भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को उनकी उच्च शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए समावेशी और प्रगतिशील नीति की घोषणा की है। शिक्षा में आने वाली बाधाओं को पहचानते हुए, कंपनी ने उन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए व्यावसायिक शिक्षा के लिए 1 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता की घोषणा की है, जो 18 माह से कंपनी में कार्यरत हैं।
यह नीति एकमुश्त सहायता प्रदान करेगी जो कि कंपनी के सभी परिचालन स्थानों पर व्यावसायिक भागीदारों में कार्यरत ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के लिए भी है। यह प्रयास हिंदुस्तान जिंक के कर्मचारियों में कार्य विकास के अवसर देने की की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। नीति को हिंदुस्तान जिंक के कार्यक्रम जिंकल्यूज़न में लॉन्च किया गया।
हिंदुस्तान जिंक के यशद भवन सभागार में जिंक़ल्यूज़न कार्यक्रम के दौरान चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर, मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा एवं इंडिया एबीओ डीईएंडआई लीडर जैनब पटेल के आतिथ्य में ‘समावेशन की ओर चुनौतीपूर्ण बाधाएं‘ विषय पर पैनल चर्चा की गयी। कार्यक्रम में पूर्वाग्रहों को खत्म करने और अधिक समावेशी कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। विविध कार्यबल को मुख्यधारा में सम्मिलित करने के साथ ही, हिंदुस्तान जिंक उनकी सफलता और कल्याण सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसका उद्देश्य दीर्घकालिक करियर विकास और अपनेपन की भावना है।
हिंदुस्तान जिंक की चेयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड की निदेशक प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने इस अवसर पर कहा कि, वेदांता में, हम एक ऐसी संस्कृति विकसित करने के लिए समर्पित हैं जो विविधता के साथ सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करती है। उच्च शिक्षा के लिए हमारी वित्तीय सहायता नीति की घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है, जो हमारे ट्रांसजेंडर कर्मचारियों को सशक्त बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उनके कार्य विकास में निवेश का हमारा लक्ष्य एक ऐसा वातावरण बनाना है जो समान हो, और प्रत्येक कर्मचारी के हित और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा दे।
हिंदुस्तान जिंक की व्यावसायिक इकाइयों में 16 ट्रांसजेंडर कर्मचारी कार्यरत है, जो वित्त, आपूर्ति श्रृंखला, विपणन, चिकित्सा और अन्य विभागों जैसी मुख्यधारा की भूमिकाओं में अपनी सेवाएं दे रहे है। अपनी निरंतर प्रतिबद्धता दोहराते हुए हिंदुस्तान जिंक ने जिंक़ल्यूज़न कार्यक्रम शुरू किया, जिसे पूर्वाग्रहों को खत्म करने, अधिक समावेशी कार्य वातावरण को बढ़ावा देने और एक विविध कार्यबल हेतु आयोजित किया गया है। कार्यस्थल में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए, हिंदुस्तान जिंक ने जिं़क़ल्यूज़न कार्यक्रम में पैनल चर्चा के दौरान कंपनी में कार्यरत ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के लिए एक अनूठी कौशल वृद्धि और क्षमता निर्माण नीति की घोषणा की।
विश्व के सबसे बड़े लेड जिंक स्मेल्टर चंदेरिया में लैब टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत रागिनी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि, मैं हिंदुस्तान जिंक में इस अवसर के लिए आभारी हूं, जहां टीम मुझे एक बड़े परिवार की तरह महसूस कराती है, जो भेदभाव और पूर्वाग्रहों से मुक्त है। यहां मेरे लिए जो अवसर दिये गए हैं वे न सिर्फ व्यक्तिगत विकास में सहायता करते है बल्कि प्रोफेशन में भी सराहनीय हैं। विभिन्न पहलों के माध्यम से, वेदांता और हिंदुस्तान जिंक समाज की मुख्यधारा से वंचित ट्रांस समुदाय को मुख्यधारा में लाने में सहायता कर रहे हैं और हमारी वास्तविक क्षमता को पोषित करने के लिए एक सुरक्षित और सहायक वातावरण भी प्रदान कर रहे हैं।
अपने अनुभव को साझा करते हुए, मार्केटिंग विभाग में कार्यरत यशवर्धन ने कहा, मैं यहां सहकर्मियों द्वारा प्रदान किए गए सहयोग से अभिभूत हूं, जो मुझे कार्य के हर चरण में मेरी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने में सहायक हैं। कार्यस्थल का माहौल बेहद मिलनसार है और मेरे कौशल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
वैश्विक स्तर पर, धातु और खनन क्षेत्र मे जेण्डर विविधता अनुपात काफी कम रहा है। 2022 से, कंपनी अपने कार्यबल में एलजीबीटीक्यआईए समुदाय के सदस्यों को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए अवसर देने हेतु प्रयासरत है, जिन्हें अक्सर स्थायी आजीविका हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कंपनी का लक्ष्य मुख्यधारा के क्षेत्रों में अब तक अवसरों से वंचित इन प्रतिभाओं को उद्योग में स्वीकृति और समावेशिता की दिशा में एक आदर्श बदलाव लाना है।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal