महंगा पड़ा टिक टोक का शौक, पकड़ा गया लाखों की ठगी का आरोपी


महंगा पड़ा टिक टोक का शौक, पकड़ा गया लाखों की ठगी का आरोपी

वीडियो में यहाँ तक बता दिया कि वह उदयपुर में 420 का आरोपी है और पूना में कलर का काम कर रहा है
 
महंगा पड़ा टिक टोक का शौक, पकड़ा गया लाखों की ठगी का आरोपी
सोशल मीडिया टिक-टॉक पर वीडियो बनाकर डालने का शौक एक ठगी के आरोपी को इतना महंगा पड़ गया कि जैसे ही उसने अपनी वीडियों टिक टोक पर अपलोड किया और पुलिस ने साईबर सेल की सहायता से उसकी लोकेशन ट्रेस कर उसे दबोच लिया। आरोपी ने वीडियों में यह तक बता दिया कि वह उदयपुर में 420 का आरोपी है और वर्तमान में पूना में रहकर कलर का काम कर रहा है। इस पर उदयपुर पुलिस पूना गई और पूना में 50 बिल्डिंगों में तलाश कर उसे दबोच लिया। 

उदयपुर। सोशल मीडिया टिक-टॉक पर वीडियो बनाकर डालने का शौक एक ठगी के आरोपी को इतना महंगा पड़ गया कि जैसे ही उसने अपनी वीडियों टिक टोक पर अपलोड किया और पुलिस ने साईबर सेल की सहायता से उसकी लोकेशन ट्रेस कर उसे दबोच लिया। आरोपी ने वीडियों में यह तक बता दिया कि वह उदयपुर में 420 का आरोपी है और वर्तमान में पूना में रहकर कलर का काम कर रहा है। इस पर उदयपुर पुलिस पूना गई और पूना में 50 बिल्डिंगों में तलाश कर उसे दबोच लिया। 

गोवर्धन विलास पुलिस थानाधिकारी चेनाराम पचार ने बताया कि भंवरलाल पुत्र घासीराम जैन निवासी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेक्टर 14 ने मामला दर्ज करवाया कि उसके परिचित खेमराज पुत्र किशन गमेती निवासी पाराखेत गत दिनों उसके घर पर आया और कहा कि उसके परिचित बालूसिंह पुत्र सोहन सिंह निवासी ब्रम्हपुरी तितरड़ी व उनकी माता अपनी जमीन बेचना चाहते है। इसके बाद आरोपी इन मां-बेटों को लेकर आया और 5 करोड में सौदा तय किया और 50 लाख रूपए अलग-अलग समय पर ऐंठ लिए। 

जब भंवरलाल जमीन पर काम करने के लिए गया तो वहां पर कोई ओर महिला और एक पुरूष नज़र आए। पुरूष ने अपना नाम बालूसिंह और महिला को अपनी मां बताया, तब उसे ठगी का पता चला। 

इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू करते हुए इस प्रकरण में खेमराज उर्फ विक्रम गमेती निवासी पाराखेत, रोशन जंगी निवासी केशरपुरा एकलिंगपुरा, शंकरलाल डांगी निवासी कानपुर, पप्पु उर्फ कोबरा डांगी निवासी दक्षिणी विस्तार सी ब्लॉक, भंवरलाल डांगी निवासी कानपुर, हकरी बाई निवासी अमरा डुंगरी सेरिया सलुम्बर हाल उमरडा, प्रितम सिंह उर्फ बंटी निवासी सेक्टर 14, प्रेमसिंह निवासी देबारी, लालूराम सेन उर्फ फर्जी बना बालूसिंह सेन निवासी बिजाणा वल्लभनगर हाल रेबारीयो का गुड़ा प्रतापनगर, ताराचंद मीणा निवासी डी ब्लॉक सविना को गिरफ्तार किया था। 

इस प्रकरण में इस गिरोह का मुख्य आरोपी दिनेशनाथ पुत्र दौलतनाथ निवासी सिंहाड डबोक फरार चल रहा था, जिसकी तलाश की जा रही थी। 

तलाश के दौरान आरोपी दिनेश नाथ ने टिक-टॉक एप पर एक वीडियों अपलोड किया था। जिसमें उसने अपना नाम बताने के साथ ही यह भी बताया कि वह उदयपुर में एक 420 की वारदात करके आया हुआ है और वर्तमान में पूना में रहकर कलर का काम कर रहा है। इस पर हैड कांस्टबल गणेश सिंह, मनोहर सिंह, कांस्टेबल दिनेश सिंह, राकेश मेहता, राजेन्द्र सिंह, साईबर सेल के कांस्टेबल लोकेश रायकवाल की टीम पुणे महाराष्ट्र गई। 

पुलिस टीम द्वारा लगातार पुणे में निवासरत राजस्थानी परीवारों से सम्पर्क कर पैटिंग व कलर का कार्य करने वाले राजस्थानी लोगों की जानकारी प्राप्त की। राजस्थानियों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने पुणे के पींपरी चिंचवड़ के बाणेर ईलाके की करीब 50 से ज्यादा निर्माणाधीन बहुमंजिला ईमारतों में तलाश की। 

दो दिन तक लगातार इस स्थान के आसपास तलाश करने के बाद आरोपी दिनेश नाथ को पकड़ा गया। आरोपी को गिरफ्तार कर उदयपुर लाया गया, जिससे पूछताछ की जा रही है। आरोपी दिनेश नाथ के खिलाफ शहर के विभिन्न पुलिस थानों में धोखाधडी, हत्या का प्रयास, मारपीट के 4 प्रकरण दर्ज हैं। 

  

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