जरूरतमंदो के लिए भोजन
स्वास्थ्य के लिए एहतियाती कदम
कर्मचारी कल्याण एवं सुरक्षा को प्राथमिकता
वेदांता समूह द्वारा कोविड-19 के खिलाफ सहयोग में अग्रणी भूमिका निभायी जा रही है। कंपनी द्वारा अब तक स्थानीय जरूरतमंद लोगो को निवारक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने और दैनिक मजदूरी श्रमिकों को मुफ्त भोजन वितरित करने पर 151 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए कई एहतियाती उपाय सुनिश्चित करने के साथ ही वेदांता ने महामारी फैलने से रोकने के लिए अब तक 7 लाख से अधिक लोगो को लाभान्वित किया हैंै।
वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा है कि “भारत ने कोविड-19 के प्रभाव से लड़ने में व्यापक एकजुटता दिखाई है। वहीं वैश्विक महामारी के समय सद्भावना दिखाते हुए कई देशों में महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति की है। उन्होने विश्वास जताया कि देश की अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर हो जाएगी जिसके लिए ‘मेक इन इंडिया 2.0’ मंत्र होगा, नये स्टार्ट-अप होंगे, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगो से रोजगार मिलेगा, खनन और विनिर्माण उद्योग पुनर्जीवित होने से देश मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि हम कार्य स्थल पर स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सख्त मानदंड सुनिश्चित कर हमारी अर्थव्यवस्था को पुनर्गठित करेंगे।
अग्रवाल ने कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कार्पोरेट सेक्टर का पूरा समर्थन है और देश के हर नागरिक का जीवन एवं उनकी आजीविका महत्वपूर्ण हैं।‘‘ वेदांता द्वारा दैनिक श्रमिकों, निवारक स्वास्थ्य देखभाल के लिए कर्मचारियों और अनुबंध भागीदारों के कल्याण हेतु 100 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया है।‘‘
इस पहल के तहत् कंपनी द्वारा अब तक देश भर में दैनिक वेतनभोगियों को 5.5 लाख से अधिक भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही, मुंबई के वर्ली कोलीवाड़ा में 13,500 मछुआरों को सूखा राशन प्रदान किया जा रहा है। वेदांता की व्यावसायिक इकाइयों ने स्थानीय समुदायों को 21,000 से अधिक सूखे राशन पैकेट वितरण करने के साथ ही वेदांता फाउंडेशन ने मुंबई के अभिनव कुष्ठ विद्यालय में लगभग 850 लाभार्थियों सहित 300 परिवारों को खाद्यान्न वितरित किया है।
कोविड -19 महामारी के बाद तालाबंदी के कारण दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में कंपनी द्वारा दिल्ली, मुंबई और पटना में उन्हें 10 लाख भोजन पैकेट देने का वादा किया है।
निरीह पशुओं की खराब स्थिति को ध्यान में रखते हुए कंपनी प्रतिदिन 50,000 से अधिक घुमंतु पशुओं को आहार सुलभ करा रही है। कंपनी ने अब तक दिल्ली, मुंबई, जयपुर और पुणे में 6.6 लाख से अधिक घुमंतु पशुओं को आहार उपलब्ध कराया है।
निवारक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के लिए, वेदांता ने एहतियाती कदम उठाते हुए लोगो को 2.5 लाख से अधिक मास्क वितरित किए हैं। कंपनी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार को एक और 2 लाख एन 95 मास्क उपलब्ध करा रही हैं। अब तक, कंपनी द्वारा देश भर के जिला अस्पतालों को 26 हजार से अधिक सर्जिकल मास्क और 60 हजार से अधिक सर्जिकल दस्ताने प्रदान किए हैं। कंपनी ने 75 हजार से अधिक साबुन और सैनिटाइजर समुदायों में वितरित किये है।
वेदांता ने व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के लिए 23 मशीनों का आयात करने के लिए कपड़ा मंत्रालय से अनुबंध कर इसी माह उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया है, ये मशीनें प्रति दिन लगभग 5 हजार पीपीई का उत्पादन करेगी।
बाल्को चिकित्सालय में आइसोलेशन वार्ड स्थापित करने के साथ ही कोरबा में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल की स्थापना की गई है। जोधपुर में केयर्न सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को 120-बेड क्षमता के साथ क्वारेंटाइन सुविधा के रूप में जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है, जिसमें 150 लोगों के लिए दिन में तीन बार भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी तरह 10 से अधिक मोबाइल स्वास्थ्य वेन एंबुलेंस के रूप में उपयोग करने एवं व्यावसायिक इकाइयों और नंद घरों द्वारा आवश्यक वस्तुओं के वितरण के लिए जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई गई हैं।
सरकार के निर्देशानुसार आवश्यक सेवाओं और सतत उद्योगों के संचालन के तहत् वेदांता द्वारा अपने सभी संयंत्रों में कोविड -19 को रोकने के लिए डब्ल्यूएचओ मानकों का कड़ाई से पालन करते हुए कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। कोरोना वायरस प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए वेदांता कर्मचारी एक दिन का वेतन देगें जो कंपनी द्वारा राज्य राहत कोष के लिए दिया जाएगा। वेदांता ने अपोलो हॉस्पिटल्स के सहयोग से, कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान समय पर स्वास्थ्य देखभाल की सलाह सुनिश्चित करने के लिए चैबीसो घण्टे हेल्पलाइन की स्थापना की है। जो कि सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए उपलब्ध हैं।
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