उदयपुर, 28 जुलाई 2020 । हाल ही में राज्य के वित्त मंत्रालय के कर विभाग द्वारा औद्योगिक एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों को इस वर्ष के भूमिकर के रिटर्न भरने के नोटिस दिए गए हैं। साथ ही भूमिकर की बकाया राशि का भुगतान भी जल्द से जल्द जमा कराने के आदेश दिए गए हैं।
यूसीसीआई के अध्यक्ष रमेश कुमार सिंघवी ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा दिनांक 30 मार्च 2020 को इस बाबत् जारी किए गए नोटिफिकेशन के तहत लेड, जिंक, काॅपर, राॅक फाॅस्फेट, डोलोमाईट, फैल्सपार, जैसपर, ग्रेनाईट, जिप्सम, लाईम स्टोन, मार्बल इत्यादि की माईन्स तथा 10 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल की वाणिज्यक एवं औद्योगिक भूमि सम्मिलित है, पर अलग-अलग दर से भूमिकर लगा कर टैक्स की वसूली की जा रही है।
कोरोना संक्रमण की इस वैश्विक महामारी के दौर में उद्योगों के लिए यह अत्यन्त कठिनाई पैदा करने वाला निर्णय है। ऐसे समय में जबकि ज्यादातर उद्योग या तो बन्द हैं अथवा काफी कम उत्पादन कर पा रहे हैं, इस प्रकार से सरकार द्वारा भूमिकर लगाए जाने से कीमतों में ईजाफा होगा तथा महंगाई और ज्यादा बढेगी।
यूसीसीआई के सदस्य मनमोहनराज सिंघवी ने इस विषय में विचार रखते हुए बताया कि वाणिज्यक भूमि पर बने स्कूल, काॅलेज, होटल, रिसोर्ट इत्यादि जो कि मार्च माह में लाॅकडाउन लगने के बाद से ही बन्द हैं, वे इस समय भूमिकर देने की स्थिति में नहीं हैं।
अध्यक्ष रमेश कुमार सिंघवी ने इस विषय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रतिवेदन प्रेषित करते हुए आग्रह किया है कि इस वर्ष या तो भूमिकर माफ किया जाए अथवा तीन वर्षों के लिए सरकार द्वारा इसकी वसूली स्थगित की जाए।
अध्यक्ष सिंघवी ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन की प्रतियां उद्योगमंत्री, प्रधान सचिव, कर विभाग तथा राज्य के प्रमुख उद्योग समूहों को प्रेषित करते हुए इस विषय में उनका सहयोग मांगा है।
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