आपने तो सुना ही होगा कि एटीएम कार्ड क्लोनिंग से या फिर फोन पर बैंक के नाम से,फर्जी कॉल कर पिन और ओटीपी पूछ कर लोगों के खातों से पैसों की ठगी कर ली जाती थी, लेकिन अब आप सुनेगें तो हैरान हो जायेंगे। न किसी को एटीएम कार्ड दिया न ही किसी को ओटीपी बताई फिर भी खाते में से पैसे निकल गए।
उदयपुर में इस तरह की वारदातें बढ़ने लगी है। आपको बता दे कि जब आप जब भी कभी एटीम मशीन, रेस्तंरा या ऐसे स्थानों पर जहां अक्सर लोग कार्ड से पेमेंट है, उन स्थानों पर अपराधी नजर रखते है। अपराधी वाई-फाई स्कीमर का उपयोग करते है ये एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो किसी भी एटीएम टर्मिनल या फिर दुकानों में लगी पीओएस मशीनों से कनेक्ट हो जाता है।
अपराधी एटीएम से थोड़ी दूरी पर खड़े होकर डिवाइस को अपने लैपटॉप से कनेक्ट कर देते है, जैसे ही एटीएम से पैसे निकाले जाते है तो डिवाइस एटीएम कार्ड के सभी डेटा के साथ पिन नबंर की डिटेल भी चुरा ली जाती है। यही डेटा डिवाइस की मेमोरी में सेव हो जाता है। जिसके जरिए अपराधी कभी भी आपके खाते में से पैसे निकाल सकता है। ठगी की घटनाओं से बचने के लिए डेबिट कार्ड का उपयोग करने से बचे..वहीं स्कैन कोड के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करे जिससे आपका डेटा सुरक्षित रहेगा
By Alfiya Khan
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