उदयपुर 20 फरवरी 2020। कल शहर में दिल्ली में कार्यरत उदयपुर निवासी गाइड अनुराग पटवा हत्याकांड का खुलासा उदयपुर पुलिस ने 24 घंटे में ही करते हुए हत्याकांड के चारो आरोपियों को धर दबोच लिया।
कल शहर में हुए हत्याकांड में पहले मामला का आपसी रंजिश का जताया जा रहा था लेकिन पुलिस ने घटना का पटाक्षेप करते हुए बताया की अनुराग पटवा की हत्या लूट की वजह से हुई है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार ने बताया की हत्या और लूट के इस प्रकरण में अल्फ़ेज़ मोहम्मद उर्फ़ अजमेरी पुत्र नवाब मोहम्मद उम्र 20 साल निवासी मल्लातलाई, 19 वर्षीय प्रताप भाटी उर्फ़ बिच्छू पुत्र बाबूलाल ढोली निवासी गांधीनगर अम्बामाता, 19 वर्षीय सोयल उर्फ़ पोया पुत्र शब्बीर उर्फ़ सलीम निवासी फारुख आज़म नगर एवं 20 वर्षीय गौरव जीनगर पुत्र भंवरलाल जीनगर निवासी रामपुरा को गिरफ्तार किया है।
परसो रात को अनुराग पटवा का पैसो के लेनदेन को लेकर उसके मित्र से झगड़ा हुआ था। फोन पर काफी समय से झगड़े के बाद अनुराग अपने घर से कुछ दूरी पर अपनी कार में बैठकर शराब का नशा कर रहा था और तेज़ आवाज़ में म्यूजिक सुन रहा था इस बीच उसके पिता ने उसको घर पर आने को कहा लेकिन अनुराग ने अनुसना कर दिया। इस दरमियान अनुराग को अकेला पाकर अल्फ़ेज़ उर्फ़ अजमेरी, गौरव, प्रताप भाटी उर्फ़ बिच्छू और सोयल उर्फ़ पोया लूट की नियत से अनुराग के पास आये और सिगरेट मांगी तभी अल्फ़ेज़ उर्फ़ अजमेरी ने जेब से चाक़ू निकालकर अनुराग के सीने और पेट पर वार कर दिया। फिर अल्फ़ेज़ ने प्रताप उर्फ़ बिच्छू और गौरव की सहायता से अनुराग को उसी की कार के पीछे वाली सीट पर डालकर मौके से कार सहित फरार हो गए।
कोडियात रोड पर कालारोही गांव में सुनसान रोड पर ले जाकर अनुराग को नीचे पटक दिया एवं उसके पर्स, दो मोबाईल फोन एवं कार को लूटकर फरार हो गए।
आरोपियों ने लूट की नियत से जिस वीभत्स हत्याकांड को अंजाम दिया उसके पर्स में मात्र 4000 रूपये ही मिले। हालाँकि दो मोबाईल फोन भी आरोपियों ने लूट लिए थे। पुलिस अब हत्या में प्रयुक्त चाकू, अनुराग की कार अब भी तलाश कर रही है।
मृतक अनुराग के पिता के अनुसार दो दिन पूर्व ही अनुराग दिल्ली से उदयपुर आया हुआ था। हत्या वाली रात को रुपयों के लेनदेन को लेकर कर्तव्य राज सिंह हाड़ा उर्फ़ चन्ना से उसका झगड़ा हुआ था। पुलिस ने कर्तव्य राज सिंह हाडा उर्फ़ चन्ना और शोभित उर्फ़ बब्बी को तलाश कर डिटेन किया और विस्तृत छानबीन की। लेकिन पुलिस को इस हत्याकांड का कोई तार जुड़ता नज़र नहीं आया।
इस बीच पुलिस ने लूट की आशंका के मद्देनज़र भी जांच चालु रखी.तभी पुलिस को मुखबिर के ज़रिये सूचना मिली की उस लूटपाट और हत्याकांड में अल्फ़ेज़ और उसके साथी शामिल हो सकते है। पुलिस ने अल्फ़ेज़ को दस्तयाब कर उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने वारदात कबूल की।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार ने बताया की इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी को सुलझाने में वृत्ताधिकारी (गिर्वा) श्रीमती प्रेम धनदे, सूरजपोल थानाधिकारी रामसुमेर मीणा, नाई थानाधिकारी मुकेश कुमार, साइबर सेल हेड कांस्टेबल गजराज सिंह, कांस्टेबल लोकेश कुमार, सूरजपोल थाना के हेड कांस्टेबल ओमवीर सिंह, अर्जुन सिंह, चेतन कुमार, बजरंग सिंह, करतार सिंह, उम्मेद सिंह, अम्बामाता थाना के हेड कांस्टेबल गणेश सिंह, मनोहर सिंह, बुद्धनारायण सिंह, गोवर्धन विलास थाना के हेड कांस्टेबल राजेंद्र सिंह, राजेंद्र, इंद्र सिंह, जगदीश कुमार और संतोष को मुख्य भूमिका रही।
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