शहर के सिंधी मोहल्लो में चेटीचंड की धूम

शहर के सिंधी मोहल्लो में चेटीचंड की धूम

आर्कषक सुन्दर झांकी में बहराणा साहब के साथ शोभायात्रा

 
chetichand

उदयपुर 2 अप्रैल 2022 । पूज्यश्री  बिलोचिस्तान पंचायत व श्री सनातन धर्म सेवा समिति की चेटीचंड पर शक्ति नगर स्थित सनातन मंदिर में झुलेलाल भवन से आये बहराणा साहब का स्वागत किया। समिति के हेमंत गखरेजा ने बताया की 2 अप्रैल शनिवार को चेटीचंड के पर श्री बिलोचिस्तान पंचायत व श्री सनातन धर्म सेवा समिति के तत्वाधान में  बहराणा साहब कि हाथ गाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा विशेष रूप दिया । 

chetichand

पूज्य बिलोचिस्तान पंचायत के अध्यक्ष नानकराम कस्तूरी ने बताया कि कोविड के कारण पिछले 2 वर्ष से शोभायात्रा ना निकलने के कारण यह आयोजन नहीं किया गया था परंतु इस बार पूरी तैयारी के साथ बहाराणा साहब को कार्यकर्ता द्वारा तैयारी की गयी एव शनिवार को प्रातः 6:00 बजे सनातन मंदिर स्थित भगवान श्री झूलेलाल साईं का नवविवाहित जोड़ों द्वारा अभिषेक किया गया। 

chetichand

तत्पश्चात करीब 11:00 बजे बहराणा साहब का स्वागत पूज्य बिलोचिस्तान पंचायत एव श्री सनातन धर्म सेवा समिति के सभी सदस्यों द्वारा पुष्प व ढोल द्वारा स्वागत किया गया, उसके बाद सनातन मन्दिर में स्थित भगवान झूलेलाल सांई मन्दिर मे सभी पंचायतों व युवा संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा गुरु जी शैलेश ब्रिजवानी व पण्डित वासुदेव देवकिशन पुरोहित द्वारा आरती, अरदास व पल्लव कर देश में खुशहाली की दुआ मांगी। 

chetichand

पूज्य बिलोचिस्तान पंचायत के महासचिव विजय आहुजा ने बताया कि चेटीचंड पर शहर मे निकलने वाली शोभायात्रा का शुभारंभ शक्तिनगर सनातन मंदिर से श्री सनातन धर्म सेवा समिति के द्वारा तैयार की गई आर्कषक सुन्दर झांकी में बहराणा साहब के साथ शोभायात्रा का प्रारंभ हुई जिसमे पंचायत द्वारा भगवान झुलेलाल सांई को भोग लगा मिठ्ठे चावल (सेसा), काले चने, चवले प्रसाद भक्तों मे वितरण किया गया, इसी के साथ सनातन मंदिर में चेटीचंड की रात को अपना संगठन द्वारा एक विशेष झांकी की प्रस्तुति दी गई जिसमें समिति द्वारा सभी दर्शनार्थियों को प्रसाद वितरण किया गया। 

chetichand

समिति के हेमन्त गखरेजा ने बताया कि भगवान झूलेलाल का जिन मंत्रों से आह्वान किया जाता है उन्हें लाल साईं जा पंजिड़ा कहते हैं। वर्ष में एक बार सतत चालीस दिन इनकी अर्चना की जाती है जिसे 'लाल साईं जो चाली हो' कहते हैं। इन्हें ज्योतिस्वरूप माना जाता है अत: झूलेलाल मंदिर में अखंड ज्योति जलती रहती है, शताब्दियों से यह सिलसिला चला आ रहा है। 

सिंधी समाज द्वारा चेटीचंड धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वर्ष भर में जिनकी मन्नत पूरी हुई हो, वे आज के दिन भगवान झूलेलालजी का शुक्राना जरूर अदा करते हैं। साथ ही नई मन्नतों का सिलसिला भी इसी दिन से शुरू हो जाता है।

chetichand

इस दिन केवल मन्नत मांगना ही काफी नहीं, बल्कि भगवान झूलेलाल द्वारा बताए मार्ग पर चलने का भी प्रण लेना चाहिए। भगवान झूलेलाल ने दमनकारी मिर्ख बादशाह का दमन नहीं किया था, केवल मान-मर्दन किया था यानी कि सिर्फ बुराई से नफरत करो, बुरे से नहीं।

chetichand

चेटीचंड महोत्सव पर शाम को शक्तिनगर मे भव्य मेले का आयोजन हुआ और सुबह शहर मे शोभायात्रा निकाली गयी। पूरे विश्व में चैत्र मास की चंद्र तिथि पर भगवान झूलेलाल की जयंती बड़े उत्साह, श्रद्धा एवं उमंग के साथ मनाई जाती है।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal