129 साल के इतिहास में शेपर्ड मेमोरियल में परंपरागत ढंग से नही होगी क्रिसमस के विशेष समारोह


129 साल के इतिहास में शेपर्ड मेमोरियल में परंपरागत ढंग से नही होगी क्रिसमस के विशेष समारोह

इसकी स्थापना तत्कालीन महाराणा ने 5 जुलाई 1891 रेव्ह.डॉ. जेम्स शेपर्ड ने करवाई, जिसके नाम से यह प्रचलित हो गया

 
129 साल के इतिहास में शेपर्ड मेमोरियल में परंपरागत ढंग से नही होगी क्रिसमस के विशेष समारोह

क्रिसमस पर्व पर केवल प्रभु अराधना की जाएगी, जिसमें  400 लोग शामिल होगें

शेपर्ड मेमोरियल चर्च ब्रिटिश काल में निर्मित तथा स्कॉटलेण्ड की स्थापत्य कला पर आधारित शहर का एकमात्र और राजस्थान के सबसे पुराने चर्चों में से एक है। आपको बता दे कि  इसकी स्थापना तत्कालीन महाराणा ने 5 जुलाई 1891 रेव्ह.डॉ. जेम्स शेपर्ड ने करवाई,जिसके नाम से यह प्रचलित हो गया। स्कॉटलैंड में सभी चर्च और पुराने भवन इसी शैली के हैं।

चर्च का निर्माण कैंपबेल थॉमसन ने किया था। कैंपबेल थॉमसन 1885 से आठ साल तक मेंवाड़ स्टेट के इंजिनियर रहे है। शेफर्ड मेमोरियल चर्च की खासियत है कि यह शहर का पहला चर्च है और डॉ. जेम्स शेपर्ड के भाई विलियम ने 1911 में ब्रिटिश से लाकर डॉ. जेम्स शेपर्ड चर्च बेल भेंट की थी। जिसे 109 साल हो गए है। यह बेल चर्च की सबसे ऊपरी इमारत पर लगा है। जिसकी आवाज चारों ओर सुनाई देती है।

ऐतिहासिक शेपर्ड मेमोरियल में हर साल होने वाले विभिन्न कार्यक्रम इस बार आयोजित नहीं किए जाएगें। क्रिसमस पर्व पर केवल प्रभु अराधना तक ही सीमित होगा। शेपर्ड मेमोरियल के फादर इमेनुअल दामोर ने बताया कि कोरोना के कारण क्रिसमस पर्व पर प्रभु अराधना सुबह 9:30 से 10:30, 11:00 से 12:00 बजे तथा 12:30बजे से 1:30बजे, 2 से 3बजे चार भागों में की जाएगी। प्रभु अराधना में केवल गीत, प्रार्थना, बाइबिल, पाठ आदि कार्यक्रम किए जाएगें। प्रभु अराधना में जहां 1400 लोग मौजुद होते थे इस बार केवल 400 लोगों को ही शामिल किए जाएगें।

वहीं क्रिसमस पर्व पर हर साल की तरह इस साल क्रिसमस रैली भी नहीं निकाली जाएगी। साथ ही बधाई देने के लिए लोगों की ओर से घर-घर जाकर की जाने वाली कोरोल सिंगिंग भी नहीं की जा रही है।      

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