उदयपुर 4 अप्रेल 2022। झीलों की नगरी उदयपुर में जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के साझे में तीन दिवसीय मेवाड़ महोत्सव का आगाज सोमवार को धूमधाम से हुआ। इस अवसर पर हुए विविध पारंपरिक आयोजन के दौरान झीलों के सौंदर्य के साथ मेवाड़ की संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिली।
ओल्ड सिटी में घंटाघर से गणगौर घाट तक विभिन्न समाज की ओर से गणगौर सवारी निकाली गई। विभिन्न समाज की महिलाओं-पुरूषों ने पारंपरिक वेशभूषा धारण कर गणगौर की सवारी निकाली। लोकगीतों एवं लोकनृत्यों के साथ लोक संस्कृति की अनुपम छटा के बीच निकली गणगौर की सवारी से सम्पूर्ण शहर का वातावरण सुरम्य और आकर्षक बना दिया।
बंशी घाट से गणगौर घाट तक शाही ठाठ-बाट के साथ निकली गणगौर की शाही सवारी विशेष आकर्षण का केन्द्र रही। राजसी ठाठ-बाट के साथ पिछोला झील की लहरों के संग मधुर स्वर लहरियों के बीच निकली गणगौर की सवारी ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहां मौजूद हर व्यक्ति अपने मोबाइल एवं कैमरों में सौंदर्य एवं संस्कृति के इस दृश्य को कैद करने में उत्साहित दिखा।
सोमवार की शाम उदयपुर शहर के लिए किसी उत्सव से कम नहीं थी। दो साल से कोरोना के प्रकोप के बाद आज शहर में फिर मेले व उत्सव सा माहौल दिखा। शहर की विभिन्न गलियों से निकली गणगौर की सवारी जब एक साथ गणगौर घाट पहुंची तो वहां का अलौकिक दृश्य हरवर्ग को आकर्षित कर रहा था। पारंपरिक वाद्य यंत्र, बैण्ड बाजे, ढोल आदि के सुरों का संगम माहौल का खुशनुमा बना रहा था।
गणगौर के पर्व पर शिव-पार्वती के रूप में पूजनीय गणगौर व ईशर जी की अनूठी छवि विशेष आकर्षण का केन्द्र रही। महिलाओं के सिर पर आकर्षक वेशभूषा एवं श्रृंगार से सुसज्जित गणगौर व ईशर जी की प्रतिमा ने सभी को आकर्षित किया।
दो वर्ष के अंतराल में बाद फिर से आयोजित हुए इस मेवाड़ महोत्सव में पर्यटकों ने भी खासा उत्साह दिखाया। देशी-विदेशी पर्यटकों ने भी राजस्थानी परिधान पहनकर इस आयोजन में भाग लिया।
मेवाड़ महोत्सव के इस आयोजन ने स्मार्ट सिटी के हैरिटेज लुक और भी खुबसूरत और आकर्षक बना दिया। स्मार्ट सिटी के तहत हुए विभिन्न नवाचारों एवं कार्यों के बाद आयोजित हुए इस मेवाड़ महोत्सव के दौरान की गई रोशनी एवं आकर्षक सजावट के बीच स्मार्ट सिटी का हैरिटेज लुक निखरा-निखरा सा दिखा।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मन मोहा
सोमवार की शाम गणगौर घाट पर लोक संस्कृति का अनूठा संगम दिखा। सांस्कृतिक समारोह के अतिथि जिला कलक्टर ताराचंद मीणा, पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना, सेव द गर्ल चाइल्ड की ब्रांड एंबेसडर डॉ. दिव्यानी कटारा व पुलिस उपाधीक्षक श्रीेमती चेतना भाटी थे।
राजस्थान एवं मेवाड की संस्कृति का दिक्दर्शन कराते लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोहा। पिछोला झील के किनारे पारंपरिक वाद्ययंत्र, लोकगीत एवं लोकनृत्य के अनूठे संगम ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर आतिशबाजी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन महेन्द्र लालस व राजेन्द्र सेन ने किया।
मेवाड़ महोत्सव के दूसरे दिन 5 अप्रेल को गणगौर घाट पर शाम 7 बजे से सांस्कृतिक संध्या व विदेशी युगल की राजस्थानी वेशभूषा प्रतियोगिता का आयोजन होगा।
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