उदयपुर 6 जुलाई 2020 । राजस्थान राज्य के आदर्श क्रेडिट को ओपरेटिव मल्टी स्टेट सोसायटी लिमिटेड के 2588 पीड़ित निवेशको ने राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ जोधपुर में अपनी निवेश राशि प्राप्त करने हेतु वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीश कुमार सांखला और एडवोकेट नरेन्द्र कुमार जोशी के माध्यम से रिट याचिका प्रस्तुत की और न्यायालय से गुहार लगाईं की विगत दो वर्षो से उनके द्वारा निवेश की गयी राशि का भुगतान उन्हें नही हो पा रहा है जिस कारण उनका जीवनयापन मुश्किल हो गया है जिसे ध्यान में रखते हुए न्यायालय निवेशको को राहत प्रदान करावे I
2588 पीड़ित निवेशको की ओर से याचिका प्रस्तुत करने वाले एडवोकेट नरेन्द्र कुमार जोशी ने बताया की लक्ष्मी नारायण पाटीदार बनाम भारत संघ के नाम से प्रस्तुत की गयी उक्त याचिका में राजस्थान राज्य के 2588 निवेशको ने जो याचिका प्रस्तुत की है उसमे विभिन्न वर्गों के निवेशक जो विगत दो वर्षो से अपनी ही निवेश राशि प्राप्त नही कर पा रहे है, इन विगत दो वर्षो में निवेशको द्वारा हजारो ज्ञापन दिए जा चुके है, यहाँ तक की प्रधानमन्त्री कार्यालय को लाखो ट्विट भी किये गये किन्तु सरकार की उदासीनता के चलते निवेशको की जमा राशि उलझती जा रही है, जिस कारण अंतत: निवेशको को न्यायालय की ओर ही रुख करना पडा है I
आदर्श क्रेडिट को-ओपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के मामले में 2588 याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट नरेन्द्र जोशी ने बताया की उक्त याचिका में याचिका कर्ताओं द्वारा केन्द्रीय रजिस्ट्रार, भारत सरकार के साथ सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन कार्यालय, पुलिस अधीक्षक एसओजी एवं ए टी एस, आदर्श क्रेडिट सोसायटी जरिये प्रबंध निदेशक एवं आदर्श सोसायटी पर नियुक्त लिक्विडेटर एच एस पटेल को पार्टी बनाते हुए न्यायालय से रिलीफ मागी है की उन्होंने भारत सरकार द्वारा दिए रजिस्ट्रेशन और विभागों द्वारा प्रदत्त ए श्रेणी सर्वोत्तम प्रमाण पत्र को देख अपने जीवन की सम्पूर्ण जमा पूंजी करोड़ो रुपयों का निवेश उक्त सोसायटी में कर दिया, सोसायटी के प्रमोटर्स मंडल के गिरफ्तार होने एवं न्यायिक अभिरक्षा में होने से एवं आदर्श सोसायटी के विरुद्ध चल रही विभिन्न जांचो के चलते सोसायटी की भारत वर्ष में चल रही 800 से अधिक शाखाए बंद हो चुकी है इस अवस्था में केवल पीड़ित निवेशको के पास मात्र यही विकल्प शेष रहा है की वह माननीय न्यायालय के आदेश से राहत प्रदान करे और अपनी निवेश राशि को पुन: प्राप्त कर सके I
याचिकाकर्ताओ के एडवोकेट नरेन्द्र जोशी के अनुसार सहकारिता और सोसायटी के मामलो में सम्पूर्ण भारत वर्ष में सर्वाधिक याचिकाकर्ताओ की संख्या में प्रस्तुत होने वाली यह पहली बड़ी याचिका है, चूँकि सोसायटी के सदस्य उपभोक्ता की श्रेणी में नही आते है और मल्टी स्टेट को ओपरेटिव सोसायटी एक्ट के प्रावधानों के अंतर्गत निवेशक सोसायटी पर निवेश राशि की वसूली हेतु सिविल मुकदमे भीं संस्थित नही कर सकते है इस अवस्था में पीड़ित निवेशको के पास मात्र यही विकल्प शेष रहा है की उच्च न्यायालय में रिट याचिका प्रस्तुत कर अपने अधिकारों का संरक्षण करते हुए न्यायालय के आदेशानुसार अपनी निवेश राशि पुन: प्राप्त कर सके I
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