उदयपुर पुलिस ने एक अपहरण के मामले में कार्रवाई करते हुए स्थानीय व्यवसायी सुरेश के अपहरण में शामिल मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। सुरेश 11 सितंबर 2024 को गायब हो गए थे।
दरअसल मामला तब सामने आया जब पीड़ित सुरेश के छोटे भाई मोहन सेन ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मोहन को उनकी भाभी ललीता का फोन आया, जिसमें बताया गया कि सुरेश का फोन बंद है। चिंता जताते हुए मोहन ने सुरेश के काम के साथी श्रवण सिंह राठौड़ से संपर्क किया। श्रवण ने बताया कि उसने सुरेश को शाम 6 बजे भीलो के बेदला में छोड़ा था, और वह फतेहपुरा सामान खरीदने के लिए जा रहे थे।
सुरेश की सुरक्षा को लेकर चिंतित मोहन ने परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों के साथ मिलकर रात भर सुरेश की तलाश की। जब उनका पता नहीं चला, तो उन्होंने सुखेर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अचानक से सुरेश के मोबाइल नंबर से मोहन के भतीजे अनिल को एक संदेश मिला, जिसमें ₹5000 की फिरौती की मांग की गई। अनिल ने ₹2000 फोन पे से ट्रांसफर किए, जिसके बाद सुरेश का फोन बंद हो गया।
एसपी उदयपुर योगेश गोयल ने एक जांच टीम का गठन किया , जिसमें थानाधिकारी हिमांशु सिंह राजावत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा और डिप्टी एसपी कैलाश चंद्र शामिल थे।
पुलिस ने पहले ही दो संदिग्धों, करण सिंह और लक्ष्मी लाल, को गिरफ्तार किया था, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, अधिकारियों को अपहरण का मास्टरमाइंड नरेश डांगी के बारे में जानकारी मिली, जो मानपुरा रोड पर घूम रहा था।
पुलिस ने इस मामले मे कार्रवाई करते हुए नरेश को पकड़ने के लिए टीम भेजी। पुलिस को देखकर नरेश ने स्कोडा कार में भागने की कोशिश की, लेकिन उसे रोक लिया गया। नरेश डांगी, पुत्र हेमराज डांगी, को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने मामले में इस्तेमाल की गई स्कोडा कार, भी जब्त कर लिया।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि नरेश डांगी और करण सिंह दोनों ही इस अपहरण के मास्टरमाइंड हैं। नरेश से पूछताछ जारी है और अन्य वांछित आरोपियों की तलाश जारी है।
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