उदयपुर 15 सितंबर 2022 । तीन राज्यों से मोस्ट वांटेड आरोपी को पकड़कर अपनी गाड़ी में लेकर जा रहे मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को रोककर रिश्वत लेने का आरोप लगाने और गिरफ्तार आरोपी को निकट के थाने में पहुंचाने की बजाय उसे छोड़ने के मामले में हाईकोर्ट जोधपुर ने उदयपुर एसीबी के इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश डीजी एसीबी को दिए है। साथ इस मामले की जांच एएसपी स्तर के अधिकारी से कराने के भी निर्देश दिए है।
मुंबई क्राइम ब्रांच के एसआई एवं हैड कांस्टेबल ने जोधपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की, इसमें बताया कि वह कुछ दिनों पूर्व तीन राज्यों के मोस्ट वाटेंड आरोपी उदयपुर निवासी दीपक सेठिया को गिरफ्तार करके मुंबई ले जा रहे थे, तभी रास्ते में एसीबी उदयपुर के सीआई रतनसिंह राजपुरोहित ने उनकी गाड़ी को रोका और तलाशी लेने के बहाने वाहन की चैकिंग की। वहीं दीपक सेठिया को उतारकर जाने दिया।
सीआई ने उनकी गाड़ी से 4.97 लाख रुपए बरामद दर्शाकर आरोपी को छोड़ने में मदद की। याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया कि मुंबई क्राइम ब्रांच तीन राज्यों के वांटेड को गिरफ्तार करके ले जा रही थी, उनके वाहन को रोकने का सीआई राजपुरोहित को कोई अधिकार नहीं था। वहीं यह भी सामने आया कि गाड़ी से बरामद की गई राशि को स्वयं राजपुरोहित ने ही जांच के बहाने रखा और उसकी बरामदगी दर्शा दी। साथ ही आरोपी सेठिया को पकड़ रखने की बजाय उसे जाने दिया।
अभियोजन पक्ष के मामले के अनुसार याचिकाकर्ताओं ने दीपक सेठिया को अवैध रूप से गिरफ्तार करने के बाद उसकी रिहाई के लिए 10 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने एसीबी के डीजी को आदेश दिया कि वह इस मामले में आरोपी सीआई राजपुरोहित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करें और मामले की पुन: जांच किसी एएसपी स्तर के अधिकारी से कराई जाए।
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