचा, चंदेरिया, दरीबा और पंतनगर में सखी उत्सव आयोजित किए। स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रस्तुतियाँ, कल्याण सत्र, खेल गतिविधियाँ,,वित्तीय साक्षरता शिविर और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से 7,000 से अधिक महिलाओं ने अपनी सशक्तिरण को दर्शाया।

नुक्कड़ नाटक और ग्राम रोड शो के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता

2021 से संचालित उठोरी अभियान 180 स्कूलों में 11,000 से अधिक छात्रों तक पहुँच चुका है, जो संवादात्मक प्रदर्शनों और कहानी सुनाने के माध्यम से मासिक धर्म स्वच्छता, घरेलू हिंसा और बाल विवाह जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करता है।

200 गाँवों में 2,000 से अधिक एसएचजी सक्रिय हैं, सखी पहल ने 25,000 से अधिक ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं को सशक्त बनाया है, नेतृत्व, उद्यमिता और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया है।

ये पहल हिंदुस्तान ज़िंक के समग्र सामाजिक प्रभाव का हिस्सा हैं, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोषण, पेयजल, स्वच्छता, कौशल विकास, खेल और संस्कृति जैसे महत्वपूर्ण विषय सम्मिलित है। इस विश्वास के साथ कि व्यक्तिगत सशक्तिकरण से सामुदायिक परिवर्तन होता है, हिंदुस्तान ज़िंक ने लगभग 4 हजार गाँवों में 20 लाख से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal