अंतर-ज़िला लूट गैंग का भंडाफोड़


अंतर-ज़िला लूट गैंग का भंडाफोड़ 

बुजुर्गों को निशाना बनाने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

 
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उदयपुर पुलिस ने एक अंतर-ज़िला लूट और नकबजनी गैंग का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग लंबे समय से उदयपुर, राजसमंद, सलूम्बर और आसपास के जिलों में लूट, चोरी और अन्य गंभीर अपराधों को अंजाम दे रही थी। गैंग के सदस्य बुजुर्ग महिलाओं को निशाना बनाते थे और उनके गहने छीनकर फरार हो जाते थे। 

गैंग के सदस्य लूट करने से पहले इलाके की रेकी करते थे। वे मज़दूरी या फेरी का काम करने के बहाने क्षेत्र में घूमते थे और अकेली बुजुर्ग महिलाओं को निशाना बनाते थे। बाइक पर सवार होकर आते, चाकू दिखाकर धमकाते और महिलाओं के कान-नाक से गहने छीनकर फरार हो जाते थे। कई मामलों में उन्होंने पीड़ित महिलाओं को धक्का देकर गिरा भी दिया, जिससे वे घायल हो गईं। डबोक थाना क्षेत्र में हाल ही में हुई लूट की घटनाओं के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की।  

जुनावास गांव की रहने वाली मोहनी बाई खेत से लौट रही थीं, जब बाइक सवार दो बदमाशों ने उनसे रास्ता पूछा और फिर अचानक उनके कान से सोने के झुमके खींच लिए। इस दौरान उनके कानों से खून बहने लगा। उनकी बेटी ने उन्हें संभाला और लुटेरों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे फरार हो गए।  

सालेरा कला की लक्ष्मी बाई डांगी अपने खेत से घर लौट रही थीं, जब बाइक सवार तीन बदमाशों ने उन्हें चाकू दिखाकर धमकाया और उनके कान से सोने के टोपस व गले से सोने का लॉकेट लूटकर भाग गए। नांदवेल गांव की राधी बाई भी खेत से घर लौट रही थीं, जब लुटेरों ने उन्हें धमकाकर उनकी सोने की नथ लूट ली।  

जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजना सुखवाल और सहायक पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने करीब 200 सीसीटीवी फुटेज खंगाले और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपियों की पहचान की।  

लगातार एक सप्ताह तक प्रयास करने के बाद पुलिस ने सलूम्बर क्षेत्र से दो आरोपियों प्रकाश मीणा (28) और लक्ष्मण उर्फ लख्मा मीणा (25) को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में इन आरोपियों ने 17 से अधिक लूट और नकबजनी की वारदातों में संलिप्त होने की बात कबूल की। गिरफ्तार आरोपी प्रकाश मीणा के खिलाफ पहले से ही लूट, नकबजनी, अपहरण, मारपीट, आर्म्स एक्ट और आबकारी एक्ट के तहत पांच मामले दर्ज हैं।  

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह बेहद शातिर तरीके से वारदात को अंजाम देता था और अपराध के बाद पहाड़ी इलाकों में छिप जाता था। गिरफ्तार आरोपियों से आगे की पूछताछ जारी है और उनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। पुलिस जल्द ही और खुलासे कर सकती है।  

इस कार्रवाई से न सिर्फ उदयपुर बल्कि आसपास के जिलों में भी राहत महसूस की जा रही है। पुलिस की मुस्तैदी और तकनीकी जांच से इस संगठित गिरोह का भंडाफोड़ हुआ, जिससे बुजुर्गों को लूटने वाले अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सका।
 

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