नाट्यांश कलाकारों ने तम्बाकु और नशे को कहा ‘‘रूको”

नाट्यांश कलाकारों ने तम्बाकु और नशे को कहा ‘‘रूको”

नाटक की संयोजक रेखा सिसोदिया ने बताया कि इस नाटक का लेखन और निर्देशन अशफाक नूर खान पठान ने किया और कलाकारों में अमित श्रीमाली, मोहम्मद रिजवान मन्सुरी, अब्दुल मुबीन ख़ान, हार्दिक नागदा, राघव गुर्जरगौड़, अशफाक नुर खान, चक्षु, आमिर, रक्षित और जतिन आदि शामिल थे

 

नाट्यांश कलाकारों ने तम्बाकु और नशे को कहा ‘‘रूको”

आज देश और समाज में बढ़ रहे तम्बाकु सेवन और नशे की लत को रोकने के लिए रविवार शाम को एक नुक्कड नाटक ‘‘रूको” का मंचन उदयपुर की नाट्य संस्थान नाट्यांश सोसायटी आॅफ ड्रामेटिक एंड परर्फोमिंग आट्र्स द्वारा किया गया।

नाटक के दो मंचन किये गये पहला मंचन पिछोला पाल पर और दुसरा मंचन फतह सागर की पाल पर किया गया। इस नाटक में बताया गया कि लोग खाली समय में तम्बाकु, गुटखा और नशे के प्रति आर्कषक होते है, जो कि जानलेवा है।

संस्थान द्वारा इस नाटक के माध्यम से बताया कि तम्बाकु सेवन और नशे से किस तरह की घातक बिमारियाँ होती है और इन बिमारियों से बचना भी मुश्किल है। साथ ही ये भी बताया गया कि तम्बाकु सेवन हमारे देश में हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बन रहा है। और ये तम्बाकु, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट जैसे छोटे नशे हमारी युवा पिढी को शराब अफिम, चरस गांजा और ड्रग्स की तरफ ले जाते है। ये सभी नशे धिरे – धिरे हमारे सभ्य समाज को दिमक की तरह खोखला कर रही है।

नाट्यांश कलाकारों ने तम्बाकु और नशे को कहा ‘‘रूको”

कलाकारों ने इस नुक्कड़ नाटक के द्वारा समाज को इस खतरनाक नशे के खिलाफ एक जुट होकर लड़ने के लिए प्रेरित किया और साथ ही यें भी प्रण लिया कि नशे जैसी बुराई को समाज से मिटा कर रहेंगें। यहा नाटक द्वारा तम्बाकू को छोड़ने के उपायों के बारे में भी बताया गया है।

नाट्यांश कलाकारों ने तम्बाकु और नशे को कहा ‘‘रूको”

नाटक की संयोजक रेखा सिसोदिया ने बताया कि इस नाटक का लेखन और निर्देशन अशफाक नूर खान पठान ने किया और कलाकारों में अमित श्रीमाली, मोहम्मद रिजवान मन्सुरी, अब्दुल मुबीन ख़ान, हार्दिक नागदा, राघव गुर्जरगौड़, अशफाक नुर खान, चक्षु, आमिर, रक्षित और जतिन आदि शामिल थे।

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