संभाग के राजसमंद ज़िले में पुजारी दंपती को जिंदा जलाने की कोशिश की गई। बदमाशों ने दोनों पर पेट्रोल बम से हमला किया। इस मामले में पीड़ित दंपती के बेटे ने स्थानीय सरपंच और विधायक पर गंभीर आरोप लगाया है। साथ ही सीएम गहलोत से न्याय की गुहार लगाई है। बुजुर्ग दंपत्ति के बेटे ने गांव के लोगों और विधायक पर गंभीर आरोप लगाए है।
पुजारी के बेटे मुकेश प्रजापत ने बताया कि घटना के वक्त वो अपनी माता पिता के साथ घर में बैठ कर खाना खा रहा था तभी अचानक से वहां 2 दर्जन से अधिक लोग आ धमके उनमें से कुछ लोगों ने उसे पकड़ा और कमरे में ही बांध कर बिठा दिया। प्रजापत का कहना है कि सभी के पास हथियार थे, उन्होंने उसके पिता पर पेट्रोल डाला और आग लगा दी, मुकेश ने जैसे तैसे रस्सी तोड़ी और टंकी से पानी लेकर अपने पिता के शरीर पर लगी आग कों बुझाया लेकिन इस दौरान कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नही आया।
मुकेश का कहना है कि पिछले कई सालों से उसके पिता ही उस स्थानीय मंदिर के पुजारी है, लेकिन पिछले कुछ समय समय से मंदिर में कोई विवाद चल रहा है। मुकेश ने इस पूरी घटना के पीछे सरपंच हरदेव भाट और विधायक सुदर्शन सिंह पर आरोप लगाया।
मुकेश ने बताया कि मंदिर का विवाद होने के बाद से मंदिर बंद है, लेकिन सरपंच और विधायक ने आपस में सांठगांठ करके किसी दूसरे व्यक्ति कों मंदिर का पुजारी बना दिया और मंदिर का ताला तोड़ कर उसे खोल दिया। मुकेश ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भी इस पर कोई कार्यवाही नही कि, उसी कों लेकर सोमवार कों परिवार ने कलेक्टर से मुलाक़ात कि और कार्यवाही करने कों मांग की। मुकेश ने बताया कि दरअसल सरपंच और विधायक दोनों मिलकर मंदिर कि जमीन पर दुकाने बनाना चाहते है।
अपने पिता कि स्थिति बताते हुए मुकेश ने कहा कि उनकी स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है और उनके साथ कोई अप्रिय घटना हों सकती है, उनकी हालत फिलहाल नाजुक है और उनका इलाज जारी है।
एमबी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने बताया कि देवगढ से जिस दम्पति कों जली हुई स्थिति में लाया गया है उसमे बुजुर्ग 75 वर्षीय पुजारी नवरत्न लाल और उनकी पत्नी 60 वर्षीय जमना देवी में से पति 80 प्रतिशत बर्न है तो वहीं उनकी पत्नी जमना 20 प्रतिशत बर्न है। 80 प्रतिशत बर्न मरीज कि स्थिति गंभीर ही है, हालांकि सभी सीनियर डॉक्टर्स उनका इलाज कर रहें लेकिन आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा कि क्या होता है डॉक्टर्स कि तरफ से प्रयास लगातार जारी हैं।
उधर पुलिस ने मामले कों गंभीरता से लेते हुए अभी तक इस मामले में नरेंद्र सिंह, भंवर सिंह उर्फ़ दिनेश, हरदेव भाट ,जीतू उर्फ़ जितेंद्र सिंह को हिरासत में लिया है जिन्होंने पूछताछ के दौरान घटना करना स्वीकार किया है। तो वहीं इस घटना में अन्य लोगों कि भूमिका के बारे में गहनता से अनुसन्धान जारी है।
साथ ही मामले में लापरवाही बरतने पर देवगढ़ थानाधिकारी शैतान सिंह और कामलीघाट चौकी प्रभारी राजू सिंह कों आईजी उदयपुर रेंज प्रफुल कुमार द्वारा निलंबित किया गया है।
इसके पूर्व संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट और आईजी प्रफुल कुमार ने भी हॉस्पिटल में भर्ती पुजारी के बेटे मुकेश से सोमवार दोपहर में मुलाक़ात कि थी और घटना के बारे में जानकारी ली थी।
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