साइबर ठगी के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई, तीन आरोपी गिरफ्तार


साइबर ठगी के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई, तीन आरोपी गिरफ्तार 

मोबाइल, लैपटॉप और वाहन जब्त

 
Cyber fraud

उदयपुर 22 मई 2025। ज़िले में बढ़ती साइबर ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देश एवं जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के नेतृत्व में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत हिरणमगरी क्षेत्र में साइबर अपराध में लिप्त तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया है।

कल, दिनांक 21 मई 2025 को डीएसटी प्रभारी श्याम सिंह रत्नु को सूचना मिली कि हिरणमगरी के सबसिटी सेंटर क्षेत्र में तीन युवक एक काली रंग की वर्ना कार (RJ 45 CQ 5418) में बैठकर लोगों से बैंक खाते लेकर उनमें अवैध लेन-देन कर रहे हैं। इस सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) उमेश ओझा और पुलिस उप अधीक्षक (नगर पूर्व) छगन पुरोहित के निर्देशन में पुलिस टीम द्वारा कार्रवाई की गई।

डीएसटी प्रभारी श्याम सिंह रत्नु, थानाधिकारी भरत योगी एवं उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर तीन आरोपियों हर्षवर्धन झा, जयेश कुमार खटीक और तुफान सिंह को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 10 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 7 मोबाइल सिम कार्ड, 10 एटीएम कार्ड, चेक बुकें, बैंक डायरियां और उक्त वर्ना कार जब्त की गई।

थाना हिरणमगरी में इनके विरुद्ध प्रकरण संख्या 194/2025, धारा 318(4), 112(2), 61(2) बीएनएस 2023 और आईटी एक्ट की धारा 66 व 66D के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच थानाधिकारी भरत योगी कर रहे हैं।

गिरफ्तार आरोपियों का विवरण:

  1. हर्षवर्धन झा, निवासी पानेरियों की मादड़ी, थाना हिरणमगरी। वर्तमान में सेक्टर 14 स्थित एक फ्लैट में किराए से रह रहा है
  2. जयेश कुमार खटीक निवासी लूणदा, थाना कानोड़। वर्तमान में आरएचबी कॉलोनी, गोवर्धनविलास में रह रहा है
  3. तुफान सिंह निवासी रायपुरिया कलां चित्तौड़गढ़।

तरीका-ए-वारदात

आरोपियों ने टेलीग्राम ग्रुप '088 JEEP 2000usdt + 354680 RS' के माध्यम से बैंक खातों की जानकारी एकत्र करना शुरू किया। जिन व्यक्तियों की बैंक खातों की केवाईसी अधूरी होती थी, उनसे संपर्क कर लालच देकर मोबाइल खरीदे जाते और केवाईसी पूर्ण कर खातों को मोबाइल नंबर से लिंक किया जाता। इसके बाद बैंक डिटेल्स, चेकबुक, डायरी और संबंधित मोबाइल को एक मुख्य सरगना के बताए पते पर भेजा जाता, जिससे उन खातों का साइबर ठगी में उपयोग किया जाता था।

प्रारंभिक जांच में अब तक 13 सहयोगियों के नाम सामने आए हैं, जो खातों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे थे। 

  1. भाणु (चित्तौड़)
  2. सचिन (भूपालसागर)
  3. राजेश जाट (फतेहनगर)
  4. किशन गुर्जर (फतेहनगर)
  5. राज वैष्णव (फतेहनगर, हाल सूरत)
  6. सुरेश वैष्णव (बुधपुरा, मंगलवाड़)
  7. दिनेश मेनारिया (आकोला)
  8. एक अज्ञात नंबर (7665588165)
  9. टोनी (निवासी गोवा)
  10. नवीन शेट्टी (निवासी मुंबई)
  11. विक्रम शेखावत (जयपुर)
  12. चंद्रपाल सिंह शेखावत (सीकर)
  13. अकरम (गुड़गांव)

पुलिस ने आशंका जताई है कि यह गिरोह देशभर में फैले साइबर ठगों के लिए खाते मुहैया कराता था। मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

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