उदयपुर - ज़िले के बहुचर्चित मावली बलात्कार और हत्या के मामले में सोमवार को फैसला सुनाते हुए डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन्स कोर्ट उदयपुर की पोक्सो एक्ट कोर्ट नंबर 2 ने मुख्य आरोपी को मौत की सजा सुनाई। साथ ही इस मामले में उसके माता पिता को घटना के साक्ष मिटाने का दोषी मानते हुए उन दोनों को 4 साल की सजा सुनाई और उनकी सजा को सस्पेंड करते हुए बैल पर रिहा किया।
पीठासीन अधिकारी संजय भटनागर ने यह फैसला सुनाते हुए इस घटना को एक गंभीर अपराध माना।
विशेष लोक अभियोजक सय्यद हुसैन ने बताया की इस मामले में ट्रायल के दौरान 42 गवाह और करीब 174 दस्तावेज कोर्ट के समक्ष पेश किए गए थे , जिनको मद्दे नजर रखते हुए कोर्ट ने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
हुसैन ने कहा की इसी मामले ने कुछ गवाहों की विशेष भूमिका रही जिसमे डिप्टी कैलाश कुंवर , थानाधिकारी अजय सिंह राव आदि शामिल है।
कोर्ट ने आरोपी को आईपीसी की धारा 302 ,376 (ab), 366 ,363,342, पॉस्को एक्ट की धारा 6 एवं आईपीसी की धारा 201 के तहत गिल्टी माना ।
हालाँकि की दस दिन पूर्व 25 अक्टूबर को कोर्ट द्वारा इस मामले पर फैसला किया जाना था लेकिन , डिफेंस के वकील द्वारा फैसले के बिंदुओं पर बहस करने की अनुमति मांगी गई थी जिसको ध्यान में रखते हुए सोमवार 4 नवंबर तक फैसला रिज़र्व रखा गया था।
गौरतलब है की ये निर्मम घटना 29 मार्च 2023 को उदयपुर के एक गांव में हुई थी , जो 1 अप्रैल 2023 को उस वक़्त समें आई थी जब एक नाबालिग बच्ची का शव गांव में उसके घर से कुछ मीटर की दुरी पर खाली पड़े एक मकान में 10 टुकड़ों में मिला था।
घटना के सामने आने पर गांव में हड़कंप मच गया था , पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला मामला दर्ज कर जाँच शुरू की , उस दौरान आरोपी भी गांव वालों के साथ पुलिस के बिच ा जा रहा था। तभी पुलिस जांच के दौरान सामने आया की दरअसल घर्टना को अंजाम देने वाला पीड़ित बालिका का पड़ोसी ही है।
घटना वाले दिन स्कूल से लौटने पर आरोपी ने जब उसे सड़क से गुजरते देखा तो उसे घर में बुलाया और उसकी हत्या करदी। आरोपी की गिरफ़्तारी के बाद ये भी सामने ा गया की उसने पीड़िता के शव के टुकड़े अपने माता पिता की मदद से किए थे क्यों वह साक्ष मिटाना चाहते थे। यहीं नहीं पुलिस जाँच में ये भी सामने आया था की आरोपी युवक पोर्न विडिओ देखने का आदि था और घटना वाले दिन भी उसने अपने मोबाइल फोन पर कई बार पोर्न विडिओ देखे थे।
गिरफ़्तारी के बाद से ही आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में था और मामला कोर्ट में विचारधीन था। इस मामले में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आज कोर्ट ने आरोपी को मौत की सजा (केपिटल पनिशमेंट ) सजा सुनाई।
विशेष लोक अभियोजक सय्यद हुसैन ने कहा की आज मेवाड़ के इतिहास में एक बड़ा अहम् फैसला आया है जिसने एक मिसाल कायम की है , जनता भी चाहती थी की इस मामले में पीड़िता के परिवार को इन्साफ मिले। ये आने वाले वक्त में भी समाज के ोिये एक मिसाल के रूप में देखा जाएगा।
हालांकि फेसल सुनाने के बाद कोर्ट के बाहर जाते समय आरोपी ने मीडिया को देखकर कहा की वह निर्दोष है और वह हाई कोर्ट मे इस फेसले के खिलाफ अपील करेगा ।
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