देश में खनन उद्योग में अग्रणी हिंदुस्तान जिंक, कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए सबसे बड़े विश्वविद्यालय और कृषि क्षेत्र में प्रमुख संस्था बायफ ने किसानों को खेती में नवीन स्तर पर ले जाने के उद्धेश्य से एमओयू पर हस्ताक्षर किये। इस एमओयूओ से हिन्दुस्तान जिंक की समाधान परियोजना से जुडे़ 5 जिलों के 30 हजार किसान लाभन्वित होगें।
इस हेतु आयोजित समारोह में कुलपति, एमपीयूएटी, डॉ. एन.एस. राठौड, निदेशक रिसर्च डॉ. एस.एल. शर्मा, एमपीयूएटी के निदेशक एक्सेटेंशन डॉ. आई.जे. माथुर, हिन्दुस्तान जिंक की सीएसआर हेड अनुपम निधि, बायफ की ओर से प्रबंध निदेशक, भरत काकड़े, क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रविराज जाधव, मुख्य कार्यक्रम प्रबंधक एल.आर. सिंह, एवं अन्य निदेशक, प्रोफेसर और अतिथियों की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
इस अवसर पर कुलपति डाॅ राठौड ने कहा कि इस कार्यक्रम से कृषि और पशुधन नवाचार को कृषि स्तर तक प्रभावी तरीके से सुनिश्चित कर समाधान परियोजना को महत्वाकांक्षी कार्यक्रम बना किसानों को अधिक से अधिक लाभान्ति किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के स्तंभ किसानों के लिये आवश्यक सशक्तिकरण के महत्व और किसानों की क्षमतावर्धन पर बल दिया।
हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि “मौजूदा प्रतिस्पर्धी समय में, हमारे स्थानीय किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने लिए उपलब्ध आजीविका के अवसरों बढ़ाने के लिए श्रेष्ठ वैज्ञानिक तकनीक से अपडेट रहें। इस साझेदारी से समाधान पहल के तहत 30,000 से अधिक किसानों को कृषि के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति की जानकारी से लाभ होगा। यह हमारे कम कार्बन उत्सर्जन की पहल को सार्थक कर प्रदेश में स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने में हमारी मदद करेगा।
बायफ के प्रबंध निदेशक भरत काकडें ने कहा कि नोलेज पार्टनर के रूप में एमपीयूएटी के साथ यह एमओयू प्रभावशाली परिवर्तन लाने में सक्षम होगा। एमपीयूएटी अपनी विशेषज्ञता के साथ ऑन-फार्म तकनीकी मार्गदर्शन के साथ कार्यक्रम में सहयोग मिलेगा और प्रगतिशील किसानों को संस्थागत प्रशिक्षण प्रदान कर प्रगतिशील किसानों को आगे लाने में सहायक होगा।
हिंदुस्तान जिंक 5 जिलों अजमेर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर और राजसमंद के आधार पर कृषि समुदाय की आय-सृजन क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से समाधान परियोजना संचालित कर रहा है। सहयोगी संस्था बायफ द्वारा यह परियोजना 4 वर्षों से अधिक समय से क्रियान्वित की जा रही है। अब तक नवीन तकनीक की जानकारी एवं प्रशिक्षण के माध्यम से लगभग 14 हजार किसानों और बेहतर पशु प्रजनन और पशुालन हेतु सलाह से 15 हजार से अधिक 14,517 पशुपालक किसानों को लाभान्वित किया है। समाधान 263 एकड़ भूमि को फलदार पौधों के साथ विकसित करने, पारिस्थितिक संतुलन और समुदाय की आर्थिक सुरक्षा में सुधार करने में सक्षम है। एकीकृत पशुधन विकास केंद्रों के माध्यम से 5 से अधिक बछडियों के प्रजनन से 1.5 गुना अधिक दूध उत्पादन संभव हुआ है। पशु स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से 1 लाख से अधिक पशु लाभान्वित हुए है।
कार्यक्रम में हिन्दुस्तान जिंक से समाधान परियोजना प्रबंधक शिव भगवान, स्वेतलाना साहु, अखिल नसीम, बायफ से मुख्य परियोजना प्रबंधक सुरेन्द्र वर्डिया, नरेश कुमार, बिस्वा रंजन सहित एमपीयूटी के प्रोफेसर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal