वेदांता चेयरमैन अनिल अग्रवाल की राजस्थान मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से मुलाकात


वेदांता चेयरमैन अनिल अग्रवाल की राजस्थान मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से मुलाकात

मुख्यमंत्री-राजस्थान और वेदांता चेयरमैन ने नेचुरल रिसोर्स पर आधारित मजबूत ग्रोथ और डेवलपमेंट के साझा दृष्टिकोण पर चर्चा की
 
Chief Minister of Rajasthan and Vedanta Chairman discussed the shared vision of strong growth and development based on natural resources

जयपुर, 07 जुलाई 2024: वेदांता समूह के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल ने आज राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा से मुलाकात के दौरान नेचुरल रिसोर्स सेक्टर- मेटल, मिनरल्स और ऑयल एवं गैस- के लिए राज्य में उपस्थित संभावनाओं और उन योजनाओं पर चर्चा की, जो बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने और राज्य के आर्थिक विकास के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए महत्वपूर्ण है।

वेदांता ने अब तक राजस्थान में 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इस समूह के दो प्रमुख व्यवसाय राज्य में  हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड - दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एकीकृत जिंक उत्पादक और तीसरा सबसे बड़ा सिल्वर उत्पादक, और केयर्न ऑयल एंड गैस, भारत का सबसे बड़ा निजी क्रूड ऑयल उत्पादक, राज्य में अपने सबसे बड़े ऑपरेशन्स संचालित करते हैं। वित्त वर्ष 24 में, वेदांता का राज्य के राजकोष में योगदान 10,000 करोड़ रुपये था।

राज्य के प्रति वेदांता समूह की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, वेदांता समूह के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल ने कहा, “राजस्थान एक राष्ट्रीय नेचुरल रिसोर्स ग्रोथ इंजन है, जिसमें मिनरल्स, मेटल और ऑयल एवं गैस सेक्टर में भारत को आत्मनिर्भरता की तरफ ले जाने की क्षमता है। राजस्थान और वेदांता दोनों ही प्राकृतिक संसाधनों में आत्मनिर्भर बनने और इस प्रकार ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने के भारत के लक्ष्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भविष्य के सहयोग के लिए तैयार हैं।

“श्री भजन लाल शर्मा के साथ मेरी चर्चाएँ बहुत महत्वपूर्ण रहीं, जिसमें राज्य के विकास के लिए उनकी सरकार के दृष्टिकोण को साझा किया गया, जो पारदर्शिता, दक्षता और ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए वैल्यू पर केंद्रित था। उनके नेतृत्व और हमारी दीर्घकालिक साझेदारी के तहत, मिनरल एक्सप्लोरेशन, वैल्यू एडिशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इन्नोवेशन पर सरकार का जोर इस ऊर्जावान राज्य की विरासत को नयी ऊंचाइयों की ओर ले जाएगा।” -  अनिल अग्रवाल, चेयरमैन, वेदांता

वेदांता के नेतृत्व में, 2002 में विनिवेश के बाद से हिंदुस्तान जिंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 400 गुना से अधिक बढ़कर लगभग 650 करोड़ रुपये (USD 100 मिलियन) से लगभग 2,90,000 करोड़ रुपये (USD 34 बिलियन) हो गया है और कंपनी को विश्व में अग्रणी बना दिया है। S&P ग्लोबल के अनुसार हिंदुस्तान जिंक को दुनिया की सबसे सस्टेनेबल मेटल और माइनिंग कंपनी के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।

केयर्न ऑयल एंड गैस, जो वेदांता समूह का हिस्सा है, भारत के घरेलू क्रूड ऑयल  उत्पादन में 25% का योगदान देता है, जिसका एक बड़ा हिस्सा राजस्थान के बाड़मेर में इसके ऑपरेशन्स से आता है। केयर्न ने हाल ही में मैच्योर फील्ड से रिकवरी बढ़ाने के लिए बाड़मेर में उच्च ऑयल विस्कॉसिटी वाले मंगला फील्ड में देश की सबसे बड़ी कमर्शियल अल्कलाइन सर्फेक्टेंट पॉलिमर (ASP) फ्लडिंग प्रोसीजर को भी लागू किया है। केयर्न भारत में किसी भी निजी कंपनी द्वारा सबसे बड़े एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट को भी एक्जीक्यूट कर रही है और वित्त वर्ष 25 में बाड़मेर में एक्सप्लोरेशन और डेवलपमेंट वेल ड्रिल करने की योजना बना रही है।

इन कंपनियों के माध्यम से, वेदांता ने राजस्थान में 50,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार अवसर पैदा किए हैं।

व्यापार के अलावा, वेदांता ने राजस्थान सरकार के साथ राज्य में 25,000 नंद घर विकसित करने के लिए एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जो 10 लाख बच्चों और 7.5 लाख महिलाओं के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। नंद घर, वेदांता द्वारा विकसित मॉडर्न, टेक्नोलॉजी-सक्षम आंगनवाड़ी हैं जो समुदाय की महिलाओं और बच्चों के लिए सीखने और विकास के समग्र केंद्र के रूप में काम करते हैं। वेदांता की सामुदायिक विकास गतिविधियां महिला सशक्तिकरण, स्थायी आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रासरूट्स स्पोर्ट्स और संस्कृति तक फैली हुई है, जिससे राजस्थान भर में लगभग 2 करोड़ लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

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