आगामी 26 सितंबर को होने वाली रीट परीक्षा से दो दिन पहले एक फर्जीवाड़े का खुलासा सामने आया है। आदिवासी इलाके में गरीब युवाओं को रीट परीक्षा पास करवाने के लिए फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के मामले में एक सरकारी टीचर को पकड़ा है। सरकारी टीचर फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के एवज में प्रत्येक अभ्यर्थी 5 से 8 लाख रुपए तक ले रहा था। पुलिस की कार्रवाई में सरकारी टीचर के कमरे से 12 से 17 लाख रुपए, फर्जी आधार कार्ड और रीट समेत अन्य कई प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।
पुलिस से मिली सूचना के मुताबिक बताया जा रहा है कि आरोपी शिक्षक भंवरलाल पिछले 15 सालों से डूंगरपुर जिले में कार्यरत है। जिस कॉम्प्लेक्स में उसने किराए पर कमरा ले रखा था, वहां निजी कॉलेज है। इस कॉलेज को रीट का सेंटर भी बनाया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी रीट समेत तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में पास करवाने और फर्जी परीक्षार्थी बैठाने की एवज में मोटी रकम ले रहा था।
रीट परीक्षा को लेकर 5 से 8 लाख रुपए में करने की सूचना मिली थी। आरोपी शिक्षक भंवरलाल इन दस्तावेजों को अपने किसी अन्य साथी को भेजता था, जो डमी अभ्यर्थियों को बैठाने का प्लान करता था। इस मामले में कई और आरोपी शामिल होना बताए जा रहे है जिनके तार उदयपुर तक जुड़े हुए है। वहीं बताया जा रहा है कि यह खुद भी इसी तरह फर्जी परीक्षा देकर टीचर बना था।
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