उदयपुर। जीएसटी काउंसिल की शनिवार को नई दिल्ली में होने जा रही बैठक में टेक्सटाइल उद्योग पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने पर विचार किया जायेगा। यदि ऐसा होता है तो पूर्व में ही मरणासन्न स्थिति में चल रहे टेक्सटाईल उद्योग बिलकुल समाप्त सा हो जायेगा। यदि काउंसिल जीएसटी बढानें पर विचार करती है तो देश भर के व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेगें।
श्री वस्त्र व्यापार संघ उदयपुर के अध्यक्ष मदनलाल सिंघटवाड़िया ने बताया कि जीएसटी काउंसिल से टेक्सटाइल उद्योग ने आग्रह किया है कि इतना घातक निर्णय लेने से पहले टेक्सटाइल उद्योग की वर्तमान स्थिति का जायजा ले लिया जाए, तभी उस पर किसी भी प्रकार का विचार किया जाना चाहिये।
मंत्री वेदप्रकाश अरोड़ा ने बताया कि सूरत का टेक्सटाइल उद्योग फिलहाल अभूतपूर्व मंदी के दौर से गुजर रहा है। यदि जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दी गई तो निश्चित रूप से यह कदम टेक्सटाइल उद्योग के लिए अत्यंत विनाशकारी साबित होगा।
टेक्सटाइल से जुड़े सभी घटक जीएसटी की वर्तमान दर को बढ़ाने के निर्णय का घोर विरोध करते हैं और यदि यह निर्णय लिया गया तो टेक्सटाइल उद्योग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकता है। यदि भारत सरकार वास्तव में टेक्सटाइल उद्योग को उन्नति के पथ आते हुए देखना चाहती है तो सरकार को टेक्सटाइल से जीएसटी के निर्मूलन पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि एक ओर कोरोना वायरस के कारण संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्थाओं में इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं, ऐसे में भारत में टेक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ाने का निर्णय सरकार के लिए आत्मघाती सिद्ध होगा। सरकार को इस निर्णय को कार्यान्वित करने से पहले गहन विचार करना चाहिए। भारत समेत पूरे विश्व के स्टॉक मार्केट अफरा तफरी का माहौल है, लगातार गिरते बाजार भविष्य में आने वाली भयंकर आपदा की चेतावनी दे रहे हैं ऐसे में सरकार को अपने जीएसटी के निर्णय को स्थगित रखना चाहिए।
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