उदयपुर के सूरजपोल थाने में अस्थल मंदिर के महंत रासबिहारी शास्त्री के खिलाफ मामला दर्ज हुआ हैं। दरअसल निंबार्क गंगा सोसायटी के एक सदस्य ने संस्था के अध्यक्ष समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत देते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया हैं। जानकारी के अनुसार संस्थान के ही एक सदस्य ने निंबार्क गंगा सोसायटी द्वारा सूरजपोल इलाके में संचालित B.Ed कॉलेज और संस्कृत एसटीसी पाठ्यक्रम के साथ एमएम शरण पब्लिक स्कूल पर सवाल खड़े किए हैं।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि निंबार्क गंगा सोसायटी राजस्थान सोसायटी एक्ट के तहत पंजीकृत है। एनसीटीई द्वारा वर्ष 2014 में नए रेगुलेशन बनाए गए थे जो अगले शैक्षणिक सत्र से प्रभावी हुए। 2014 में बनाए गए नए नियमों के अनुसार निंबार्क द्वारा चलाए जा रहे B.Ed कॉलेज और एमएम शरण पब्लिक स्कूल वैध नहीं है।
आरोप है कि इस स्कूल के शुरू होने और संचालित रहने के दौरान एनसीटीई, एमएलएसयू और आयुक्तालय के साथ पंजीकृत और संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से समय-समय पर मान्यता और सम्बद्धता के लिए निरीक्षण कराया गया था और उसके लिए झूठी रिपोर्ट तैयार करवाई गई है। जिसमें विद्यालय के तथ्य को छुपाया गया और उसी आधार पर मान्यता और सम्बद्धता के लिए सभी औपचारिकताएं पूर्ण की गई है।
परिवादी ने इन रिपोर्टों को झूठी बताते हुए कहा है कि अध्यक्ष रासबिहारी शास्त्री के साथ अन्य चार लोगों ने इसे B.Ed कॉलेज के लिए ही उपयोग लिए जाने का शपथ पत्र और अंडरटेकिंग भी दी है। जानकारी के अनुसार उसी में स्कूल संचालित किया जा रहा है जो कि नियमानुसार गलत है। एफ.आई.आर में महाविद्यालय की मान्यता के लिए जिस भूमि को निंबार्क गंगा सोसायटी के स्वामित्व की बताई है उसी भूमि को स्कूल के लिए मान्यता लेने के लिए कूट रचित दस्तावेज बनाकर एक अन्य ट्रस्ट ठाकुर श्री कल्याण राय जी मंदिर प्रयास की भी दर्शाने का जिक्र है। परिवादी संजय शर्मा ने एसपी ऑफिस में पेश होकर मामला दर्ज करवाया है।
हालांकि पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए महंत रासबिहारी शास्त्री देते हुए कहा कों उनके खिलाफ जो मामला थाने में दर्ज कराया गया हैं वो सरासर झूठ हैं, उन्होंने कहा कि निंबार्क एक बहुत पुरानी संस्था है जो पिछले कई सालों से चली आ रही है। ठाकुर कल्याण राज्य के अंडर में इसको चलाया जा रहा है, ऐसा इसमें कुछ भी नहीं है कि कोई गलत काम किया जा रहा हो सभी चीजें एकदम स्पष्ट है और सबके सामने है यह सिर्फ इस संस्था को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह मामला कोई बहुत बड़ा मामला नहीं है और इनके खिलाफ कोई कदम उठाने का अभी तक इन्होंने ऐसा कुछ सोचा नहीं है, और उन्हें उम्मीद है कि जिन लोगों ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया है वह फिर से इस मामले को हटा लेंगे।
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