Dungarpur: बालश्रम के लिए गुजरात जा रहे 22 बच्चे करवाए मुक्त
डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से बाल श्रम के लिए ले जाए जा रहे 22 नाबालिग बच्चों का रेस्क्यू, तीन एजेंट भी डिटेन
उदयपुर , 4 दिसंबर 2025 - 3 एजेंट भी डिटेन, कैटरिंग के काम के लिए ले जा रहे थे गुजरात डूंगरपुर ज़िले में आरपीएफ,चाइल्ड लाइन व सृष्टि सेवा संस्थान ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बीती रात डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से बाल श्रम के लिए गुजरात जा रहे 22 बच्चों को मुक्त करवाया है। वही 3 एजेंट्स को डिटेन किया है। एजेंट्स डूंगरपुर जिले के विभिन्न गांवों से बच्चों को कैटरिंग कार्य के लिए गुजरात ले जा रहे थे। ये सभी चित्तौड़गढ़ से असारवा (गुजरात) जाने वाली ट्रेन में बैठकर जाने का इंतजार कर रहे थे।
डूंगरपुर जिले में बाल अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित चाइल्ड लाइन के समन्वयक मेहुल शर्मा ने बताया कि डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से आरपीएफ से सूचना मिली थी कि रेलवे स्टेशन पर कुछ बच्चे आए हुए है और गुजरात बाल श्रम के लिए ले जाने की आशंका है। जिस पर चाइल्ड लाइन, सृष्टि सेवा संस्थान, आरपीएफ ओर जीआरपी की टीम रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई। टीम को देखते ही बच्चों को ले जा रहे एजेंट भागने लगे।
टीम ने उन्हें रोका और पूछताछ कि तो गुमराह करते रहे। एजेंट बोले वे बच्चों को नहीं जानते है। लेकिन जब बच्चों से पूछा तो उन्होंने पहले अंकल होने के बारे में बताया। फिर पिकनिक जाने का कहकर गुमराह करते रहे। लेकिन सभी बच्चों से अलग अलग पूछताछ करने पर बच्चों ने सारी बात बता दी। स्टेशन से कुल 27 बच्चों का रेस्क्यू किया।
जिसने से 22 बच्चे नाबालिग पाए गए। जिनकी उम्र 11 से 16 साल के बीच है। जबकि 5 बच्चे बालिग पाए गए। वही उन्हें ले जा रहे 3 एजेंट को डिटेन किया गया । एजेंट जयचंद, आशीष ओर संजय ने बताया कि कैटरिंग के कार्य के लिए डूंगरपुर जिले के झोथरी, बेडसा, सीमलवाड़ा ओर मेवाड़ा गांव से 22 बच्चों को गुजरात ले जा रहे थें। डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से चित्तौड़गढ़ से असारवा जाने वाली ट्रेन में बच्चों को ले जाने वाले थे। बाल श्रमिकों को मुक्त करवाने के बाद टीम ने सीडब्लूसी के समक्ष पेश किया। जहां से सीडब्लूसी ने बाल श्रमिकों को बाल संप्रेषण गृह भेजने के निर्देश दिए है।
वही दलालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के भी निर्देश दिए है।
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