उदयपुर, 24 अक्टूबर 2024। वैश्विक स्तर पर चल रही चांदी की कीमतों में तेजी के बीच, भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को प्रतिष्ठित लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन, एलबीएमए से कंपनी के पंतनगर मेटल प्लांट के लिए रेस्पोन्सिबल सिल्वर गाइडेंस का नवीनीकृत प्रमाणन प्राप्त हुआ है। यह प्रमाणन 99.99 प्रतिशत शुद्ध चांदी के उत्पादन और कच्चे माल की रेस्पोन्सिबल सोर्सिंग सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के प्रति कंपनी की निष्ठा की पहचान है। इस उपलब्धि के साथ ही हिंदुस्तान जिंक एलबीएमए की गुड डिलीवरी लिस्ट द्वारा मान्यता प्राप्त 80 वैश्विक सिल्वर रिफाइनर की विशेष सूची में शामिल हो गया है।
द सिल्वर इंस्टीट्यूट, यूएसए द्वारा किए गए वल्र्ड सिल्वर सर्वे 2024 के अनुसार वित्त वर्ष 24 में, हिंदुस्तान जिंक ने रिकॉर्ड 746 मीट्रिक टन चांदी का उत्पादन कर विश्व में तीसरा सबसे बड़ा चांदी उत्पादक का स्थान हांसिल किया है। इस प्रमाण पत्र के नवीनीकरण से हिंदुस्तान जिंक के चांदी उत्पादों जिसमें 30 किलोग्राम बार, 1 किलोग्राम बार और चांदी पाउडर को वैश्विक व्यापार के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूर्ण करने का प्रमाण मिलता है।
भारत के एकमात्र चांदी उत्पादक के रूप में, हिंदुस्तान जिंक बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में है, जो राजस्थान में सिंदेसर खुर्द खदान, वैश्विक स्तर पर दूसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक खदान और उत्तराखंड में पंतनगर मेटल प्लांट जैसी विश्व स्तरीय परिसंपत्तियों के माध्यम से देश के लिए शुद्ध गुणवत्ता वाली चांदी का उत्पादन करता है। यह अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन हिंदुस्तान जिंक की परिचालन उत्कृष्टता और वैश्विक मानकों को पूरा करने वाले चांदी के बार और पाउडर के उत्पादन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है यह मान्यता हिंदुस्तान जिंक की उन्नत विनिर्माण प्रथाओं और हरित नवाचारों की पुष्टि करती है, जो चांदी के मूल्य श्रृंखला में स्थिरता सुनिश्चित करती है।
गुणवत्ता हेतु हिंदुस्तान जिंक के फोकस पर हिंदुस्तान जिंक के मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि हम पंतनगर में अपनी सिल्वर रिफाइनरी के लिए अपने एलबीएमए प्रमाणन के नवीनीकरण से उत्साहित हैं। एलबीएमए की गुड डिलीवरी लिस्ट का हिस्सा बनना वैश्विक मानकों का पालन करते हुए उच्च गुणवत्ता वाली चांदी का उत्पादन करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। उभरती औद्योगिक और उपभोक्ता मांग के आधार पर हम चांदी पर आशावादी हैं। प्राथमिक स्रोतों से भारत के एकमात्र चांदी उत्पादक के रूप में, हमारा मानना है कि विभाजन के माध्यम से एक अलग चांदी कंपनी स्थापित करने से सभी हितधारकों के लिए मूल्य अनलॉक होगा और जिस पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित कर दीर्घकालिक विकास संभव होगा।
वैश्विक ऊर्जा संक्रमण में चांदी एक महत्वपूर्ण धातु है, विशेष रूप से सौर ऊर्जा उत्पादन में, जहां इसकी बेहतर विद्युत चालकता इसे सौर पैनलों के लिए आवश्यक बनाती है। इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र और टचस्क्रीन, सर्किट और कनेक्टर जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियां भी चांदी की मांग में वृद्धि का वादा करती हैं। पिछले दो दशकों में हिंदुस्तान जिंक का चांदी उत्पादन 15 गुना से अधिक बढ़ा है और चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी ने चांदी के उत्पादन में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। यह समग्र वृद्धि उन्नत अयस्क निष्कर्षण और उन्नत शोधन तकनीकों के कार्यान्वयन से प्रेरित है।
वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक और तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक है। कंपनी भारत में प्राथमिक जस्ता बाजार में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है और भारत की एकमात्र प्राथमिक चांदी उत्पादक है। हिंदुस्तान जिंक को एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2023 द्वारा धातु और खनन श्रेणी में दुनिया की सबसे सस्टेनेबल कंपनी के रूप में मान्यता दी गई है, जो इसकी परिचालन उत्कृष्टता, नवाचार और अग्रणी ईएसजी कार्य प्रणाली को दर्शाती है।
हिंदुस्तान जिंक एक प्रमाणित 2.41 गुना वाटर-पॉजिटिव कंपनी है और 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। धातु और खनन उद्योग में अग्रणी कंपनी के रूप में, हिंदुस्तान जिंक सस्टेनेबल भविष्य के लिए वैश्विक ऊर्जा संक्रमण के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण धातुएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण है।
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