उदयपुर 7 मार्च 2020। जिले के केंद्रीय कारागृह (सेंट्रल जेलl) में बंद एक उम्र कैद के सजायाफ्ता कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक को कोर्ट ने स्वयं की दो वर्षीया मासूम पुत्री की हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। बताया जा रहा है कि सजा के दूसरे दिन ही कैदी ने जेल के शौचालय में शॉल का फंदा बनाकर फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई।
मृतक कैदी की पहचान सुजानगढ़ निवासी रामनिवास के रूप में की गई है। मूलतः सुजानगढ़ का रहने वाला रामनिवास उदयपुर में किराए के मकान में रहता था। अपनी पत्नी के चरित्र पर शक के चलते पत्नी और दो साल के बेटी से मारपीट करता था। 13 अक्टूबर 2015 को घर के बाहर रेलिंग पर मासूम बच्ची फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली थी। जांच के दौरान पुलिस ने मृतक बच्ची के पिता रामनिवास को गिरफ्तार किया था।
रामनिवास बेटी की हत्या के बाद से काफी परेशान था और जब उसे सजा मिली तो जेल में भी वह अवसाद की स्थिति में था। उनका जेल अस्पताल में इलाज भी किया गया था। शुक्रवार देर शाम जब जेल बंद होने के बाद कैदियों की गिनती की जा रही थी तब एक कैदी कम मिलने पर जेल प्रहरियों ने उसकी तलाश की। तलाशी के दौरान रामनिवास का शव जेल की उद्योग शाला के पास टॉयलेट के रोशनदान में शॉल से बने फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला।
जेल में कैदी द्वारा आत्महत्या करने की सूचना पर सूरजपोल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और कोर्ट से मजिस्ट्रेट भी जेल पहुंचे। मजिस्ट्रेट और पुलिस द्वारा देर रात तक अपनी कार्रवाइयों को पूरा किया गया और फिर मृतक रामनिवास के शव को मोर्चरी में शिफ्ट किया जहाँ आज शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।
रामनिवास को उसके पत्र के आधार पर ही दोषी माना गया था. बेटी की हत्या के समय रामनिवास में एक पत्र लिखा था जिसमें उसने लिखा था कि मैं जो कर रहा हूं उसका फल मुझे जरूर मिलेगा। इस पत्र में ही उसने अपनी पत्नी के चरित्र को लेकर भी लिखा था। पत्र की फॉरेंसिक जांच और लिखावट के नमूने मिलाने के बाद ही कोर्ट ने पत्र के आधार पर रामनिवास को दोषी माना और सजा सुनाई।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal