एटीएम से 24.38 लाख रूपये चोरी करने वाला निकला बैंक का कर्मचारी

एटीएम से 24.38 लाख रूपये चोरी करने वाला निकला बैंक का कर्मचारी 

ई सर्विलेंस सिस्टम नहीं बजा, इसलिए आया शक के घेरे में 

 
एटीएम से 24.38 लाख रूपये चोरी करने वाला निकला बैंक का कर्मचारी

खुद एटीएम मशीन की चाबी गायब कर करता रहा गुमराह ,  खुद ख़राब की एटीएम मशीन

शातिर ऐसा की पैसा गायब करने के बाद भनक भी नहीं लगने देता 

उदयपुर 4 दिसंबर 2020 ।  शहर के हिरणमगरी सेक्टर 4 स्थित पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम से 24.38 लाख रूपये चोरी करने वाला कोई ओर नहीं बल्कि बैंक का कर्मचारी ही निकला।  पुलिस ने इस ममले में बैंक के ही एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और उसके साथी को गिरफ्तार किया है।  

पुलिस ने बताया की पीएनबी के एटीएम से 24 लाख 38 हज़ार उड़ाने के आरोप में मुख्य अभियुक्त अमित कश्यप पिता मोतीलाल कश्यप निवासी टीम्बरवाडा धानमंडी और उसका साथी मोहम्मद युसूफ कुरैशी उर्फ़ भोला पिता अहमद नूर निवासी मेवाफरोश मार्ग कुंजड़बाड़ी को गिरफ्तार कर अमित कश्यप के घर से 8 लाख 10 हज़ार और युसूफ के मल्लातलाई स्थित ससुराल से 2 लाख 40 हज़ार यानि कुल मिलाकर दोनों के कब्ज़े से 10 लाख 50 हज़ार रूपये बरामद किये है। 

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अमित बैंक के सीनियर स्टाफ के साथ एटीएम में नकदी डालने में सहायता करता था, उसी का फायदा उठा कर उसने एटीएम की चाबी, पासवर्ड आदि अन्य गोपनीय जानकारी जुटा वारदात को अंजाम दिया. इस चोरी में अमित ने अपने साथी मोहम्मद युसूफ कुरैशी को शामिल किया। बैंक मेनेजर द्वारा दी गयी रिपोर्ट के बाद पुलिस अनुसन्धान में एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे में दो लोग दिखे, मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक कैलाश चन्द्र बिश्नोई के निर्देश अनुसार थाना अधिकारी हनवंत सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था।    

खुद एटीएम मशीन की चाबी गायब कर करता रहा गुमराह 

ज्ञातव्य रहे की बैंक के एटीएम में नकदी डालने का काम मुख्य तौर पर बैंक मेनेजर, सेकंड मेनेजर का होता है जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मदद से अंजाम देते है।  एटीएम का पासवर्ड बैंक के मेनेजर, सेकंड मेनेजर, हैड केशियर एवं क्लर्क की जानकारी में होता है। जाँच में सामने आया की एटीएम की तीन चाबियाँ थी, जिसमे एक चाबी गुम हो गई थी, दूसरी चाबी बैंक में मौजूद है और तीसरी चाबी अमित कश्यप ने बदनीयती से अपने पास रख ली तथा बैंक अधिकारियो को उक्त चाबी भी गायब होने की बात कह कर भ्रमित करता रहा।  बाद में उसी चाबी द्वारा वारदात को अंजाम दिया। 

2018 से 2020 के बीच चुराये थे 14.50 लाख रूपये

अभियुक्त अमित से पूछताछ में पता चला कि वह कई बार एटीएम से पैसो की हेरा फेरी कर चुका है।  सबसे पहले अमित ने नवम्बर 2018 को एटीएम से 50 हज़ार रूपये चुराए,फिर उसने आखिरी बार नवम्बर 2020 में 1 लाख 50 हज़ार चुराए इस तरह टुकड़ो में 14 लाख 50 हज़ार चोरी कर लिए। इस तरह करीब 14.50 लाख रूपये जितनी बड़ी रकम चुराने के बाद पकड़ में आने के डर से उसने उक्त वारदात की साजिश रची, इस बार उसने अपने पडोसी और मित्र मोहम्मद युसूफ को मिलाया और दोनों ने वारदात को अंजाम दे डाला। सभी वारदात अमित दोपहर 3 से 4.30 के बीच करता क्यूंकि दोपहर 2-3 के बीच बैंक अधिकारियो द्वारा एटीएम में पैसा डाला जाता

अमित सट्टेबाज़ी और संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था वहीँ युसूफ क़र्ज़ में डूबा हुआ था 
पुलिस को मुखबिर से मिली जानकारी के अनुसार अमित क्रिकेट में सट्टे लगता एवं कुछ और संदिग्ध गतिविधयों में भी लिप्त था। वहीँ उसक साथी युसूफ पहले से क़र्ज़ में था, किराये का ऑटो चलाता था, वह खुद का ऑटो खरीदना चाहता था और अपनी बीमार पत्नी का ईलाज करवाना चाहता था।  अतः लालच में आकर अमित के साथ मिल वारदात को अंजाम दिया।  

शातिर ऐसा की पैसा गायब करने के बाद भनक भी नहीं लगने देता 

अमित इतना शातिर है कि जिस दिन एटीएम में पैसे डालने होते वह उसी दिन बैंक से पैसे निकाल कर एटीएम में डाल देता था ताकि बैंक कर्मचारियों को एटीएम में पैसा डालते समय पैसो का हिसाब मिलाने पर पैसे कम होने के बारे में पता नहीं चले, तथा अधिकारियो द्वारा पैसा भरने के बाद अमित फिर एटीएम से पैसे निकाल कर बैंक में रख देता। 

खुद ख़राब की एटीएम मशीन 

वारदात करने से ठीक पहले 27 नवम्बर को अमित ने एटीएम में नकदी डालते समय एटीएम मशीन से ट्रे में पैसा उठाने वाले बेल्ट को ख़राब कर दिया तथा अगले तीन दिन बैंक में अवकाश होने के कारण इंजिनियर उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में वारदात करने की साजिश रची परन्तु बैंक द्वारा इंजिनियर बुलाने पर एटीएम सही कर दिया गया।  उसके बाद 30 नवंबर को सुबह करीब 8 बजे अमित और युसूफ ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया। 

ई सर्विलेंस सिस्टम नहीं बजा, इसलिए आया शक के घेरे में 

पुलिस द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, एटीएम में ई सर्विलेंस लगा होता है जिससे एटीएम में गलत पासवर्ड या मशीन से छेड़छाड़ करने पर बैंक के मुंबई स्थित मुख्यालय में सायरन बज उठता है। इस वारदात में जब ई सर्विलेंस सिस्टम ने काम नहीं किया तो पुलिस को वारदात में किसी स्टाफ के शामिल होना का शक हुआ। तकनीकी आधार पर जांच और मुखबिर से मिली जानकारी में हिरणमगरी थाना के कांस्टेबल उपेन्द्र सिंह को जानकारी मिली की बैंक का कर्मचारी अमित के आईपीएल और क्रिकेट मैच में सट्टा लगाने और अन्य संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहता है। पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ में अमित ने सारे राज़ उगल दिए।  

पुलिस द्वारा इस जटिल केस को सुलझाने में मुख्य भूमिका हिरणमगरी थाना के कांस्टेबल उपेंद्र सिंह  की मुख्य भूमिका रही।  वही पुलिस टीम में शामिल सहायक उप निरीक्षक रघुवीर सिंह, हेड कांस्टेबल देवेंद्र सिंह, कांस्टेबल कुलदीप सिंह और रामजीलाल का सहयोग रहा।

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