सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत राय एवं उसकी पत्नी सहित 27 पर उदयपुर में एफआईर दर्ज

सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत राय एवं उसकी पत्नी सहित 27 पर उदयपुर में एफआईर दर्ज

पुलिस थानाधिकारी प्रतापनगर, उदयपुर को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 420, 406, 467, 468, 471 के तहत एफ आई आर दर्ज कर त्वरित कार्यवाही करने के आदेश दिए। 
 
sahara india
सहारा इंडिया समूह सुब्रत राय सहारा श्री, पत्नी स्वप्ना राय 27 अधिकारियों पर न्यायालय ने दिए एफ आई आर दर्ज करने के आदेश 

उदयपुर 16 नवंबर 2021। न्यायिक मजिस्ट्रेट क्र.सं- एक (दक्षिण), उदयपुर ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत एक परिवाद पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय द्वारा ऑफ़ कम्पनीज एंड सोसायटी के मुख्य चेयरमेन सुब्रत रॉय सहारा सहित अन्य प्रबंधन स्वप्ना रॉय पत्नी सुब्रत रॉय, ओ.पी. श्रीवास्तव, जॉय ब्रदर रॉय, जिया कादरी, अलख कुमार सिंह, जितेन्द्र कुमार वार्शनीय, प्रशांत कुमार वर्मा, करुणेश अवस्थी, डी.के. श्रीवास्तव, अरविन्द उपाध्याय,  बी.पी. श्रीनिवास, समर मंडल, पी.बी. श्रीनिवास, अरविन्द उपाध्याय, बिपिन बिहारी शुक्ला, नीरज मिश्रा, राकेश कुमार सिंह, के.बाला वनिता, रेनू सेनगुप्ता, संगेश्वर सिंह, एस. के. रैज़दा, डायरेक्टर, स्वप्न घोष, डायरेक्टर, जोनल मेनेजर रमेश केवलरमाणी, सहारा ग्रुप उदयपुर के फ्रेंचाइजी मेनेजर दिनेश कुमार नागदा, सेक्टर मेनेजर नवनीत शर्मा, रीजनल मेनेजर मनोज जैन के विरुद्ध पुलिस थानाधिकारी प्रतापनगर, उदयपुर को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 420, 406, 467, 468, 471 के तहत एफ आई आर दर्ज कर त्वरित कार्यवाही करने के आदेश दिए। 

प्रार्थी राजेश कुमार शर्मा निवासी उदयपुर एवं उनकी पत्नी द्वारा जरिये जिला पुलिस अधीक्षक, उदयपुर पुलिस थाना प्रतापनगर में रिपोर्ट दिए जाने के बावजूद कोई कानूनी कार्यवाही नही करने पर न्यायालय, न्यायिक मजिस्ट्रेट क्र.सं- एक (दक्षिण), उदयपुर में एडवोकेट नरेन्द्र कुमार जोशी एवं एडवोकेट अशोक कुमार डांगी के माध्यम से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत परिवाद प्रस्तुत किया जिस पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय द्वारा उक्त आदेश दिए गए I 

पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले एडवोकेट नरेंद्र कुमार जोशी ने बताया की सहारा क्रेडिट को ओपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, मल्टी स्टेट को ओपरेटिव एक्ट 2002 के अंतर्गत रजिस्टर्ड होकर रजिस्टर्ड कार्यालय लखनऊ स्थित है एवं इसके फ्रेंचाइजी, सेक्टर एवं रीजनल कार्यालय उदयपुर में स्थित है I उदयपुर के फ्रेंचाइजी मेनेजर दिनेश नागदा के साथ तत्कालीन सेक्टर मेनेजर एवं रीजनल मेनेजर ने प्रार्थी राजेश कुमार शर्मा से सम्पर्क कर भारत वर्ष में सहारा इंडिया परिवार की ख्यातनाम छवि और प्रतिष्ठा का बखान करते हुए छल कारित करते हुए प्रार्थी राजेश कुमार शर्मा को ही एडवाइजर बना प्रार्थीगण की लाखो रुपयों की राशि विपक्षी सोसायटी में निवेश करवा दी जबकि विपक्षीगण उस वक्त यह बात जानते थे की सहारा इंडिया द्वारा पूर्व से ही निवेशको को राशि का भुगतान नही किया जा रहा है। 

एडवोकेट नरेंद्र कुमार जोशी ने बताया की विपक्षीगण ने इस तथ्य को छुपाते हुए षड्यंत्र रचा और प्रार्थी एवं उसकी पत्नी का क्रमश:  89,05,760/- एवं प्रार्थी की पत्नी का 5,62,000/- रुपया मात्र निवेश करा दिया जिसकी परिपक्वता अवधि पूर्ण हुए काफी समय होने पर भी राशि का भुगतान नही किया गया और विपक्षीगण द्वारा परिपक्वता राशि को पुनः निवेश करने हेतु दबाव डाला जाकर मिथ्या जानकारी दी गई की सहारा सेबी के विवाद के चलते सोसायटी भुगतान नही कर पा रही है किन्तु वास्तविकता यह है की सोसायटी के संदर्भ में सेबी की कोई भूमिका ही नही है क्यूंकि उक्त सोसायटी न तो सेबी के अधिकार क्षेत्र में आती है और न ही भारतीय रिजर्व बैंक के अंतर्गत आती है I 

बकौल एडवोकेट नरेन्द्र जोशी विगत कई वर्षो से सहारा संस्था प्रमुख द्वारा भारत वर्ष के विभिन्न समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से सहारा सेबी विवाद के नाम पर निवेशको को परिपक्वता राशि का मय ब्याज भुगतान किये जाने के नाम पर मात्र गुमराह ही किया जा रहा है जबकि वास्तविकता है की जिस सोसायटी में आम निवेशको द्वारा निवेश किया गया है उस पर कोई कानूनी प्रतिबन्ध नही है और न ही सहारा सेबी विवाद का उक्त सोसायटी से कोई सम्बन्ध है। 

इस मामले को आधार बनाते हुए राशि के भुगतान के संदर्भ में केन्द्रीय रजिस्ट्रार भारत सरकार सहित सहारा प्रबंधन को एडवोकेट नरेन्द्र कुमार जोशी के माध्यम से विधिक सुचना पत्र प्रेषित किया गया किन्तु केन्द्रीय रजिस्ट्रार भारत सरकार एवं सहारा प्रबंधन द्वारा कोई संज्ञान नही लिए जाने पर प्रार्थीगण द्वारा आपराधिक कार्यवाही करने बाबत जिला पुलिस अधीक्षक, उदयपुर को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसे पुलिस थाना प्रतापनगर द्वारा सिविल नेचर बता कार्यवाही बंद कर दी जिससे व्यथित हो प्रार्थीगण ने न्यायालय की शरण ली जिस पर न्यायालय ने त्वरित संज्ञान लेते हुए पुलिस थानाधिकारी प्रतापनगर, उदयपुर को त्वरित प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करने के आदेश दिए I

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  WhatsApp |  Telegram |  Signal

From around the web