Online gambling युवाओं के लिए Drugs जितना ही घातक है?

Online gambling युवाओं के लिए Drugs जितना ही घातक है?

क्या आपको पता है आप के  बच्चे के मोबाइल फ़ोन में क्या चल रहा है ?
 

 
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उदयपुर ,02.02,24- जिस तरह पिछले लम्बे समय से देश में आलीशान पार्टियों में ड्रग परोसी जा रही है और Drug Peddlers द्वारा युवाओं को इसकी लत लगाकर उनकी युवा अवस्था को ख़राब किया जा रहा है ,उनकी सोचने की ताकत को खत्म किया जा रहा है उनकी जिंदगी को बर्बाद किया जा रहा है, उसी तरह देश में इन दिनों एक और नशा युवाओं के बीच पनप रहा है, वो है ऑनलाइन सट्टे का। जो की Drugs जितना घातक है।

युवाओं के लिए ही नहीं बल्कि देश के भविष्य के लिए भी यह नशा घातक है।  ऑनलाइन गेमिंग और ऑनलाइन सट्टा भी युवाओं की जिंदगी को दुर्षित करने और उसे बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार है। जो कहीं न कहीं उन्हें अपराध की दुनिया की ओर ले जा रहा है। इस वर्चुअल दुनिया (Virtual World) के अपराध में उतरने के बाद इसका नशा इस तरह युवाओं के सर चढ़ कर बोलता है की उसकी लत पूरा करने के लिए वो कोई भी हद पार करने के लिए तरह हो जाते है।

ये लत इतनी घातक है की इसमें अपने माँ-बाप के होनहार बच्चे अपनी और अपनी परिवारजन की  जिंदगी और भविष्य भी अन्धकार के डाल रहे है। इनमे अनपढ़, टपोरी युवा नहीं बल्कि देश के प्रतिष्ठित स्कूलों, कॉलेजेस और यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। 

ऐसी ही एक घटना उदयपुर के भोपालपुरा थानाक्षेत्र से भी सामने आई। 

दरअसल इस तरह की घटनाएं अमूमन सामने नहीं आ पाती क्युकी Online होने की वजह से ऐसी घटनाओं को उजागर कर पाना पुलिस के लिए वाकई में एक challenging task है , लेकिन ये घटना भी उस समय सामने आई जब शहर के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज के एक छात्र ने अपनी इस लत को पूरा करने के लिए क्राइम की राह चुनी। 

जी हां, हुआ यू की 19 साल के इस युवा ने इस ऑनलाइन सट्टे की लत के चलते हुए कर्जे को पूरा करने के लिए अपने ही एक दोस्त की बुजुर्ग दादी मां को टारगेट किया और कुछ करने से पहले ही पुलिस के हाथ आ गया। और उसके  बाद उसने पुलिस पूछताछ में पुलिस को बताया की वो ऑनलाइन सट्टा खेलने का आदि है जो पिछले कुछ महीनों से ही शुरू हुआ। उसने पुलिस को बताया की 12वी  क्लास में उसको 89% अंक प्राप्त हुए और वह पढ़ने में हमेशा बहुत अच्छा रहा है। 

उसने पुलिस को बताया की इंटेररनेट पर सैकड़ों वेबसाइट्स है ऑनलाइन सट्टा, गैंबलिंग, बैटिंग वगेराह में लिप्त है। उसने बताया की कुछ महीने पहले ही उसके स्कूल के एक सीनियर स्टूडेंट ने उसे पहली बार इस बारे में बताया था। जिसके बाद धीरे धीरे उसे इसकी लत लग गई। 

उसके बताया की वह 99 एक्सचेंज (99 EXCH) नामक बुक के जरिये पैसा लगता था, लेकिन इसके अलावा भी इंटरनेट पर ऑनलाइन सट्टे के नाम से कई नंबर उपलब्ध है, जिस पर संपर्क करके Whatapp पर संपर्क करके कुछ न्यूनतम राशि (minimum amount) जमा करवा कर इसकी शुरुआत की जाती है। फिर धीरे धीरे जान पहचान बन जाने के बाद राशि बढ़कर अलग अलग क्रिकेट मैचों, स्पोर्ट्स आदि पर पैसों की बाज़ी लगाई जाती है। शुरुआत में एडवांस राशि जमा करनी होती है लेकिन धीरे धीरे एडवांस देने की भी जरुरत नहीं रहती और वही समय होता है जब लोग कर्जे में डूबना शुरू हो जाते है। 

युवा की माने तो शहर में कई ऐसे युवा और भी है जो इस ऑनलाइन सट्टे में पैसा लगते है और पैसे जीतते और हारते हैं। उसने बताया की पिछले 3 महीनो में अब तक कई बार पैसे जीते और हारे हैं लेकिन अब तक की सब से बड़ी राशि जो वो हारा वो 14 हजार रूपए है। 

उसने पुलिस को इस बारे में और भी जानकारियाँ है,लेकिन ध्यान देने वाली बात ये हैं की माता पिता का बच्चों की जिंदगी में कितना रोल है, लेकिन ये अपने आप में एक गंभीर विषय है साथ ही एक दुखद परिस्थिति भी है की एक तरफ माता पिता अपने बच्चो के करियर को लेकर इतना सीरियस हैं और चाहते हैं की वह अच्छा मक़ाम हासिल कर ले तो वहीँ दूसरी ओर बच्चे बुरी सोहबत के चंगुल में आकर इस ऑनलाइन सट्टे और ड्रग के दल-दल में फंस जाते है। 

क्या ये ऑनलाइन सट्टा  ड्रग लेने जितना ही घातक नहीं है ?

क्या बच्चों को इन चीजों से दूर रखने की अत्यंत जरुरत नहीं है ?

क्या ये एक सोशल इवल नहीं है ?

क्या इस दीमक से हमारे युवाओं को बचाने  की जरुरत नहीं है ?

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