उदयपुर 1 अक्टूबर 2022 । एक तरफ जहाँ पुलिस यातायात नियमो की पालना कराने हेतु आमजन को फूल चॉकलेट बांट रही है वहीँ जिन्हे चॉकलेट थमानी चाहिए उन मासूम आदिवासी बच्चो को जिले के एक थाना में लाकर उनसे मारपीट और बदसलूकी के आरोप लग रहे है।
ऐसा ही एक मामला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर के समक्ष आया है जहाँ आज शनिवार को छह नाबालिग आदिवासी बच्चो ने अपने अधिवक्ता के साथ पहुँच कर जिले के एक थाने में उनके साथ मारपीट और बदसलूकी के आरोप लगाए है।
एडवोकेट संदीप कुमार प्रजापत ने बताया कि घटना 29 सितंबर 2022 की रात करीब 12 से 1 बजे के बीच की है जब थाना पुलिस द्वारा इन छह नाबालिग आदिवासी बच्चो को थाने के वाहन में बिठाकर थाने में ले जाया गया और इन्हे नग्न कर उनके साथ रात भर मारपीट की गई। जब अगली सुबह इन बच्चो के परिजन थाने पहुंचे तो उन्हें भी इन बच्चो को थाने में लाने का संतोषप्रद जवाब नहीं दिया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर को दी गयी रिपोर्ट में बच्चो ने अवगत करवाया कि पुलिसकर्मियों ने उनके पैरो के तलवे, हथेलियों और पीठ पर पट्टो और डंडो से चोट पहुंचाई। अपनी रिपोर्ट ने इन बच्चो ने बताया की घटना की रात पुलिसकर्मियों ने मोबाइल में किसी व्यक्ति का फोटो बताकर जबर पहचानने और तस्दीक करने क दबाव भी बनाया।
बच्चो की रिपोर्ट के अनुसार उन्हें अगले पूरे दिन भूखा भी रखा गया और 30 सितम्बर की रात को छोड़ दिया गया। अपने प्रार्थनापत्र में बच्चो और उनके परिजनों ने अपने हुए क्रूरतापूर्वक वयवहार करने के चलते आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की।
अभी तक मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। मामला सामने आते ही निष्पक्ष जांच की जाएगी। जांच के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी - जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा
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