फतह सागर पर भरतनाट्यम और डांस दी नाइट अवे की धूम
शनिवार को मोर्निंग राग ‘प्रभाती‘ के तहत् गुलाब बाग में हुई भजन एवं शबद गुरुवाणी की प्रस्तुती। दरबार हाॅल में अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार मे ‘मौखिक परम्पराओं की भूमिका और प्रभाव’ नामक विषय पर चली चर्चा। जनाना महल के लक्ष्मी चौक में ‘शिल्प के कीर्ति संगम’ पर हुई वर्कशोप। दोपहर बाद दिन चली संगोष्ठियों, वर्कशोप आदि पर हुआ विचार-विमर्श। सायं 7 बजे से फतह सागर की पाल पर नृत्य और संगीत के आयोजनों में भरतनाट्यम और डांस दी नाइट अवे पर मचा धामाल।
शनिवार को मोर्निंग राग ‘प्रभाती‘ के तहत् गुलाब बाग में हुई भजन एवं शबद गुरुवाणी की प्रस्तुती। दरबार हाॅल में अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार मे ‘मौखिक परम्पराओं की भूमिका और प्रभाव’ नामक विषय पर चली चर्चा। जनाना महल के लक्ष्मी चौक में ‘शिल्प के कीर्ति संगम’ पर हुई वर्कशोप। दोपहर बाद दिन चली संगोष्ठियों, वर्कशोप आदि पर हुआ विचार-विमर्श। सायं 7 बजे से फतह सागर की पाल पर नृत्य और संगीत के आयोजनों में भरतनाट्यम और डांस दी नाइट अवे पर मचा धामाल।
इस महोत्सव के चौथे दिन शनिवार को मोर्निंग रागा ‘प्रभाती‘ के तहत् गुलाबी ठंड के बीच गुलाब बाग में पटियाला के प्रो. अलंकार सिंह एवं ग्रुप ने भजन एवं शबद गुरुवाणी की प्रस्तुती दी। शबद गुरुवाणी के दौरान श्रोताओं ने अपने-अपने सर को ढ़क कर रखें। विश्व जीवंत विरासत महोत्सव-2018 की संयोजक वृंदाराजे सिंह ने बताया कि दरबार हाॅल में श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड़ की उपस्थिति में अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार में ‘कहानी, परम्परा और भविष्य नामक विषय में मौखिक परम्पराओं में इनकी भूमिका एवं प्रभाव पर प्रस्तुतीकरण हुआ। जिसमें वक्ता के रूप में लेखक एवं शोधार्थी सुमेधा वर्मा ओझा, ट्यूर एंड ट्रेवेल्स की जानी मानी राजस्थानी संस्कृति और विरासत की लेखिका तृप्ति पाण्डे, जयपुर से पुरातत्वविद्, इतिहासकार एवं लेखिका डाॅ रीमा हूजा जो भारत सरकार के राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण की पूर्व सदस्य रह चुकी है, जयपुर के इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ क्राफ्ट्स एंड डिजाइन की निदेशक डाॅ. तुलिका गुप्ता तथा मुम्बई के अनुग्रह की को-फाउण्डर देशना मेहता आदि ने व्याख्यान प्रस्तुत किये।
इसी क्रम में जनाना महल के लक्ष्मी चौक में ‘शिल्प के कीर्ति संगम’ पर वर्कशोप आयोजित हुई, जिसमें द्रोना फाउण्डेशन गुडगाँव की ओर से पूजा अग्रवाल, अनु खंडाल, गिरिश विश्वनाथ आदि ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी। इस वर्कशोप के दौरान सिटी पेलेस भ्रमण पर आये मुख्यतः पश्चिम बंगाल के आगंतुकों ने आर्ट एंड क्राफ्ट बाजार ‘सृजन’ को खुब लुप्त लिया।
दोपहर बाद चारों दिन चली संगोष्ठियों व वर्कशोप आदि पर ‘रिफलेक्शन सेशन कोन्सालिडेटिंग डे’ के नाम से विचार-विमर्श हुआ जिसमें भारत सरकार के युनियन मिनिस्टर्स आॅफ डिपार्टमेंट आॅफ हायर एजुकेशन, मिनिस्टरी आॅफ एचआर डवलपमेंट के रिटायर्ड सेक्रेट्री विनयशील ओबेराॅय, अमरावती हेरिटेज सेन्टर एंड म्युजियम के चीफ क्यूरेटर प्रो. अमरेश्वर गल्ला, केलिफोर्निया काॅलेज आॅफ आर्स, यूएसए की डाॅ. डेबरा स्टेन, द्रोना फाउण्डेशन की डाॅ. शिखा जैन, अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के सेन्टर फोर हेरिटेज मेनेजमेंट के निदेशक डाॅ. नीलकमल ने अपने अपने विचार रखे।
सायं 7 बजे से फतह सागर की पाल लेक डांस परफोर्मेंस में नई दिल्ली की कलांगन डांस कम्पनी की ओर से भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुती की गई। भारतीय शैली के इस नृत्य में गुरु जमुना कृष्णन और रागिनी चन्द्रशेखर के शिष्यों ने सभी दिल जीत लिया। कार्यक्रम के अंत में बैंगलुरु के स्वरात्मा: इण्डियन फाॅक राॅक बैण्ड के कलाकारों ने डांस दी नाइट अवे की प्रस्तुती से सबको झुमने को विवश कर दिया।
महोत्सव के अंतिम दिन रविवार को आयड़ पर उदयपुर हेरिटेज वाॅक प्रातः 7.30 बजे आयोजित की जावेगी। गुलाब बाग एवं फतह सागर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में प्रवेश निःशुल्क रहेगा।
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