मोबाईल से कोड चुरा, राशि ट्रांसफर कर साइबर ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार


मोबाईल से कोड चुरा, राशि ट्रांसफर कर साइबर ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार 

चित्तौड़गढ़ में दो महिलाओं को झांसे में लेकर साढ़े 8 लाख रुपये की की ठगी

 
chittorgarh

चित्तौड़गढ़ 23 फरवरी 2024। निम्बाहेड़ा शहर के अम्बानगर निवासी दो महिलाओं को लोन दिलाकर उनके मोबाईल से कोड चुराकर लोन राशि को दुसरे खातो में ट्रांसफर करके साइबर ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में साइबर पुलिस थाने को सफलता मिली है। व्यापारी बनकर ई मित्र संचालक के खाते में ट्रांसफर कर उससे नगद राशि लेकर फरार हुए थे।

पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि निम्बाहेड़ा के अम्बानगर निवासी सुनिता पत्नी कन्हैयालाल व सीता बाई पत्नी लालाराम द्वारा कोतवाली निम्बाहेडा थाना पर दी रिपोर्ट के अनुसार सुनीता ने 12 जनवरी को 8 लाख 45 हजार का लोन लिया था। 25 जनवरी को दो व्यक्ति उससे व सीता बाई से मिले, दोनो व्यक्तियों नें उन्हें लोन दिलवाने और बढ़ाने के झांसे में फंसा कर 31 जनवरी को चित्तौड़गढ़ स्थित एसबीआई बैंक में बुलाया। दोनों ने अपना नाम अंशु व यशवंत बताया।

दोनों महिलाएं एस.बी.आई बैंक चित्तौडगढ पहुंची जहां आरोपियों ने कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाये, जिससे उसी दिन सीता बाई के खाते में 6 लाख 98 हजार रूपये आ गये, किंतु सुनीता का लोन नही बढने से आरोपियों ने दोनों महिलाओं के मोबाईल लेकर थोडी देर में वापस दे दिये। दोनो महिलाएं अपने घर चली गई। 8 फरवरी को सुनीता के खाते से तीन लाख और सीता बाई के खाते से एक-एक करके तीन बार मे 5 लाख 49 हजार 900 रूपये निकल गये। जिस पर साइबर थाना पर धोखाधड़ी व आई.टी एक्ट में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया। 

साइबर ठगी के मामले की गंभीरता के मद्देनजर एएसपी बुगलाल मीना के सुपरविजन में पुलिस उप अधीक्षक गोपाल चंदेल के नेतृत्व में थाना साइबर से कानि. रामनिवास, धर्मपाल, महेन्द्र व साइबर सैल से हैड.कानि राजकुमार, कानि. प्रवीण की विशेष टीम का गठन कर अज्ञात बदमाशों की तलाशी शुरू की गई। निम्बाहेडा चित्तौडगढ टोल प्लाजा आदि स्थानों से सीसीटीवी फुटेज लिये और बैंक रेकार्ड प्राप्त किया।

पुलिस जांच के अनुसार ठगों द्वारा महिलाओं के मोबाईल में एप्प डाउनलोड कर उनके पासवर्ड चुरा लिये और निम्बाहेडा में एक ई-मित्र की दुकान पर जाकर ई-मित्र संचालक से बोला कि मैं आपको चालीस हजार रूपये ऑनलाईन दे देता हूं आप मुझे चालीस हजार रोकड दे देवें यह कहते हुये चालीस हजार के बजाय चार लाख खातें ट्रांसफर कर दिये। और बोला कि जिस खाते में आपके रूपये आये है उन पर वापस नही जा सकते है तो आप मुझे चार लाख रोकड ही दे दों। 

जिस पर ई-मित्र वाले नें जैसे-तैसे करके चार लाख उनको नकद दिये थोडी देर में वापस तीन लाख रूपये उसी ई-मित्र वाले के खाते में ऑनलाईन ट्रांसफर कर दिये और बोला कि मेरे पिताजी मेरी माता जी के खाते में ट्राजेक्शन कर रहे थे जो गलती से आपके खाते में आ गये। ई-मित्र वाले नें फिर जैसे तैसे करके तीन लाख उनको वापस नगद दिये और इसी प्रकार डेढ लाख और एक अन्य ई-मित्र वाले के ऑनलाईन ट्रांसफर करके नगद लेकर फरार हो गये। 

पुलिस द्वारा किये गए प्रयास

आरोपियों की पहचान हेतू तकनिकी साक्ष्यो का संकलन करने पर आरोपियों के भवानीमंडी, रामगंज मण्डी झालावाड की तरफ होने से एक टीम का गठित कर भेजी गई जहां से दोनो आरोपियों को डिटेन कर लाया गया, जिनसे विस्तृत पुछताछ कर आरोपी 27 वर्षीय शुभम सैन पुत्र देवेन्द्र सैन निवासी गोवर्धन नाथ के मन्दिर के पीछे रामगंज मण्डी जिला कोटा हाल ज्ञान विहार स्कुल के पीछे भेसोदा मण्डी तहसील भानपुरा निवासी मन्दसौर (म. प्र.) व 23 वर्षीय सौरभ सैन पुत्र देवेन्द्र सैन निवासी गोवर्धन नाथ के मन्दिर के पीछे रामगंज मण्डी जिला कोटा हाल ज्ञान विहार स्कुल के पीछे भेसोदा मण्डी तहसील भानपुरा निवासी मन्दसौर को गिरफतार किया गया हैं। 

दोनो आरोपी सगे भाई है, जो इस तरह की वारदात करके अपनी जगह व हुलीया बदल लेते है। इन्होने राजस्थान व मध्यप्रदेश के कई शहरों में इस तरह की वारदाते की गई है। अभियुक्तों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमाण्ड पर लिया जाकर अन्य वारदातों के बारे में पता लगाया जायेगा और फ्रॉड की गई राशि बरामद की जायेगी।

तरीका वारदात

कम पढे लिखे लोगो को लोन दिलवाने का झांसा देकर उनसे उनके मोबाईल लेकर लोन दिलवाकर मोबाईल में नेट बैंकिग चालु करके उन राशि को व्यापारी बनकर ई-मित्र वालों के खाते में कम राशि निकालने का बहाना बनाकर उनके खातों में गलती से बडी राशि ट्रांसफर करके उनसे नगद लेकर दुसरी जगह चले जाना व हुलीया बदल लेना जिससे पुलिस उनको पकड नही सके।

पुलिस टीम

साइबर थाने के पुलिस उप अधीक्षक गोपाल चंदेल, रूप सिंह पुलिस निरीक्षक, पुलिस लाईन के एएसआई देवीलाल, साइबर सेल के हैड कानि. राजकुमार, कानि. प्रवीण, साइबर थाने के कानि. रामनिवास, धर्मपाल, महेंद्र व नैना राम।

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